सोमेश्वर: नदियों में बाजार का कूड़ा फेंकने से जहां एक ओर नदियों का जल प्रदूषित हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर सिंचाई गूलों से खेतों कूड़ा पहुंचने से खेती बर्बाद हो रही है. इसी चलते रविवार को सोमेश्वर के व्यापारियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर कूड़ा निस्तारण हेतु जगह उपलब्ध करवाने की मांग की है.
बता दें कि उद्योग व्यापार मंडल सोमेश्वर तथा क्षेत्र के अनेक पंचायत प्रतिनिधियों सहित अनेक संगठनों से जुड़े लोगों ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा और जिला पंचायत अध्यक्ष को ज्ञापन भेजकर बाजार के कूड़े के निस्तारण के लिए व्यवस्था करने तथा मुख्य बाजार में एक सुलभ शौचालय बनाने की मांग की है. व्यापारियों का आरोप है कि जिला पंचायत अल्मोड़ा को क्षेत्र के व्यापारी पिछले 40 वर्षों से टैक्स का भुगतान करते आ रहे हैं, लेकिन जिला पंचायत बाजार में सुविधाओं के नाम पर एक सुलभ शौचालय तक नहीं बना सकी है.
पढ़े- देहरादून: सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क घूमने वालों से वसूला जुर्माना
व्यापारियों का कहना है कि बाजार का कूड़ा कोसी और साईं नदी में डालने से जहां एक ओर नदी का पानी दूषित होता है. वहीं, दूसरी ओर तहसील कार्यालय को जाने वाली सड़क के ऊपर बनी कोसी पुल के आसपास गंदगी का अंबार लगा रहता है, जिसमें आवारा जानवर मुंह मारते हैं. ऐसे में कूड़ा सिंचाई गूलों के माध्यम से खेतों तक पहुंच जाता है और किसानों की खेती भी पॉलिथीन प्लास्टिक आदि कूड़े से बंजर होने के कगार पर जा पहुंची है.
पढ़े- सावन शिवरात्रि 2020: टपकेश्वर महादेव मंदिर में बंदिशों के बीच दिखी आस्था
वहीं, व्यापार मंडल अध्यक्ष आनंद सिंह बोरा का कहना था कि बाजार के कूड़े के निस्तारण के लिए कई बार उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और थानाध्यक्ष सहित उच्च अधिकारियों के साथ वार्ता भी हो चुकी है और तहसील प्रशासन ने नदियों में कूड़ा डालने से मना भी कर दिया था, लेकिन हालात जस के तस हैं. कूड़ा निस्तारण के लिए कहीं स्थान का चयन ही नहीं किया जा सका है, जिस कारण कोसी नदी और साईं नदी का पानी दूषित हो रहा है.