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अल्मोड़ा: प्रधानों ने प्रवासियों के लिये संस्थागत क्वारंटाइन व्यवस्था की मांग की

अल्मोड़ा में इन दिनों हजारों की संख्या में प्रवासी अपने गृह जनपद पहुंच रहे हैं. ऐसे में ग्राम प्रधानों ने जिला प्रशासन से आने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन किए जाने की व्यवस्था की मांग की.

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ग्राम प्रधानों ने जिला प्रशासन ने होम क्वरंटाइन व्यवस्था की मांग
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Published : May 12, 2020, 1:32 PM IST

Updated : May 12, 2020, 7:53 PM IST

अल्मोड़ा: लॉकडाउन के तीसरे चरण में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ढील देने के लिए कहा था. इससे घर जाने वाले प्रवासियों की भीड़ सड़कों पर साफ देखी जा सकती है. अल्मोड़ा में हजारों की तादाद में प्रवासी इन दिनों घरों को वापस लौट रहे हैं. लॉकडाउन के तीसरे चरण के पहले दिन से अब तक यहां पर विभिन्न राज्यों में फंसे करीब चार हजार से अधिक प्रवासी अपने घर लौट आए हैं. जबकि, करीब 20 हजार लोगों ने घर वापसी के लिए पंजीकरण कराया है.

ग्राम प्रधानों ने प्रवासियों को होम क्वारंटाइन न करने की मांग की.

ग्राम प्रधानों का कहना है, कि ग्रामीण क्षेत्रों में घर एक दूसरे से मिले हुए हैं. एक परिवार के पास एक ही शौचालय है. ऐसे में घर आने वाले लोगों को होम क्वारंटाइन करने के लिए जगह नहीं है. ग्राम प्रधानों के मुताबिक प्रशासन को इन लोगों को 14 दिन तक संस्थागत क्वारंटाइन कराना चाहिए, क्योंकि गावों में ऐसी व्यवस्थाएं नहीं है, कि सभी को होम क्वारंटाइन कराया जा सके. उनका कहना है, कि प्रशासन की ओर से आने वाले लोगों को गावों के पंचायत भवनों या प्राइमरी स्कूलों में क्वारंटाइन करने की व्यवस्था करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में 69 कोरोना संक्रमितों की पुष्टि, देशभर में आंकड़ा 67 हजार के पार

वहीं, एसडीएम सीमा विश्वकर्मा का कहना है, कि अभी तक सरकार की ओर से ऐसी कोई गाइड लाइन तय नहीं की गई है. ऐसे में गांव आने वाले लोगों को मौजूदा नियमों के अनुसार उनके घरों में रह कर क्वरंटाइन का पालन करना होगा.

अल्मोड़ा: लॉकडाउन के तीसरे चरण में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ढील देने के लिए कहा था. इससे घर जाने वाले प्रवासियों की भीड़ सड़कों पर साफ देखी जा सकती है. अल्मोड़ा में हजारों की तादाद में प्रवासी इन दिनों घरों को वापस लौट रहे हैं. लॉकडाउन के तीसरे चरण के पहले दिन से अब तक यहां पर विभिन्न राज्यों में फंसे करीब चार हजार से अधिक प्रवासी अपने घर लौट आए हैं. जबकि, करीब 20 हजार लोगों ने घर वापसी के लिए पंजीकरण कराया है.

ग्राम प्रधानों ने प्रवासियों को होम क्वारंटाइन न करने की मांग की.

ग्राम प्रधानों का कहना है, कि ग्रामीण क्षेत्रों में घर एक दूसरे से मिले हुए हैं. एक परिवार के पास एक ही शौचालय है. ऐसे में घर आने वाले लोगों को होम क्वारंटाइन करने के लिए जगह नहीं है. ग्राम प्रधानों के मुताबिक प्रशासन को इन लोगों को 14 दिन तक संस्थागत क्वारंटाइन कराना चाहिए, क्योंकि गावों में ऐसी व्यवस्थाएं नहीं है, कि सभी को होम क्वारंटाइन कराया जा सके. उनका कहना है, कि प्रशासन की ओर से आने वाले लोगों को गावों के पंचायत भवनों या प्राइमरी स्कूलों में क्वारंटाइन करने की व्यवस्था करनी चाहिए.

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वहीं, एसडीएम सीमा विश्वकर्मा का कहना है, कि अभी तक सरकार की ओर से ऐसी कोई गाइड लाइन तय नहीं की गई है. ऐसे में गांव आने वाले लोगों को मौजूदा नियमों के अनुसार उनके घरों में रह कर क्वरंटाइन का पालन करना होगा.

Last Updated : May 12, 2020, 7:53 PM IST
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