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'बीजेपी-कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू, उत्तराखंड की बदहाली के लिए दोनों जिम्मेदार'

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी से ईटीवी भारत ने प्रदेश के मुद्दों के साथ ही आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बात की.

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उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी से खास बातचीत
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Published : Aug 22, 2021, 9:10 PM IST

अल्मोड़ा/देहरादून: आने वाले विस. चुनाव से लेकर प्रदेश ज्वलंत मुद्दों पर ईटीवी भारत ने क्षेत्रीय दल उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी से बात की. जिसमें उन्होंने खुलकर सारे सवालों के जवाब दिए. इस दौरान पीसी तिवारी ने उत्तराखंड के वर्तमान हालातों के लिए बीजेपी, कांग्रेस को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कहा इन दलों ने प्रदेश की जनता से जो वादे किये थे, आज वो सब झूठे साबित हुए हैं.

आध्यात्मिक राजधानी पर तिवारी का तंज: उत्तराखंड को देश की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के सवाल पर पीसी तिवारी ने कहा उत्तराखंड पहले से ही देवभूमि है. उन्होंने कहा अगर बनाना है तो उत्तराखंड को नशा मुक्त राज्य बनाइए. केजरीवाल पर निशाना साधते हुए पीसी तिवारी ने कहा दिल्ली में जब कोरोना कर्फ्यू जब लगा था. तब दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड की सरकारों ने शराब की दुकानें खोली. उन्होंने कहा अगर आप इतने संवेदनशील होते तो पहले आप उन्हें बंद करते.

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी से खास बातचीत.

पढ़ें- कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बांधी BSF जवानों की कलाई पर राखी, ऐसे मनाया रक्षाबंधन

उन्होंने कहा आध्यात्म तो व्यक्तिगत होता है, वो कुछ भी मान सकता है. ये आपके बनाने से नहीं होने वाला है. आपको तो भारत के संविधान के आधार पर काम करना चाहिए. पीसी तिवारी ने कहा इस तरह की बातें लोगों की भावनाओं का उपयोग करने के लिए किया जाता है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को इस तरह की बातों से बचने की नसीहत दी.

पढ़ें- देहरादून: सीएम आवास पहुंचकर महिलाओं और बच्चियों ने CM पुष्कर धामी को बांधी राखी

पीसी तिवारी ने कहा आज प्रदेश में बेरोजगारी, कृषि, खाद्यान संकट, जल, जंगल, जमीन की बात, वनाधिकारों की बात, वन पंचायतों की बात, नशे की समस्या पर बात होनी चाहिए. उन्होंने कहा आज प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा हो गया है. जगह-जगह स्टोन क्रशन लगाये गये हैं. यहां खनन का काम जोरों पर है. बाहर के लोग यहां आकर हिमालय की सीना भेदने में लगे हैं. प्रदेश की जनता की इसमें कोई भागीदारी नहीं है.

प्रदेश की जनता के हालात दिनों-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा सभी दलों को कहना चाहिए कि वे उत्तराखंड से बेराजगारी को खत्म करेंगी. उन्होंने कहा उत्तराखंड में अगर कोई भी संस्थान खुलता है तो उसमें 51 फीसदी भगीदारी स्थानीय लोगों की होनी चाहिए. अगर ऐसा होता है तो इससे रोजगार अपने आप बढ़ जाएगा.

पढ़ें- 'उत्तराखंड के लिए सशक्त भू-कानून जरूरी, प्राकृतिक संसाधनों पर चाहिए अधिकार'

मुख्यमंत्री रहे केंद्र की कठपुतलियां: बीजेपी के साढ़े चार साल के कार्यकाल और मुख्यमंत्री बदलने के सवाल पर पीसी तिवारी ने कहा बीजेपी और कांग्रेस एक सिक्के के दो पहलू हैं. उन्होंने कहा उत्तराखंड के बीजेपी नेता तो छोटी-छोटी बातें भी नहीं बोल सकते हैं. उन्होंने कहा उत्तराखंड में आज तक जो भी मुख्यमंत्री बना उसका राज्य के लिए अपना कोई विजन नहीं रहा. वे सभी केंद्र की कठपुतलियां रह चुके हैं. उन्होंने कहा कल आपने प्रदेश की जनता से जो वादे किये थे, आज वो सब झूठे साबित हुए हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड चुनाव से पहले BJP नेताओं के जहरीले बोल, लोकतंत्र की साख पर बट्टा

राज्य में एक के बाद हुए नेतृत्व परिवर्तन पर उन्होंने कहा इससे बीजेपी हाईकमान ने भी मान लिया है कि उन्होंने अच्छा काम नहीं किया है. लोगों में आपके मुख्यमंत्रियों के खिलाफ असंतोष है. ये इसकी स्वीकार्यता है.

पीसी तिवारी ने कहा उत्तराखंड की बदहाली, खाली होते गांव, पलायन, विस्थापन, बेराजगारी ये सभी राजनीतिक दलों की नाकामी की गवाह हैं. रोज मरती हुई गर्भवती महिलाएं, उनके रेफर करते लोग, आयुष्मान कार्ड का न चलना ये वो सभी चीजें हैं, जिसे लोग समझ गये हैं. राजनीतिक दल इस समझ को भ्रमित करना चाहते हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड चुनाव से पहले BJP नेताओं के जहरीले बोल, लोकतंत्र की साख पर बट्टा

उन्होंने कहा उत्तराखंड के बड़े अस्पतालों, शिक्षण संस्थाओं, एनजीओ सभी में इन दलों के नेताओं के हिस्से हैं. उन्होंने कहा इन लोगों से कोई नई उम्मीद करना बेइमानी है. उन्होंने कहा पुरानी कालिख को छुपाने के लिए ये लोग नया चेहरा दिखाते हैं. पीसी तिवारी ने कहा प्रदेश में मूल सवाल नीतियों, कार्यक्रमों, आपकी सोच, पहाड़ के बारे में आपकी जानकारियों का है.

देवस्थानम बोर्ड पर तिवारी का पक्ष: देवस्थानम बोर्ड को लेकर तिवारी ने कहा प्रदेश का कोई भी फैसला नौकरशाहों और चंद नेताओं को करने का अधिकार नहीं है. लोकतंत्र का मतलब भागीदारी से होता है. देवस्थानम बोर्ड के बनने न बनने का प्रपोजल सबसे पहले प्रभावित लोगों के पास जाना चाहिए था. उनकी राय के आधर पर ही कानून का निर्माण होना चाहिए था. सरकार ने ऐसा किया नहीं, बिना सोचे समझे इसे बना दिया गया. अब इसका रास्ता निकालना चाहते हैं.

जिला विकास प्राधिकरण का भी कुछ ये ही हाल था. विरोध के बाद सरकार के ही मंत्री ने कहा ये तो लूट का अड्डा है. उन्होंने कहा बीजेपी पूरी तरह से नौकरशाहों के हाथों में खेलने वाली पार्टी है. उत्तराखंड की राजनीति को इन्होंने अपराध और अराजकता का हिस्सा बना दिया है. बिना नाम लिये पीसी तिवारी ने कहा एक यहां कि मंत्री हैं जिनके पति के खिलाफ रोज वारंट निकाले जा रहे हैं. उन्होंने कहा ये संवेदनहीन सरकारें हैं.

पढ़ें- VIDEO: पहाड़ी महिलाओं का ऐसा झगड़ा देखा है कभी, बातों बातों में हो गया दे-दनादन

'नशा नहीं रोजगार दो' पर बोलते हुए पीसी तिवारी ने कहा कि लोग बिना शराब के रह सकते हैं. लेकिन, सरकारें बिना शराब के नहीं रह सकती हैं. यही कारण है जब कोरोना काल में सब कुछ बंद था तब सरकारों ने शराब की दुकानों को धड़ल्ले से खोल दिया. तब न देश के प्रधानमंत्री ने कुछ कहा और न ही गृहमंत्री ने. उन्होंने कहा शराब से जो राजस्व मिलता है वो सरकारों को नहीं बल्कि दलों के चुनाव फंड के रूप में इस्तेमाल होता है. जिसके कारण इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही लोग जनहित की नीतियां बनाने से पीछे हटते हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड के पूर्व सीएम बोले, 'केजरीवाल अर्बन नक्सल और बहुरुपिया, नहीं करेगा कोई भरोसा'

उपपा की क्या है स्थिति: उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की विधानसभा चुनाव को लेकर तैयार की गई रणनीतियों के सवाल पर पीसी तिवारी ने कहा हम लोग पिछले 3-4 दशक से उत्तराखंड के लिए संघर्ष कर रहे हैं, पर हमारे पोस्टर और बैनर किसी ने लगे हुए नहीं देखे होंगे.

उन्होंने कहा हमने हमेशा ही मुद्दों की लड़ाई लड़ी है. हम 24 घंटे जनता के बीच, जनता के लिए खड़े रहते हैं. उन्होंने कहा उत्तराखंड में हमारा व्यापक जनाधार है. उन्होंने कहा इस चुनाव में हम निश्चिच तौर पर हम प्रभावशाली भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा जनता में बीजेपी, कांग्रेस के खिलाफ बहुत आक्रोश है. जिसका लाभ हमें मिलेगा.

अल्मोड़ा/देहरादून: आने वाले विस. चुनाव से लेकर प्रदेश ज्वलंत मुद्दों पर ईटीवी भारत ने क्षेत्रीय दल उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी से बात की. जिसमें उन्होंने खुलकर सारे सवालों के जवाब दिए. इस दौरान पीसी तिवारी ने उत्तराखंड के वर्तमान हालातों के लिए बीजेपी, कांग्रेस को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कहा इन दलों ने प्रदेश की जनता से जो वादे किये थे, आज वो सब झूठे साबित हुए हैं.

आध्यात्मिक राजधानी पर तिवारी का तंज: उत्तराखंड को देश की आध्यात्मिक राजधानी बनाने के सवाल पर पीसी तिवारी ने कहा उत्तराखंड पहले से ही देवभूमि है. उन्होंने कहा अगर बनाना है तो उत्तराखंड को नशा मुक्त राज्य बनाइए. केजरीवाल पर निशाना साधते हुए पीसी तिवारी ने कहा दिल्ली में जब कोरोना कर्फ्यू जब लगा था. तब दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड की सरकारों ने शराब की दुकानें खोली. उन्होंने कहा अगर आप इतने संवेदनशील होते तो पहले आप उन्हें बंद करते.

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी से खास बातचीत.

पढ़ें- कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बांधी BSF जवानों की कलाई पर राखी, ऐसे मनाया रक्षाबंधन

उन्होंने कहा आध्यात्म तो व्यक्तिगत होता है, वो कुछ भी मान सकता है. ये आपके बनाने से नहीं होने वाला है. आपको तो भारत के संविधान के आधार पर काम करना चाहिए. पीसी तिवारी ने कहा इस तरह की बातें लोगों की भावनाओं का उपयोग करने के लिए किया जाता है. उन्होंने अरविंद केजरीवाल को इस तरह की बातों से बचने की नसीहत दी.

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पीसी तिवारी ने कहा आज प्रदेश में बेरोजगारी, कृषि, खाद्यान संकट, जल, जंगल, जमीन की बात, वनाधिकारों की बात, वन पंचायतों की बात, नशे की समस्या पर बात होनी चाहिए. उन्होंने कहा आज प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा हो गया है. जगह-जगह स्टोन क्रशन लगाये गये हैं. यहां खनन का काम जोरों पर है. बाहर के लोग यहां आकर हिमालय की सीना भेदने में लगे हैं. प्रदेश की जनता की इसमें कोई भागीदारी नहीं है.

प्रदेश की जनता के हालात दिनों-दिन बिगड़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा सभी दलों को कहना चाहिए कि वे उत्तराखंड से बेराजगारी को खत्म करेंगी. उन्होंने कहा उत्तराखंड में अगर कोई भी संस्थान खुलता है तो उसमें 51 फीसदी भगीदारी स्थानीय लोगों की होनी चाहिए. अगर ऐसा होता है तो इससे रोजगार अपने आप बढ़ जाएगा.

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मुख्यमंत्री रहे केंद्र की कठपुतलियां: बीजेपी के साढ़े चार साल के कार्यकाल और मुख्यमंत्री बदलने के सवाल पर पीसी तिवारी ने कहा बीजेपी और कांग्रेस एक सिक्के के दो पहलू हैं. उन्होंने कहा उत्तराखंड के बीजेपी नेता तो छोटी-छोटी बातें भी नहीं बोल सकते हैं. उन्होंने कहा उत्तराखंड में आज तक जो भी मुख्यमंत्री बना उसका राज्य के लिए अपना कोई विजन नहीं रहा. वे सभी केंद्र की कठपुतलियां रह चुके हैं. उन्होंने कहा कल आपने प्रदेश की जनता से जो वादे किये थे, आज वो सब झूठे साबित हुए हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड चुनाव से पहले BJP नेताओं के जहरीले बोल, लोकतंत्र की साख पर बट्टा

राज्य में एक के बाद हुए नेतृत्व परिवर्तन पर उन्होंने कहा इससे बीजेपी हाईकमान ने भी मान लिया है कि उन्होंने अच्छा काम नहीं किया है. लोगों में आपके मुख्यमंत्रियों के खिलाफ असंतोष है. ये इसकी स्वीकार्यता है.

पीसी तिवारी ने कहा उत्तराखंड की बदहाली, खाली होते गांव, पलायन, विस्थापन, बेराजगारी ये सभी राजनीतिक दलों की नाकामी की गवाह हैं. रोज मरती हुई गर्भवती महिलाएं, उनके रेफर करते लोग, आयुष्मान कार्ड का न चलना ये वो सभी चीजें हैं, जिसे लोग समझ गये हैं. राजनीतिक दल इस समझ को भ्रमित करना चाहते हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड चुनाव से पहले BJP नेताओं के जहरीले बोल, लोकतंत्र की साख पर बट्टा

उन्होंने कहा उत्तराखंड के बड़े अस्पतालों, शिक्षण संस्थाओं, एनजीओ सभी में इन दलों के नेताओं के हिस्से हैं. उन्होंने कहा इन लोगों से कोई नई उम्मीद करना बेइमानी है. उन्होंने कहा पुरानी कालिख को छुपाने के लिए ये लोग नया चेहरा दिखाते हैं. पीसी तिवारी ने कहा प्रदेश में मूल सवाल नीतियों, कार्यक्रमों, आपकी सोच, पहाड़ के बारे में आपकी जानकारियों का है.

देवस्थानम बोर्ड पर तिवारी का पक्ष: देवस्थानम बोर्ड को लेकर तिवारी ने कहा प्रदेश का कोई भी फैसला नौकरशाहों और चंद नेताओं को करने का अधिकार नहीं है. लोकतंत्र का मतलब भागीदारी से होता है. देवस्थानम बोर्ड के बनने न बनने का प्रपोजल सबसे पहले प्रभावित लोगों के पास जाना चाहिए था. उनकी राय के आधर पर ही कानून का निर्माण होना चाहिए था. सरकार ने ऐसा किया नहीं, बिना सोचे समझे इसे बना दिया गया. अब इसका रास्ता निकालना चाहते हैं.

जिला विकास प्राधिकरण का भी कुछ ये ही हाल था. विरोध के बाद सरकार के ही मंत्री ने कहा ये तो लूट का अड्डा है. उन्होंने कहा बीजेपी पूरी तरह से नौकरशाहों के हाथों में खेलने वाली पार्टी है. उत्तराखंड की राजनीति को इन्होंने अपराध और अराजकता का हिस्सा बना दिया है. बिना नाम लिये पीसी तिवारी ने कहा एक यहां कि मंत्री हैं जिनके पति के खिलाफ रोज वारंट निकाले जा रहे हैं. उन्होंने कहा ये संवेदनहीन सरकारें हैं.

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'नशा नहीं रोजगार दो' पर बोलते हुए पीसी तिवारी ने कहा कि लोग बिना शराब के रह सकते हैं. लेकिन, सरकारें बिना शराब के नहीं रह सकती हैं. यही कारण है जब कोरोना काल में सब कुछ बंद था तब सरकारों ने शराब की दुकानों को धड़ल्ले से खोल दिया. तब न देश के प्रधानमंत्री ने कुछ कहा और न ही गृहमंत्री ने. उन्होंने कहा शराब से जो राजस्व मिलता है वो सरकारों को नहीं बल्कि दलों के चुनाव फंड के रूप में इस्तेमाल होता है. जिसके कारण इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के ही लोग जनहित की नीतियां बनाने से पीछे हटते हैं.

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उपपा की क्या है स्थिति: उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी की विधानसभा चुनाव को लेकर तैयार की गई रणनीतियों के सवाल पर पीसी तिवारी ने कहा हम लोग पिछले 3-4 दशक से उत्तराखंड के लिए संघर्ष कर रहे हैं, पर हमारे पोस्टर और बैनर किसी ने लगे हुए नहीं देखे होंगे.

उन्होंने कहा हमने हमेशा ही मुद्दों की लड़ाई लड़ी है. हम 24 घंटे जनता के बीच, जनता के लिए खड़े रहते हैं. उन्होंने कहा उत्तराखंड में हमारा व्यापक जनाधार है. उन्होंने कहा इस चुनाव में हम निश्चिच तौर पर हम प्रभावशाली भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा जनता में बीजेपी, कांग्रेस के खिलाफ बहुत आक्रोश है. जिसका लाभ हमें मिलेगा.

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