अल्मोड़ा: लंबे इंतजार के बाद जिले में स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के सोबन सिंह जीना कैंपस को अब अलग से विश्वविद्यालय का दर्जा मिल गया है. यह अब सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय बन गया है. साथ ही कुमाऊं विश्वविद्यालय से इसका अब सालों पुराना नाता टूट गया है. राजभवन से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद विधायी और संसदीय कार्य विभाग ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है. इस नए विश्वविद्यालय के बनने के बाद अब कुमाऊं के तीन जिलों पिथौरागढ़, चंपावत और बागेश्वर के कैंपस इससे संबद्ध होंगे.
बता दें कि पिछले साल सरकार ने अल्मोड़ा में कैबिनेट बैठक कर सोबन सिंह जीना कैंपस को विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद पिछले दिनों राजभवन से इस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद शासन ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अब जल्द ही अल्मोड़ा स्थित सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति होगी.
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सोबन सिंह जीना परिसर के निदेशक जगत सिंह बिष्ट ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए खुशी व्यक्त की है. उनका कहना है कि कुमाऊं में इस नए विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने के बाद छात्रों को सुविधा मिलेगी. साथ ही पहाड़ी क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. उल्लेखनीय है कि कुमाऊं में करीब 47 साल बाद दूसरा विश्वविद्यालय अस्तित्व में आया है.
गौर हो कि लंबे जनांदोलन के बाद साल 1973 में कुमाऊं विश्वविद्यालय बना था. इस नए विश्वविद्यालय के बनने से अब छात्रों को इसका सीधा फायदा मिलेगा. अब रिसर्च और शोधपरक विषय खुलेंगे. विश्वविद्यालय के कार्यों के लिए युवाओं को नैनीताल दौड़ नहीं लगानी होगी. साथ ही पहले से अस्तिव में आया आवासीय विश्वविद्यालय भी अब इसी में मर्ज हो चुका है.