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त्रिवेंद्र सरकार से नाखुश हुए सवर्ण कर्मचारी, विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने की दी चेतावनी

सवर्ण कर्मचारियों का कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस के विधायक सवर्णों के पक्ष में बात तक नहीं कर रहें हैं. ऐसे में संगठन प्रदेश स्तर पर 2022 में सवर्ण विधायक प्रत्याशियों को सभी विधानसभा सीटों पर उतारेगा

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त्रिवेंद्र सरकार से नाखुश हुए सवर्ण कर्मचारी
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Published : Mar 20, 2020, 10:53 PM IST

अल्मोड़ा: पदोन्नति में आरक्षण खत्म होने के बाद भी जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के कर्मचारी शांत नहीं हैं. नाराज कर्मचारी संगठन ने सरकार को चेताते हुए सीधी भर्ती में पहले पद को आरक्षित करने के विरोध में नई पार्टी बनाने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में ये पार्टी सेवारत कर्मचारियों को चुनावी मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है.

त्रिवेंद्र सरकार से नाखुश हुए सवर्ण कर्मचारी

अल्मोड़ा में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं माना है. इसके बाद भी त्रिवेन्द्र सरकार ने मामले को इतने दिनों तक अटकाये रखा. जबकि जनरल ओबीसी कर्मचारियों के आंदोलन के बाद उनके पक्ष में फैसला लिया गया. लेकिन फिर भी सरकार ने सवर्णों को चिढ़ाने के लिए सरकारी नियुक्ति में पहला पद आरक्षित कर दिया.

पढ़ें- कोरोना की दहशत: नैनी-दून जनशताब्दी और नंदा देवी एक्सप्रेस ट्रेन 31 मार्च तक के लिए रद्द

कर्मचारियों का कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस के विधायक सवर्णों के पक्ष में बात तक नहीं कर रहें हैं. ऐसे में संगठन प्रदेश स्तर पर 2022 में सवर्ण विधायक प्रत्याशियों को सभी विधानसभा सीटों पर उतारेगा. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि प्रदेश में लाखों सवर्ण कर्मचारी हैं लेकिन सत्ता और विपक्ष के लोग उनकी अहमियत नहीं समझ रहे हैं.

अल्मोड़ा: पदोन्नति में आरक्षण खत्म होने के बाद भी जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के कर्मचारी शांत नहीं हैं. नाराज कर्मचारी संगठन ने सरकार को चेताते हुए सीधी भर्ती में पहले पद को आरक्षित करने के विरोध में नई पार्टी बनाने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में ये पार्टी सेवारत कर्मचारियों को चुनावी मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है.

त्रिवेंद्र सरकार से नाखुश हुए सवर्ण कर्मचारी

अल्मोड़ा में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण को मौलिक अधिकार नहीं माना है. इसके बाद भी त्रिवेन्द्र सरकार ने मामले को इतने दिनों तक अटकाये रखा. जबकि जनरल ओबीसी कर्मचारियों के आंदोलन के बाद उनके पक्ष में फैसला लिया गया. लेकिन फिर भी सरकार ने सवर्णों को चिढ़ाने के लिए सरकारी नियुक्ति में पहला पद आरक्षित कर दिया.

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कर्मचारियों का कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस के विधायक सवर्णों के पक्ष में बात तक नहीं कर रहें हैं. ऐसे में संगठन प्रदेश स्तर पर 2022 में सवर्ण विधायक प्रत्याशियों को सभी विधानसभा सीटों पर उतारेगा. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि प्रदेश में लाखों सवर्ण कर्मचारी हैं लेकिन सत्ता और विपक्ष के लोग उनकी अहमियत नहीं समझ रहे हैं.

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