अल्मोड़ा: मुख्यमंत्री के जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करने की घोषणा के बाद भी अभी तक डीडीए को समाप्त करने का शासनादेश जारी न नहीं हो पाया है. जिसके विरोध में सर्वदलीय संघर्ष समिति ने गहरा रोष व्यक्त किया है. सर्वदलीय संघर्ष समिति अभी भी धरने पर है. आज जिला विकास प्राधिकरण को खत्म करने की मांग को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गांधी पार्क में धरना दिया.
इस मौके पर अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि सरकार ने 2017 में बिना पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति का अध्ययन किये समूचे उत्तराखंड में मनमाने तरीके से जिलास्तरीय विकास प्राधिकरण लागू कर दिया. उसके बाद से ही पूरे पर्वतीय क्षेत्र की जनता इस प्राधिकरण का विरोध कर रही है. भाजपा सरकार प्राधिकरण के मुद्दे पर जनता को केवल आश्वासन दे रही है. इससे प्रतीत होता है कि भाजपा की इस सरकार को जनता के दुःख तकलीफों से कुछ भी लेना देना नहीं है.
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तिवारी ने कहा कि उन्होंने कांंग्रेसियों के साथ भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल को जनता की मांग पर डीडीए समाप्त करने के लिए ज्ञापन भी प्रेषित किये. मगर अभी तक प्राधिकरण को समाप्त न किया जाना प्रदर्शित करता है कि प्रदेश की भाजपा सरकार का जनता से कितना सरोकार है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी आज लोग इस प्राधिकरण के कारण बेहद परेशान हैं. उन्होंने कहा बीते दिनों अल्मोड़ा पहुंचकर सीएम ने जिला विकास प्राधिकरण को स्थगित करने की बात कही थी. परन्तु अभी तक इसका शासनादेश तक जारी नहीं हो सका. अब ऐसे में जनता अपने भवन निर्माण मानचित्र स्वीकृति के लिए कहां जाए यह सोचनीय विषय है.