अल्मोड़ाः उत्तराखंड में हाईकोर्ट के आदेश पर जहां अतिक्रमण पर जगह-जगह बुलडोजर गरज रहे हैं तो वहीं अल्मोड़ा में लोक निर्माण विभाग के नाक के नीचे विभाग की जमीन पर धड़ल्ले से अतिक्रमण हो रहा है. आरोप है कि लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को इसकी जानकारी भी है, लेकिन सभी आंखे मूंदे हुए है. जबकि, इस संबंध में लोगों ने विभाग से शिकायत भी की है. सार्वजनिक भूमि संरक्षण मामले में लोक निर्माण विभाग अपनी कई सार्वजनिक भूमियों को बचाने में विफल नजर आ रही है.
दरअसल, अल्मोड़ा नगर के टैक्सी स्टैंड तिराहे से लगे जीजीआईसी प्रधानाचार्य आवास के पास लंबे समय से एक निर्माण कार्य कराया जा रहा है. जिससे लोनिवि की भूमि पर बना कलपट एवं दीवार पूरी तरह क्षतिग्रत हो गई है. आरोप है कि उसमें अतिक्रमण कर कॉलम भी डाल दिए गए हैं. जिसके कारण प्रधानाचार्य आवास, सार्वजनिक भूमि, सड़क और नाले आदि प्रभावित हो चुके हैं. कभी भी सड़क का एक हिस्सा गिर सकता है. शिकायत मिलने के बाद भी विभाग के अधिकारी सुस्त रवैया अपना रहे हैं.
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जीजीआईसी के प्रधानाचार्य आवास को खतराः राजा आनंद सिंह राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आवास के पास निर्माण कार्य के दौरान नाले को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया. जिससे बरसात में नाले का पानी प्रधानाचार्य आवास में घुस गया. इतना ही नहीं निर्माण कार्य शुरू होने के बाद लिंक रोड का काफी हिस्सा धंस चुका है. यह दीवार कभी भी भरभराकर प्रधानाचार्य आवास पर गिर सकती है.
वर्तमान में प्रधानाचार्य आवास में जीजीआईसी में तैनात कर्मचारी और उनका परिवार रहता है. सड़क की दीवार धंसने और नाले के क्षतिग्रस्त होने के बाद आवास में घुस रहे पानी से क्षति हो सकती है. इसी आशंका को लेकर विद्यालय प्रशासन की ओर से लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका से इसकी शिकायत की गई है. बावजूद इसके मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, इस मामले में स्कूल की प्रधानाचार्य सुधा उप्रेती ने डीएम समेत लोनिवि एवं नगर पालिका से शिकायत कर निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की है.
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क्या कह रहे अधिकारीः विद्यालय प्रशासन की ओर से बीते 5 सितंबर को नगर पालिका और लोक निर्माण विभाग में पत्र भेजकर मामले की शिकायत की थी. शिकायत के बाद नगर पालिका के अधिकारी जरूर मौके पर गए, लेकिन उन्होंने मामला पीडब्ल्यूडी से जुड़ा होना बताया. जबकि, क्षतिग्रस्त नाले को लेकर नगर पालिका की ओर से पीडब्ल्यूडी को नोटिस भेजा जा सकता था, लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया. जबकि, पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदार अधिकारी शिकायत के बाद भी मौके पर नहीं गए. शिकायत के दो हफ्ते बाद भी विभाग पर कार्रवाई न करने का आरोप भी है.
लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस का कहना है कि मामले का संज्ञान ले लिया गया है. मामले में अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित किया गया है. अधिकारियों ने राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर जाकर निरीक्षण किया. जहां अतिक्रमण मिला है. वहीं, अतिक्रमणकारी की ओर से सार्वजनिक भूमि को जो क्षति पहुंचाई गई, विभाग ने उस पर कार्रवाई शुरू कर दी है. उसे अतिक्रमण हटाने का समय दिया जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.
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