प्रतापनगर: भदूरा के लगभग 29 गांवों को पानी की सप्लाई देने के लिए साल 2016 में 23 करोड़ की लागत से प्रताप नगर पंपिंग योजना तैयार की गई. लेकिन इस योजना से अभी तक रैका और ओण पट्टी के लगभग 15 गांवों को ही लाभ मिल रहा है. बाकि के 14 गांव आज भी पानी की भारी दिक्कतों से जूझ रहे हैं.
बता दें कि करीब 33 साल पहले प्रतापनगर के लोगों ने इस पंपिंग योजना की मांग की थी. 2006 में सरकार द्वारा मांग पूरी होने पर प्रताप नगर पंपिंग योजना को स्वीकृति मिली थी. जिसके बाद 2008 में इसका कार्य प्रारंभ किया गया. जिसके बाद साल 2016 में 23 करोड़ की लागत से यह योजना पूरी हुई. लेकिन अभी तक क्षेत्र के करीब 14 गांव पानी की भारी दिक्कतों से जुझ रहे हैं. वहीं जिन गांवों में पानी पहुंच भी रहा है, वहां भी लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ता है.
वहीं जब मामले को लेकर ईटीवी भारत ने जल निगम के एक्ससीएन से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि इस पंपिंग योजना में बकाया 70 प्रतिशत योजना जल संस्थान को हैंड ओवर कर दी है. अब पानी को लिफ्ट करना और पानी का डिस्ट्रीब्यूशन जल संस्थान का काम है.
वहीं जल संस्थान के एक्ससीएन ने बताया कि आधी अधूरी योजना और लाइन ठीक से ना बिछी होने के चलते पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है. साथ ही कहा कि जल निगम अभी भी लाइनों पर काम कर रहा है. लाइनें ठीक होते ही सभी गांवों में पानी की सप्लाई हो पाएगी.