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पैसों की कमी के कारण BSNL नहीं लगा पा रहा टावर ! सीमांत के लोग नेपाली सिम के सहारे

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Published : Sep 1, 2020, 1:25 PM IST

कुमाऊं मंडल के सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल की संचार व्यवस्था बजट के अभाव में अटकी पड़ी है. विगत दो सालों से बजट के अभाव में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल एक भी नया टावर नहीं लगा पाया है.

bsnl
बीएसएनएल

अल्मोड़ा: कुमाऊं मंडल के सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल की संचार व्यवस्था बजट के अभाव में अटकी पड़ी है. विगत दो सालों से बजट के अभाव में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल एक भी नया टावर नहीं लगा पाया है. लेकिन इसके बावजूद भी बीएसएनएल का दावा है कि इन क्षेत्रों में बीएसएनएल ने अब तक 70 फीसदी एरिया को कवर किया है.

सीमांत के लोग नेपाली सिम के सहारे

बता दें कि, भारत की नेपाल सीमा से लगे विशेषकर पिथौरागढ़ जनपद के दुर्गम क्षेत्रों में नेपाली दूरसंचार कंपनियों की घुसपैठ की खबरें लंबे समय से आ रही हैं. यहां संचार की व्यवस्था नहीं होने का फायदा नेपाली दूरसंचार कंपनियां उठा रही हैं. इन क्षेत्रों में भारतीय लोगों द्वारा नेपाली सिम के उपयोग करने की बातें सामने आ चुकी हैं. जिसको लेकर अल्मोड़ा एसएसए बीएसएनएल महाप्रबंधक अनिल कुमार गुप्ता का कहना है कि नेपाल से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों चंपावत से लेकर पिथौरागढ़ के धारचूला आदि क्षेत्रों में बीएसएनएल लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहा है.

यहां इन क्षेत्रों में बीएसएनएल के 20 से 22 टावर लगे हैं. इन क्षेत्रों में अब तक 70 फीसदी एरिया को बीएसएनल कवर कर चुका था लेकिन विगत दो सालों से बजट के अभाव में बीएसएनएल का यहां कार्य अधर में लटका है. जिस कारण बीएसएनएल यहां विगत दो सालों से एक भी नया टावर नहीं लगा पाया है. यही कारण है कि नेपाल से लगे कई दुर्गम क्षेत्रों में बीएसएनएल अपनी सेवाएं देने में अक्षम है.

पढ़ें: अजय भट्ट ने खटीमा के शहीदों को एक दिन पहले दे दी श्रद्धांजलि, सांसद को आज जाना था दिल्ली

आश्चर्य की बात यह है कि बीएसएनएल निरंतर बजट का रोना रो रहा है और क्षेत्रवासी भी अपनी किस्मत का रोना रो रहे हैं. अभी हाल ही में दुर्गम क्षेत्र की पोल खुली थी. उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के रामपुर गांव निवासी प्रियंका दीवान ने यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा-2019 में 257वीं रैंक हासिल की है. परंतु उसे अपने पिता को इस खबर को पहुंचाने में दो दिन का वक्त लगा. जब उसके पिता नेटवर्क एरिया में आए तभी जाकर फोन के द्वारा उसने अपने पिता को परीक्षा में उत्तीर्ण होने की सूचना दी.

अल्मोड़ा: कुमाऊं मंडल के सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल की संचार व्यवस्था बजट के अभाव में अटकी पड़ी है. विगत दो सालों से बजट के अभाव में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएनएल एक भी नया टावर नहीं लगा पाया है. लेकिन इसके बावजूद भी बीएसएनएल का दावा है कि इन क्षेत्रों में बीएसएनएल ने अब तक 70 फीसदी एरिया को कवर किया है.

सीमांत के लोग नेपाली सिम के सहारे

बता दें कि, भारत की नेपाल सीमा से लगे विशेषकर पिथौरागढ़ जनपद के दुर्गम क्षेत्रों में नेपाली दूरसंचार कंपनियों की घुसपैठ की खबरें लंबे समय से आ रही हैं. यहां संचार की व्यवस्था नहीं होने का फायदा नेपाली दूरसंचार कंपनियां उठा रही हैं. इन क्षेत्रों में भारतीय लोगों द्वारा नेपाली सिम के उपयोग करने की बातें सामने आ चुकी हैं. जिसको लेकर अल्मोड़ा एसएसए बीएसएनएल महाप्रबंधक अनिल कुमार गुप्ता का कहना है कि नेपाल से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों चंपावत से लेकर पिथौरागढ़ के धारचूला आदि क्षेत्रों में बीएसएनएल लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहा है.

यहां इन क्षेत्रों में बीएसएनएल के 20 से 22 टावर लगे हैं. इन क्षेत्रों में अब तक 70 फीसदी एरिया को बीएसएनल कवर कर चुका था लेकिन विगत दो सालों से बजट के अभाव में बीएसएनएल का यहां कार्य अधर में लटका है. जिस कारण बीएसएनएल यहां विगत दो सालों से एक भी नया टावर नहीं लगा पाया है. यही कारण है कि नेपाल से लगे कई दुर्गम क्षेत्रों में बीएसएनएल अपनी सेवाएं देने में अक्षम है.

पढ़ें: अजय भट्ट ने खटीमा के शहीदों को एक दिन पहले दे दी श्रद्धांजलि, सांसद को आज जाना था दिल्ली

आश्चर्य की बात यह है कि बीएसएनएल निरंतर बजट का रोना रो रहा है और क्षेत्रवासी भी अपनी किस्मत का रोना रो रहे हैं. अभी हाल ही में दुर्गम क्षेत्र की पोल खुली थी. उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल ब्लॉक के रामपुर गांव निवासी प्रियंका दीवान ने यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा-2019 में 257वीं रैंक हासिल की है. परंतु उसे अपने पिता को इस खबर को पहुंचाने में दो दिन का वक्त लगा. जब उसके पिता नेटवर्क एरिया में आए तभी जाकर फोन के द्वारा उसने अपने पिता को परीक्षा में उत्तीर्ण होने की सूचना दी.

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