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माओवादी भास्कर पांडे के खिलाफ राजद्रोह का नया मुकदमा दर्ज, 13 सितंबर को हुई थी गिरफ्तारी

गिरफ्तारी के बाद भास्कर पांडे के पास से बरामद पैन ड्राइव में पार्टी का अलग संविधान एवं प्रतिबंधित संगठन से संबंधित साहित्य पाया गया. अब इस मामले की जांच एसएसपी अल्मोड़ा ने सीओ रानीखेत से वापस लेकर सीओ अल्मोड़ा को सौंप दी है.

Bhaskar Pandey
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Published : Oct 2, 2021, 10:47 PM IST

अल्मोड़ा: माओवादी भास्कर पांडे के खिलाफ अब अल्मोड़ा पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया है. जांच अधिकारी सीओ रानीखेत तपेश कुमार ने कोतवाली में धारा 124-ए के तहत यह मुकदमा दर्ज कराया है.

दरअसल, गिरफ्तारी के बाद भास्कर पांडे के पास से बरामद पैन ड्राइव में पार्टी का अलग संविधान एवं प्रतिबंधित संगठन से संबंधित साहित्य पाया गया. अब इस मामले की जांच एसएसपी अल्मोड़ा ने सीओ रानीखेत से वापस लेकर सीओ अल्मोड़ा को सौंप दी है.

भास्कर पर सोमेश्वर और द्वाराहाट के साथ ही नैनीताल के धारी में लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मामले दर्ज हैं. भास्कर पांडे को रिमांड में लेकर पुलिस ने बीते शनिवार और रविवार को कड़ी पूछताछ की थी. उससे मिले पैन ड्राइव से भी कई राज खंगाले गए थे. गहन पूछताछ और पैन ड्राइव से मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस की ओर से राजद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है.

पढ़ें- माओवादी भास्कर पांडे से बरामद पेन ड्राइव से मिले कई सबूत, जानिए कैसे टूटा संगठन

भारत में कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असंतोष को भड़काने का प्रयास करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए का मुकदमा दर्ज किया जाता है. इसके बाद भास्कर राजद्रोह का आरोपी हो गया है. हालांकि इसकी अभी जांच होगी.

बता दें कि भास्कर को पुलिस और एसटीएफ की टीम ने 13 सितंबर को जिले के पेटशाल में हरिदत्त पेटशाली इंटर कॉलेज के पास पैदल रास्ते से गिरफ्तार किया था. इससे पहले उसके खिलाफ इस बीच धारा 420, 468 व 471 के तहत भी नया मामला भी दर्ज किया गया था.

पढ़ें- 20 हजार का इनामी माओवादी भास्कर पांडे गिरफ्तार, 2017 से चल रहा था फरार

माओवादी भास्कर पांडे (36) पुत्र शिवानंद पांडे ग्राम भगरतोला जागेश्वर तहसील भनोली जिला अल्मोड़ा का रहने वाला है. पुलिस उसे गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ सबूत जुटाने में जुटा रही. इसके बाद यह नया मामला दर्ज किया गया है. भास्कर को उत्तराखंड में अकेला माओवादी बताया जा रहा है.

एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि माओवादी से बरामद दोनों पैनड्राइव की जांच के लिए पुलिस ने न्यायालय से अनुमति मांगी थी. जांच में जो चीजें सामने आईं हैं. उस आधार पर राजद्रोह का मुकदमा लिखा गया है. मामले की अभी जांच जारी है. उन्होंने बताया कि इसकी जांच अब सीओ अल्मोड़ा राजेंद्र सिंह रौतेला करेंगे.

अल्मोड़ा: माओवादी भास्कर पांडे के खिलाफ अब अल्मोड़ा पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया है. जांच अधिकारी सीओ रानीखेत तपेश कुमार ने कोतवाली में धारा 124-ए के तहत यह मुकदमा दर्ज कराया है.

दरअसल, गिरफ्तारी के बाद भास्कर पांडे के पास से बरामद पैन ड्राइव में पार्टी का अलग संविधान एवं प्रतिबंधित संगठन से संबंधित साहित्य पाया गया. अब इस मामले की जांच एसएसपी अल्मोड़ा ने सीओ रानीखेत से वापस लेकर सीओ अल्मोड़ा को सौंप दी है.

भास्कर पर सोमेश्वर और द्वाराहाट के साथ ही नैनीताल के धारी में लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मामले दर्ज हैं. भास्कर पांडे को रिमांड में लेकर पुलिस ने बीते शनिवार और रविवार को कड़ी पूछताछ की थी. उससे मिले पैन ड्राइव से भी कई राज खंगाले गए थे. गहन पूछताछ और पैन ड्राइव से मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस की ओर से राजद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है.

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भारत में कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति असंतोष को भड़काने का प्रयास करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए का मुकदमा दर्ज किया जाता है. इसके बाद भास्कर राजद्रोह का आरोपी हो गया है. हालांकि इसकी अभी जांच होगी.

बता दें कि भास्कर को पुलिस और एसटीएफ की टीम ने 13 सितंबर को जिले के पेटशाल में हरिदत्त पेटशाली इंटर कॉलेज के पास पैदल रास्ते से गिरफ्तार किया था. इससे पहले उसके खिलाफ इस बीच धारा 420, 468 व 471 के तहत भी नया मामला भी दर्ज किया गया था.

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माओवादी भास्कर पांडे (36) पुत्र शिवानंद पांडे ग्राम भगरतोला जागेश्वर तहसील भनोली जिला अल्मोड़ा का रहने वाला है. पुलिस उसे गिरफ्तार करने के बाद उसके खिलाफ सबूत जुटाने में जुटा रही. इसके बाद यह नया मामला दर्ज किया गया है. भास्कर को उत्तराखंड में अकेला माओवादी बताया जा रहा है.

एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि माओवादी से बरामद दोनों पैनड्राइव की जांच के लिए पुलिस ने न्यायालय से अनुमति मांगी थी. जांच में जो चीजें सामने आईं हैं. उस आधार पर राजद्रोह का मुकदमा लिखा गया है. मामले की अभी जांच जारी है. उन्होंने बताया कि इसकी जांच अब सीओ अल्मोड़ा राजेंद्र सिंह रौतेला करेंगे.

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