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Avalanche: पर्वतारोही शुभम सांगूड़ी का शव बरामद, पंचतत्व में विलीन हुए अल्मोड़ा के अजय बिष्ट - पर्वतारोही शुभम सांगूड़ी का शव बरामद

उत्तरकाशी एवलॉन्च (Uttarkashi Avalanche) के बाद शवों के मिलने का सिलसिला जारी है. शवों के मिलते ही उनकी शिनाख्त के बाद उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है. एवलॉन्च में लापता चल रहे नैनीताल निवासी पर्वतारोही शुभम सांगूड़ी (Nainital Mountaineer Shubham Sangudi) का शव भी बरामद कर लिया गया है. रेस्क्यू के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया. वहीं, आज उत्तरकाशी एवलॉन्च हादसे में जान गंवाने वाले अल्मोड़ा के पर्वतारोही अजय बिष्ट का अंतिम संस्कार (Climber Ajay Bisht cremated) किया गया.

Avalanche
उत्तरकाशी के द्रौपदी डांडा एवलॉन्च
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Published : Oct 8, 2022, 3:09 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 4:31 PM IST

अल्मोड़ा/नैनीताल: उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा-II में आए एवलॉन्च (Uttarkashi avalanche) के बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आज 7 शवों को एडवांस बेस कैंप से मातली हेलीपैड (Matli helipad) लाया गया (Seven dead bodies brought). पोस्टमॉर्टम के बाद इन शवों को परिजनों के सुपुर्द किया गया. अभी भी तीन शव एडवांस बेस कैंप में फंसे हुए हैं. इन शवों को लाने का प्रयास किया जा रहा है.

उत्तरकाशी के द्रौपदी डांडा एवलॉन्च में लापता चल रहे नैनीताल निवासी पर्वतारोही शुभम सांगूड़ी का शव बरामद किया गया. रेस्क्यू के बाद बरामद किया गया शव शिनाख्त के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. उत्तरकाशी जिला प्रशासन की ओर से नैनीताल डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल को यह जानकारी दी गई है. शुभम का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा स्थित सांगड गांव में किया जाएगा.

बता दें शुभम के पिता दिवान सिंह नैनीताल में टैक्सी चालक हैं. पिछले दिनों बेटे के लापता होने से पिता समेत अन्य परिजन उत्तरकाशी को रवाना हो गए थे. शुभम का शव शनिवार को बरामद किया गया. शुभम की माता का दो साल पहले बीमारी से निधन हो गया था, जबकि उसकी बहन रुद्रपुर में नौकरी करती है. शुभम 10 सितंबर को नैनीताल से उत्तरकाशी गया था. 14 को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में गया. एमबीए पास शुभम पहले भी ट्रेकिंग दलों में जा चुका है. वह पर्वतारोहण में ही कैरियर बनाना चाहता था, लेकिन उससे पहले ही ये हादसा हो गया.

पढ़ें- एवलॉन्च स्पेशल: माउंटेनियरिंग एडवेंचर में डर के आगे जीत है, ऐसे रहें सुरक्षित

अल्मोड़ा में पर्वतारोही अजय बिष्ट की अंत्येष्टि: वहीं, उत्तरकाशी के द्रौपदी डांडा में एवलॉन्च हादसे का शिकार हुए अल्मोड़ा के पर्वतारोही अजय बिष्ट का शव भी आज अल्मोड़ा पहुंचा. जिसके बाद अजय बिष्ट का नम आखों के साथ विश्वनाथ घाट में अंत्येष्टि की गई. चिता को मृतक के भाई और चाचा ने मुखाग्नि दी. इस दौरान विधायक मनोज तिवारी समेत नगर के विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए लोग मौजूद रहे.

अजय बिष्ट का अभी 5 माह पूर्व ही विवाह हुआ था. पर्वतारोही अजय बिष्ट भी अपने साथियों के साथ उत्तरकाशी गए हुए थे. शुरू से ही पर्वतारोहण के शौकीन अजय अपने पर्वतारोहण कोर्स के लिए दल के साथ गए थे. लेकिन अचानक आये द्रौपदी के डांडा में एवलॉन्च हादसे का वह भी अपने साथियों के साथ शिकार हो गए. पर्वतारोही अजय बिष्ट का शव चार दिन बाद बरामद हुआ.

पढ़ें- उत्तरकाशी एवलॉन्च: सात शव मातली हेलीपैड लाए गए, 3 अभी भी एडवांस बेस कैंप में फंसे

बता दें नगर के गोपालधारा निवासी धीरेंद्र सिंह बिष्ट और जानकी बिष्ट के तीन बच्चों में अजय बिष्ट सबसे बड़े हैं. अजय ने कुर्मांचल एकेडमी से विज्ञान वर्ग से 12वीं की पढ़ाई की. इसके बाद देहरादून से बीटेक की पढ़ाई पूरी की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बावजूद उन्हें पर्वतारोहण का जबरदस्त शौक था. पिछले तीन चार सालों से वह पर्वतारोहण से जुड़े थे.

उन्होंने असाम से भी पर्वतारोहण का कोर्स किया था. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) से एडवेंचर में एडवांस कोर्स करने के लिए संस्थान में दाखिला लिया था. उनका कोर्स पूरा होने वाला था. इसके बाद उनकी कोच बनकर पर्वतारोहियों को पर्वतारोहण कराने की तमन्ना थी लेकिन ये हसरत पूरी न हो सकी.

अल्मोड़ा/नैनीताल: उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा-II में आए एवलॉन्च (Uttarkashi avalanche) के बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. आज 7 शवों को एडवांस बेस कैंप से मातली हेलीपैड (Matli helipad) लाया गया (Seven dead bodies brought). पोस्टमॉर्टम के बाद इन शवों को परिजनों के सुपुर्द किया गया. अभी भी तीन शव एडवांस बेस कैंप में फंसे हुए हैं. इन शवों को लाने का प्रयास किया जा रहा है.

उत्तरकाशी के द्रौपदी डांडा एवलॉन्च में लापता चल रहे नैनीताल निवासी पर्वतारोही शुभम सांगूड़ी का शव बरामद किया गया. रेस्क्यू के बाद बरामद किया गया शव शिनाख्त के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. उत्तरकाशी जिला प्रशासन की ओर से नैनीताल डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल को यह जानकारी दी गई है. शुभम का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा स्थित सांगड गांव में किया जाएगा.

बता दें शुभम के पिता दिवान सिंह नैनीताल में टैक्सी चालक हैं. पिछले दिनों बेटे के लापता होने से पिता समेत अन्य परिजन उत्तरकाशी को रवाना हो गए थे. शुभम का शव शनिवार को बरामद किया गया. शुभम की माता का दो साल पहले बीमारी से निधन हो गया था, जबकि उसकी बहन रुद्रपुर में नौकरी करती है. शुभम 10 सितंबर को नैनीताल से उत्तरकाशी गया था. 14 को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में गया. एमबीए पास शुभम पहले भी ट्रेकिंग दलों में जा चुका है. वह पर्वतारोहण में ही कैरियर बनाना चाहता था, लेकिन उससे पहले ही ये हादसा हो गया.

पढ़ें- एवलॉन्च स्पेशल: माउंटेनियरिंग एडवेंचर में डर के आगे जीत है, ऐसे रहें सुरक्षित

अल्मोड़ा में पर्वतारोही अजय बिष्ट की अंत्येष्टि: वहीं, उत्तरकाशी के द्रौपदी डांडा में एवलॉन्च हादसे का शिकार हुए अल्मोड़ा के पर्वतारोही अजय बिष्ट का शव भी आज अल्मोड़ा पहुंचा. जिसके बाद अजय बिष्ट का नम आखों के साथ विश्वनाथ घाट में अंत्येष्टि की गई. चिता को मृतक के भाई और चाचा ने मुखाग्नि दी. इस दौरान विधायक मनोज तिवारी समेत नगर के विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए लोग मौजूद रहे.

अजय बिष्ट का अभी 5 माह पूर्व ही विवाह हुआ था. पर्वतारोही अजय बिष्ट भी अपने साथियों के साथ उत्तरकाशी गए हुए थे. शुरू से ही पर्वतारोहण के शौकीन अजय अपने पर्वतारोहण कोर्स के लिए दल के साथ गए थे. लेकिन अचानक आये द्रौपदी के डांडा में एवलॉन्च हादसे का वह भी अपने साथियों के साथ शिकार हो गए. पर्वतारोही अजय बिष्ट का शव चार दिन बाद बरामद हुआ.

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बता दें नगर के गोपालधारा निवासी धीरेंद्र सिंह बिष्ट और जानकी बिष्ट के तीन बच्चों में अजय बिष्ट सबसे बड़े हैं. अजय ने कुर्मांचल एकेडमी से विज्ञान वर्ग से 12वीं की पढ़ाई की. इसके बाद देहरादून से बीटेक की पढ़ाई पूरी की. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बावजूद उन्हें पर्वतारोहण का जबरदस्त शौक था. पिछले तीन चार सालों से वह पर्वतारोहण से जुड़े थे.

उन्होंने असाम से भी पर्वतारोहण का कोर्स किया था. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) से एडवेंचर में एडवांस कोर्स करने के लिए संस्थान में दाखिला लिया था. उनका कोर्स पूरा होने वाला था. इसके बाद उनकी कोच बनकर पर्वतारोहियों को पर्वतारोहण कराने की तमन्ना थी लेकिन ये हसरत पूरी न हो सकी.

Last Updated : Oct 8, 2022, 4:31 PM IST
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