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पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन रोकने की कवायद तेज, प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने पर सरकार देगी ध्यान - अल्मोड़ा में बैठक

पलायन आयोग के उपाध्यक्ष शरद नेगी ने बताया कि उत्तराखंड में बढ़ रहे पलायन को रोकने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. साथ ही पलायन को लेकर विभिन्न गंभीर मामलों पर बातचीत हुई. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की जनसंख्या अधिक होने के कारण यहां महिलाओं को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने की जरूरत है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

पलायन आयोग ने की बैठक.
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Published : Feb 19, 2019, 9:29 PM IST

अल्मोड़ा: उत्तराखंड को नए राज्य का दर्ज मिलने के बाद से ही पहाड़ी जिलों में पलायन लगातार बढ़ता ही जा रहा है. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी पहाड़ों से पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश में पौड़ी जिले के बाद पलायन में दूसरा नंबर अल्मोड़ा जिले का है, जहां सबसे ज्यादा पलायन हुआ है. इस स्थिति को देखते हुए पलायन आयोग ने अल्मोड़ा के विकास भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही बैठक में पलायन को लेकर विभिन्न मसलों को लेकर चर्चा की गई.

पलायन आयोग ने की बैठक.

पलायन आयोग के उपाध्यक्ष शरद नेगी ने बताया कि उत्तराखंड में बढ़ रहे पलायन को रोकने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. साथ ही पलायन को लेकर विभिन्न गंभीर मामलों पर बातचीत हुई. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की जनसंख्या अधिक होने के कारण यहां महिलाओं को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने की जरूरत है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

पढ़ें:बोर्ड परीक्षा को लेकर बच्चों पर न होने दें तनाव हावी, पैरेंट्स रखें इस बात का विशेष ध्यान

ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय कम है, जिसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने की जरूरत है. वहीं, अल्मोड़ा पलायन में दूसरे नम्बर पर है. यहां के कुछ विकासखंड जो सूखा प्रभावित है, वहां कुछ ज्यादा ही पलायन है. इन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही बैठक के बाद विकास खंडवार रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.

अल्मोड़ा: उत्तराखंड को नए राज्य का दर्ज मिलने के बाद से ही पहाड़ी जिलों में पलायन लगातार बढ़ता ही जा रहा है. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी पहाड़ों से पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश में पौड़ी जिले के बाद पलायन में दूसरा नंबर अल्मोड़ा जिले का है, जहां सबसे ज्यादा पलायन हुआ है. इस स्थिति को देखते हुए पलायन आयोग ने अल्मोड़ा के विकास भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही बैठक में पलायन को लेकर विभिन्न मसलों को लेकर चर्चा की गई.

पलायन आयोग ने की बैठक.

पलायन आयोग के उपाध्यक्ष शरद नेगी ने बताया कि उत्तराखंड में बढ़ रहे पलायन को रोकने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. साथ ही पलायन को लेकर विभिन्न गंभीर मामलों पर बातचीत हुई. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की जनसंख्या अधिक होने के कारण यहां महिलाओं को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने की जरूरत है. साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.

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ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय कम है, जिसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने की जरूरत है. वहीं, अल्मोड़ा पलायन में दूसरे नम्बर पर है. यहां के कुछ विकासखंड जो सूखा प्रभावित है, वहां कुछ ज्यादा ही पलायन है. इन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. साथ ही बैठक के बाद विकास खंडवार रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी.

Intro:उत्तराखंड के खासकर पहाड़ी जिलो में पलायन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। राज्य बनने के बाद से पलायन में लगातार इजाफा होता गया। सरकारे पलायन रोकने के नाम पर दुनियाभर के शिगूफे छोड़ते रहे लेकिन पलायन में कोई कमी नही दिखी। उत्तराखंड में पौड़ी के बाद दूसरा नंबर अल्मोड़ा जिले का है जहाँ से सबसे ज्यादा पलायन हुआ है। पलायन को रोकने के लिऐ बनाये गए पलायन आयोग ने आज अल्मोड़ा के विकास भवन में जिले के अधिकारियो के साथ बैठक कर पलायन को लेकर कई मसलो पर चर्चा की।


Body:इस मौके पर पलायन आयोग के उपाध्यक्ष शरद नेगी ने कहा कि उत्तराखंड में बढ़ रहे पलायन को रोकने के लिए आज बैठक हुई जिसमें पलायन को लेकर कई गंभीर मसलो पर वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओं की जनसंख्या अधिक होती है इसलिए यहाँ महिलाओं को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाने की जरूरत है । ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रो में प्रतिव्यक्ति आय अभी कम है जिसे बढ़ाकर 10 हज़ार करने की जरूरत है।वही अल्मोड़ा पलायन में दूसरे नम्बर पर है यहां के कुछ विकासखंड जो सूखा प्रभावित है वहाँ कुछ ज्यादा पलायन है। इनपर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बैठक के बाद विकास खंडवार रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।

बाइट शरद नेगी, उपाध्यक्ष पलायन आयोग


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