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पशुपालन से रोजगार ढूंढ रहे प्रवासी, बैंकों ने अब तक दिया 67 लाख रुपए का लोन

कोरोना काल के दौरान लगाए गए लॉक डाउन के बाद उत्तराखंड वापस लौटे प्रवासियों के लिए सरकार लगातार रोजगार उपलब्ध कराने के लिए साधन की तलाश कर रही है. इसी क्रम में पशुपालन व्यवसाय के लिए अब तक सैकड़ों लोगों को बैंकों ने धनराशी भी उपलब्ध कराई है.

almora
बैंकों ने प्रवासीयों को दिए पैसे.
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Published : Aug 19, 2020, 3:13 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 3:38 PM IST

अल्मोड़ा: कोरोना काल में पहाड़ों को लौटे हजारों प्रवासियों को कृषि के साथ पशुपालन व्यवसाय से जोड़कर भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. पशुपालन व्यवसाय के लिए अब तक सैकड़ों लोगों को बैंकों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 67 लाख की धनराशि दी है.

बैंकों ने प्रवासीयों को दिए पैसे.

पढ़ें- उत्तराखंड की प्राचीन ऐपण कला ने खोले रोजगार के नए दरवाजे

लीड बैंक के अधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि कोरोना काल में बाहर से नौकरी छोड़ घरों को लौटे प्रवासियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर रोजगार के साधन उपलब्ध किये जा रहे हैं. जिनमें बैंकों के माध्यम से उन्हें लोन भी उपलब्ध किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रवासियों को पशुपालन व्यवसाय से भी रोजागार से जोड़ा जा रहा है. जिसमें अभी तक बैंकों के माध्यम से 250 लोगों को 67 लाख 57 हजार की धनराशि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दी जा चुकी है.

अधिकारी ने बताया कि पशुधन व्यवसाय में दुधारू गाय, दुधारू भैंस पालन से लेकर बकरी, मछली पालन के लिए यह धनराशि दी जा रही है. जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में युवा अपने रोजगार के अवसर खोज रहे हैं. उन्होंने बताया कि पशुधन व्यवसाय से रोजगार के लिए बैंकों के पास जिले से 4 हजार लोगों के आवेदन मिले हैं, उनको भी लगातार धनराशि दी जा रही है. फिलहाल, 250 लोगों को ही धनराशि आवंटित की गई है.

अल्मोड़ा: कोरोना काल में पहाड़ों को लौटे हजारों प्रवासियों को कृषि के साथ पशुपालन व्यवसाय से जोड़कर भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. पशुपालन व्यवसाय के लिए अब तक सैकड़ों लोगों को बैंकों ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 67 लाख की धनराशि दी है.

बैंकों ने प्रवासीयों को दिए पैसे.

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लीड बैंक के अधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि कोरोना काल में बाहर से नौकरी छोड़ घरों को लौटे प्रवासियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर रोजगार के साधन उपलब्ध किये जा रहे हैं. जिनमें बैंकों के माध्यम से उन्हें लोन भी उपलब्ध किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रवासियों को पशुपालन व्यवसाय से भी रोजागार से जोड़ा जा रहा है. जिसमें अभी तक बैंकों के माध्यम से 250 लोगों को 67 लाख 57 हजार की धनराशि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दी जा चुकी है.

अधिकारी ने बताया कि पशुधन व्यवसाय में दुधारू गाय, दुधारू भैंस पालन से लेकर बकरी, मछली पालन के लिए यह धनराशि दी जा रही है. जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में युवा अपने रोजगार के अवसर खोज रहे हैं. उन्होंने बताया कि पशुधन व्यवसाय से रोजगार के लिए बैंकों के पास जिले से 4 हजार लोगों के आवेदन मिले हैं, उनको भी लगातार धनराशि दी जा रही है. फिलहाल, 250 लोगों को ही धनराशि आवंटित की गई है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 3:38 PM IST
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