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जन औषधि केंद्र में लाखों की दवाइयां हुई एक्सपायर, डॉक्टर लिख रहे बाहर की महंगी दवा

अल्मोड़ा के प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में करीब 7 लाख रुपये की दवाइयां एक्सपायर हो गई है. जबकि, सरकारी अस्पताल के डॉक्टर, मरीजों को बाहर की दवाइयां लिख रहे हैं. जिससे जन औषधि केंद्र में दवाइयां नहीं बिक पाती है.

almora  jan aushadhi center
अल्मोड़ा जन औषधि केंद्र
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Published : Mar 25, 2021, 5:55 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 7:09 PM IST

अल्मोड़ाः गरीब लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए देशभर के सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, लेकिन इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. इसमें सरकारी डॉक्टर ही पलीता लगा रहे हैं. जिसकी एक बानगी अल्मोड़ा के जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र में देखने को मिल रहा है. जहां जिला अस्पताल के डॉक्टर, मरीजों को बाजार की मंहगी दवा लिख रहे हैं. जिससे जन औषधि केंद्र में रखी लाखों की दवाइयां एक्सपायर हो रही है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गरीबों को सस्ती दवा मुहैया कराने को लेकर जन औषधि केंद्र खोले हैं. इन जन औषधि केंद्रों में बाजार से काफी कम कीमत में सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन अल्मोड़ा जिला अस्पताल के डॉक्टर दूर-दराज से आए ग्रामीण मरीजों को बाजार की महंगी दवाइयां लिख रहे हैं, जबकि ये दवाइयां अस्पताल में खोले गए जन औषधि केंद्र में भी मौजूद हैं, लेकिन डॉक्टर बाहर से दवा लिखने से बाज नहीं आ रहे हैं.

जन औषधि केंद्र में लाखों की दवाइयां हुई खराब.

ये भी पढ़ेंः थराली सीएचसी बना रेफर सेंटर, ग्रामीणों को नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ

वहीं, डॉक्टरों की ओर से बाहर की दवा लिखने के कारण जन औषधि केंद्र में रखी लाखों की दवाइयां एक्सपायर हो रही है. जिला अस्पताल में जन औषधि केंद्र का संचालन कर रहे फार्मासिस्ट मीनाक्षी आर्या का कहना है कि यहां के डॉक्टर, मरीजों को बाहर की ब्रांडेड व महंगी दवाइयां लिख रहे हैं. जबकि, उसी सॉल्ट की दवा यहां काफी कम रेट पर मौजूद हैं. जिस कारण जन औषधि केंद्र में अब तक 7 लाख की दवाइयां एक्सपायर हो चुकी है. जिसका बाजार मूल्य 5 गुना ज्यादा यानी 35 लाख रुपये है.

ये भी पढ़ेंः चमोली: सड़क और स्वास्थ्य सेवा के अभाव में गर्भवती ने रास्ते में दिया बच्चे को जन्म

जन औषधि केंद्र में लाखों की दवाइयों के एक्सपायर होने पर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि वे खुद जन औषधि केंद्र का निरीक्षण करेंगे और स्वास्थ्य सचिव व मुख्यमंत्री को भी इस मामले की शिकायत करेंगे. इधर, सीएमओ सविता ह्यांकी का कहना है कि समय-समय पर सभी डॉक्टरों को अस्पताल की जेनरिक दवा लिखने को निर्देशित किया जाता है. फिर से इस मामले में अस्पताल के पीएमएस को निर्देशित करेंगे.

अल्मोड़ाः गरीब लोगों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए देशभर के सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, लेकिन इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. इसमें सरकारी डॉक्टर ही पलीता लगा रहे हैं. जिसकी एक बानगी अल्मोड़ा के जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्र में देखने को मिल रहा है. जहां जिला अस्पताल के डॉक्टर, मरीजों को बाजार की मंहगी दवा लिख रहे हैं. जिससे जन औषधि केंद्र में रखी लाखों की दवाइयां एक्सपायर हो रही है.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से गरीबों को सस्ती दवा मुहैया कराने को लेकर जन औषधि केंद्र खोले हैं. इन जन औषधि केंद्रों में बाजार से काफी कम कीमत में सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन अल्मोड़ा जिला अस्पताल के डॉक्टर दूर-दराज से आए ग्रामीण मरीजों को बाजार की महंगी दवाइयां लिख रहे हैं, जबकि ये दवाइयां अस्पताल में खोले गए जन औषधि केंद्र में भी मौजूद हैं, लेकिन डॉक्टर बाहर से दवा लिखने से बाज नहीं आ रहे हैं.

जन औषधि केंद्र में लाखों की दवाइयां हुई खराब.

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वहीं, डॉक्टरों की ओर से बाहर की दवा लिखने के कारण जन औषधि केंद्र में रखी लाखों की दवाइयां एक्सपायर हो रही है. जिला अस्पताल में जन औषधि केंद्र का संचालन कर रहे फार्मासिस्ट मीनाक्षी आर्या का कहना है कि यहां के डॉक्टर, मरीजों को बाहर की ब्रांडेड व महंगी दवाइयां लिख रहे हैं. जबकि, उसी सॉल्ट की दवा यहां काफी कम रेट पर मौजूद हैं. जिस कारण जन औषधि केंद्र में अब तक 7 लाख की दवाइयां एक्सपायर हो चुकी है. जिसका बाजार मूल्य 5 गुना ज्यादा यानी 35 लाख रुपये है.

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जन औषधि केंद्र में लाखों की दवाइयों के एक्सपायर होने पर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान का कहना है कि वे खुद जन औषधि केंद्र का निरीक्षण करेंगे और स्वास्थ्य सचिव व मुख्यमंत्री को भी इस मामले की शिकायत करेंगे. इधर, सीएमओ सविता ह्यांकी का कहना है कि समय-समय पर सभी डॉक्टरों को अस्पताल की जेनरिक दवा लिखने को निर्देशित किया जाता है. फिर से इस मामले में अस्पताल के पीएमएस को निर्देशित करेंगे.

Last Updated : Mar 25, 2021, 7:09 PM IST
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