ETV Bharat / state

सावन के आखरी सोमवार को जागेश्वर धाम में उमड़ा जनसैलाब, प्रशासन रहा फेल

सावन के आखरी सोमवार को जागेश्वर धाम में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा. इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते प्रशासन ने जो सुरक्षा के इंतजाम किए थे, वो नाकाफी साबित हुए.

सावन के आखरी सोमवार को उमड़ी भक्तो की भारी भीड़
author img

By

Published : Aug 12, 2019, 11:42 PM IST

अल्मोड़ा: सावन के आखरी सोमवार को मंदिरों में दर्शन करने के लिए सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं. श्रद्धालु सुबह से ही मंदिरों में पहुंचने लगे और भगवान शिव के दर्शन कर उनका जलाभिषेक किया. वहीं लोगों की संख्या अधिक होने के चलते प्रशासन ने जो व्यवस्था की थी वो नाकाफी साबित हुई. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

सावन के आखरी सोमवार को उमड़ी भक्तो की भारी भीड़

बता दें कि विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम की ओर रवाना हुए. जहां उन्होंने 12 ज्योतिर्लोंगो में से विख्यात जागेश्वर धाम में विशेष पूजा अर्चना की और भगवान शिव से मन्नतें भी मांगी. सावन का आखरी सोमवार होने के चलते जागेश्वर धाम में भगवान शिव के दर्शन और पूजा-पाठ के लिए सुबह से ही भक्त अधिक संख्या में उमड़े. वहीं दूर दराज से आये हज़ारों श्रद्धालुओं ने यहां पहुचकर पार्थिव का पूजन किया. महामृत्युंजय जाप, कालसर्प दोष और जलभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया.

वहीं जागेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते लंबा जाम लग गया. इस दौरान लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. उधर प्रशासन की ओर से जो व्यवस्था की गई थी वो भी लोगों की भीड़ में चरमराती दिखी.
पिछले कुछ सालों से जागेश्वर धाम का जबरदस्त प्रचार-प्रसार हुआ है. जिसके चलते लोगों में इस धाम के प्रति हमेशा से श्रद्धा रही है. वहीं मान्यता है कि सावन के महीने में जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना कराने का अपना विशेष महत्व है. इसी आस्था के साथ श्रद्धालु देश-विदेश से यहां खींचे चले आते हैं.

अल्मोड़ा: सावन के आखरी सोमवार को मंदिरों में दर्शन करने के लिए सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं. श्रद्धालु सुबह से ही मंदिरों में पहुंचने लगे और भगवान शिव के दर्शन कर उनका जलाभिषेक किया. वहीं लोगों की संख्या अधिक होने के चलते प्रशासन ने जो व्यवस्था की थी वो नाकाफी साबित हुई. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

सावन के आखरी सोमवार को उमड़ी भक्तो की भारी भीड़

बता दें कि विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम की ओर रवाना हुए. जहां उन्होंने 12 ज्योतिर्लोंगो में से विख्यात जागेश्वर धाम में विशेष पूजा अर्चना की और भगवान शिव से मन्नतें भी मांगी. सावन का आखरी सोमवार होने के चलते जागेश्वर धाम में भगवान शिव के दर्शन और पूजा-पाठ के लिए सुबह से ही भक्त अधिक संख्या में उमड़े. वहीं दूर दराज से आये हज़ारों श्रद्धालुओं ने यहां पहुचकर पार्थिव का पूजन किया. महामृत्युंजय जाप, कालसर्प दोष और जलभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया.

वहीं जागेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते लंबा जाम लग गया. इस दौरान लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा. उधर प्रशासन की ओर से जो व्यवस्था की गई थी वो भी लोगों की भीड़ में चरमराती दिखी.
पिछले कुछ सालों से जागेश्वर धाम का जबरदस्त प्रचार-प्रसार हुआ है. जिसके चलते लोगों में इस धाम के प्रति हमेशा से श्रद्धा रही है. वहीं मान्यता है कि सावन के महीने में जागेश्वर धाम में पूजा-अर्चना कराने का अपना विशेष महत्व है. इसी आस्था के साथ श्रद्धालु देश-विदेश से यहां खींचे चले आते हैं.

Intro:

सावन के आखरी सोमवार के दिन मंदिरों में पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही भक्तो का ताता लगा रहा। श्रद्धालु सुबह से ही भगवान शिव के मंदिर पहुंच कर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। आंखरी सोमवार को विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहनी ने भी अल्मोड़ा के सिद्ध नौला से जल भर कर पूरे बाजार में जयकारो के सांथ कलश यात्रा निकाली जिसके बाद विश्व हिन्दू परिषद अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम की ओर रवाना हुए। जहां उन्होंने 12 ज्योतिर्लोंगो में विश्व विख्यात जागेश्वर धाम में विशेष पूजा अर्चना की और भगवान शिव से मनोकामना मांगी। श्रावण माह का आखिरी सोमवार होने के कारण आज जागेश्वर धाम में भगवान शिव के दर्शनों और पूजा पाठ के लिए भक्तो की रिकार्ड तोड़ भारी भीड़ उमड़ी पड़ी है। दूर दराज आये कई हज़ारो श्रद्धालुओ ने यहाँ पहुचकर पार्थिव पूजा, महामृत्युंजय जाप, कालसर्प दोष, जलभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया।
Body:वही जागेश्वर धाम में श्रावन मास के अंतिम सोमवार को शिव भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। भीड़—भाड़ के चलते कई किमी लंबा जाम लग गया और पूजन को आये मंदिरों में लगी कतारें लोगों की बहुत बड़ी फजीहत हुई। प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था भी ना—काफी साबित हुई और धाम में हर तरह अव्यवस्था का आलम देखने में आया। इतनी भीड़ को संभालने के लिए किसी तरह के पुख्ता इंतजाम नही दिखाई दिये। उल्लेखनीय है कि विगत कुछ सालों से जागेश्वर धाम का सूचना व संचार माध्यम से जबरदस्त प्रचार—प्रसार हुआ है। इस धाम के प्रति लोगों में हमेशा से श्रद्धा रही है, लेकिन मौजूदा समय में श्रद्धा ने सैर—सपाटा और पर्यटन का रूप भी ले लिया है। कहते हैं कि श्रावन मास में धाम में पूजन कराने का विशेष महत्व है। यही आस्था ही देश—विदेश से श्रद्धालुओं को यहां खींच लाती है।
बाइट - मंगल सिंह बिष्ट, जिला अधियक्ष विश्व हिन्दू परिषदConclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.