ETV Bharat / state

कैलाश मानसरोवर यात्रियों का पहला दल अल्मोड़ा से अगले पड़ाव के लिए रवाना

कैलाश मानसरोवर यात्रा तीन महीने यानी 8 सितंबर 2019 तक चलेगी. कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 9 अप्रैल से 9 मई तक रजिस्ट्रेशन किए गए थे

author img

By

Published : Jun 13, 2019, 12:11 PM IST

kailash mansarovar

अल्मोड़ा: कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों का पहला जत्था गुरुवार सुबह अल्मोड़ा से अपने अगले पड़ाव धारचूला के लिए रवाना हो गया. पहले जत्थे में कुल 58 यात्री शामिल हैं. जिसमें से 49 पुरुष और 9 महिलाएं हैं. अगले पड़ाव पर निकलने से पहले तीर्थयात्रियों ने भगवान शिव के जयकारे लगाए.

बता दें कि बुधवार को कैलाश मानसरोवर यात्रियों का पहला दल दिल्ली से निकला था, जो दोपहर बाद नैनीताल के काठगोदाम पहुंचा था. यहां कुमाऊं मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में अधिकारियों ने उनका कुमाऊंनी रीति रिवाज के साथ स्वागत किया था. यहां कुछ देर आराम करने के बाद ये दल अल्मोड़ा के लिए निकल गया था. बुधवार रात को ही दल अल्मोड़ा पहुंच गया था, जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया था. इसके बाद दल गुरुवार को धारचूला के लिए रवाना हुआ.

कैलाश मानसरोवर यात्रा

पढ़ें- बाबा रामदेव का हर की पैड़ी पर योग कार्यक्रम रद्द, अब महाराष्ट्र के इस जिले में लगाएंगे 'ध्यान'

यात्रा के पड़ाव
कैलाश मानसरोवर यात्री धारचूला से नजंग तक 55 किलोमीटर की दूरी वाहन से तय करेंगे. इसके बाद नजंग से बोलायर की तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पूरी कर मालपा और लामारी होते हुए 14 किलोमीटर के दुर्गम मार्ग से चलकर पहले पड़ाव बूंदी पहुंचेंगे. रात्रि विश्राम करने के बाद दूसरे दिन 17 किलोमीटर चलकर गुंजी शिविर में पहुंचेंगे.

तीसरे दिन नाबी गांव में रात्रि विश्राम करेंगे. वापस गुंजी लौटकर चौथे और पांचवें दिन भी गुंजी में ठहरेंगे, जहां पर यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. छठे दिन गुंजी से कालापानी होते हुए 18 किलोमीटर पैदल चलकर नाभीढांग पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे.

पढ़ें- कैलाश यात्रा: गुंजी से आगे का सफर चुनौतीपूर्ण, चीन सीमा तक ITBP के जिम्मेः IG

सातवें दिन नाभीढांग से सुबह चार बजे आठ किलोमीटर पैदल चलकर भारत-चीन सीमा पर स्थित लीपूलेख पहुंचेंगे, यहां से लगभग एक किलोमीटर आगे चलकर चीन में प्रवेश करेंगे. वहां से वाहन से चीन की मंडी तकलाकोट को रवाना होंगे.

8 सितंबर तक चलेगी यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा तीन महीने यानी 8 सितंबर 2019 तक चलेगी. कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 9 अप्रैल से 9 मई तक रजिस्ट्रेशन किए गए थे. प्रशासन ने यात्रा से जुड़ी अपनी तैयारी पहले ही पूरी कर ली थी. यात्रा की नोडल एजेंसी कुमांऊ मंडल विकास निगम (केएमवीएन) का कैटरिंग स्टॉफ बूंदी से लेकर नाभीडांग तक के रास्ते में पड़ने वाले सभी शिविरों में पहले से ही तैनात है.

एक दल में 60 तीर्थ यात्री जाते हैं
लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) के रास्ते प्रति व्यक्ति लगभग 1.8 लाख रुपये खर्च होगा, जिसमें कुछ दुर्गम पद यात्रा शामिल है. यह तीर्थयात्रा 18 दलों में आयोजित होगी, जिसमें 60-60 तीर्थयात्री होंगे. कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान तीर्थयात्री चियालेख घाटी की प्राकृतिक सुंदरता को देख सकते हैं. जबकि दूसरा रास्ता नाथू ला दर्रे (सिक्किम) से होकर जाने वाला रास्ता उन लोगों और बुजुर्गो के लिए ठीक है जो कठिन ट्रैकिंग नहीं कर सकते. इस रास्ते के जरिए प्रति व्यक्ति लगभग ढाई लाख रुपये खर्च होंगे.

अल्मोड़ा: कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों का पहला जत्था गुरुवार सुबह अल्मोड़ा से अपने अगले पड़ाव धारचूला के लिए रवाना हो गया. पहले जत्थे में कुल 58 यात्री शामिल हैं. जिसमें से 49 पुरुष और 9 महिलाएं हैं. अगले पड़ाव पर निकलने से पहले तीर्थयात्रियों ने भगवान शिव के जयकारे लगाए.

बता दें कि बुधवार को कैलाश मानसरोवर यात्रियों का पहला दल दिल्ली से निकला था, जो दोपहर बाद नैनीताल के काठगोदाम पहुंचा था. यहां कुमाऊं मंडल विकास निगम के गेस्ट हाउस में अधिकारियों ने उनका कुमाऊंनी रीति रिवाज के साथ स्वागत किया था. यहां कुछ देर आराम करने के बाद ये दल अल्मोड़ा के लिए निकल गया था. बुधवार रात को ही दल अल्मोड़ा पहुंच गया था, जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया था. इसके बाद दल गुरुवार को धारचूला के लिए रवाना हुआ.

कैलाश मानसरोवर यात्रा

पढ़ें- बाबा रामदेव का हर की पैड़ी पर योग कार्यक्रम रद्द, अब महाराष्ट्र के इस जिले में लगाएंगे 'ध्यान'

यात्रा के पड़ाव
कैलाश मानसरोवर यात्री धारचूला से नजंग तक 55 किलोमीटर की दूरी वाहन से तय करेंगे. इसके बाद नजंग से बोलायर की तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई पूरी कर मालपा और लामारी होते हुए 14 किलोमीटर के दुर्गम मार्ग से चलकर पहले पड़ाव बूंदी पहुंचेंगे. रात्रि विश्राम करने के बाद दूसरे दिन 17 किलोमीटर चलकर गुंजी शिविर में पहुंचेंगे.

तीसरे दिन नाबी गांव में रात्रि विश्राम करेंगे. वापस गुंजी लौटकर चौथे और पांचवें दिन भी गुंजी में ठहरेंगे, जहां पर यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. छठे दिन गुंजी से कालापानी होते हुए 18 किलोमीटर पैदल चलकर नाभीढांग पहुंचकर रात्रि विश्राम करेंगे.

पढ़ें- कैलाश यात्रा: गुंजी से आगे का सफर चुनौतीपूर्ण, चीन सीमा तक ITBP के जिम्मेः IG

सातवें दिन नाभीढांग से सुबह चार बजे आठ किलोमीटर पैदल चलकर भारत-चीन सीमा पर स्थित लीपूलेख पहुंचेंगे, यहां से लगभग एक किलोमीटर आगे चलकर चीन में प्रवेश करेंगे. वहां से वाहन से चीन की मंडी तकलाकोट को रवाना होंगे.

8 सितंबर तक चलेगी यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा तीन महीने यानी 8 सितंबर 2019 तक चलेगी. कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 9 अप्रैल से 9 मई तक रजिस्ट्रेशन किए गए थे. प्रशासन ने यात्रा से जुड़ी अपनी तैयारी पहले ही पूरी कर ली थी. यात्रा की नोडल एजेंसी कुमांऊ मंडल विकास निगम (केएमवीएन) का कैटरिंग स्टॉफ बूंदी से लेकर नाभीडांग तक के रास्ते में पड़ने वाले सभी शिविरों में पहले से ही तैनात है.

एक दल में 60 तीर्थ यात्री जाते हैं
लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) के रास्ते प्रति व्यक्ति लगभग 1.8 लाख रुपये खर्च होगा, जिसमें कुछ दुर्गम पद यात्रा शामिल है. यह तीर्थयात्रा 18 दलों में आयोजित होगी, जिसमें 60-60 तीर्थयात्री होंगे. कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान तीर्थयात्री चियालेख घाटी की प्राकृतिक सुंदरता को देख सकते हैं. जबकि दूसरा रास्ता नाथू ला दर्रे (सिक्किम) से होकर जाने वाला रास्ता उन लोगों और बुजुर्गो के लिए ठीक है जो कठिन ट्रैकिंग नहीं कर सकते. इस रास्ते के जरिए प्रति व्यक्ति लगभग ढाई लाख रुपये खर्च होंगे.

Intro:कैलाश मानसरोवर यात्रियों का पहला दल कल रात्रि अल्मोड़ा में विश्राम करने के बाद आज सुबह अपने अगले पड़ाव के लिए रवाना हो गया है। कल देर रात्रि पहला दल अल्मोड़ा के कुमाऊं मंडल विकास निगम के रेस्ट हाउस पहुचा जहा यात्रियों का भब्य स्वागत किया गया। आज सुबह हर हर महादेव के जयकारों के साथ ही यह दल अपने अगले पड़ाव धारचूला के लिए रवाना हो गया है। Body:पहले दल में कुल 58 यात्री शामिल हैं। जिसमें 49 पुरुष और 9 महिलाएं हैं।इस दौरान विभिन्न राज्यो से इस यात्रा में जा रहे यात्रियों में भगवान शिव के दर्शनों के लिए और यात्रा को लेकर उत्साह के साथ रोमांच भी देखने को मिल रहा था। भगवान शिव के जयकारों के साथ ही यात्रियों में जोश बना हुआ है। Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.