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जल संस्थान के संविदा कर्मचारियों का 5 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार

कुमाऊं के 6 जनपदों में सभी इकाइयों के संविदा श्रमिकों ने 5 सूत्रीय मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभाग को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Oct 14, 2021, 4:49 PM IST

Updated : Oct 14, 2021, 5:00 PM IST

अल्मोड़ा/रुद्रपुर: वेतन बढ़ोत्तरी, समान कार्य समान वेतन समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मंडलीय कार्यकारणी के आह्वान पर कुमाऊं के सभी 6 जिलों में श्रमिक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार में चले गए हैं. अल्मोड़ा में संविदा कर्मियों ने चौघानपाटा गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह अधिकारी ने कहा कि पिछले 20-25 साल से कर्मचारी न्यूनतम मानदेय में काम कर रहे हैं, जिससे कार्मिकों के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है. मानदेय कम होने के चलते कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर कई बार शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं लेकिन कोई भी उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है वह हड़ताल जारी रखेंगे. बता दें, जल संस्थान के अल्मोड़ा डिवीजन में 152 से अधिक संविदा श्रमिक तैनात हैं. ऐसे में कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभाग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

जल संस्थान के संविदा कर्मचारियों का 5 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार.

तो वहीं, रुद्रपुर जल संस्थान में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए कहा कि जबतक उनकी पांचों मांगों को मान नहीं लिया जाता तबतक श्रमिक कार्यबहिष्कार में रहेंगे. रुद्रपुर के जल संस्थान में कार्यबहिष्कार कर रहे संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मंडलीय कार्यकारणी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 20 सितंबर से भीमताल महाप्रबंधक के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठी है, लेकिन आश्वासनों के अलावा अधिकारी कोई भी फैसला नहीं ले पा रहे हैं.

पढे़ं- गणेश जोशी ने यशपाल पर साधा निशाना, कहा- 5 साल मलाई खाई और अब गले में अटक गई

कर्मचारियों की मांगें: उन्होंने बताया कि वह पिछले कई सालों से महज 7 हजार रुपये में काम कर रहे हैं. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि समान कार्य का समान वेतन मिलना चाहिए. विभाग में रिक्त चल रहे पदों पर नियुक्ति दी जाए. साथ ही ठेकेदारी प्रथा बंदकर, उन्हें सविदा कर्मचारी बनाया जाए. उन्हें भी साप्ताहिक अवकाश दिया जाना चाहिए, अगर वह किसी कारण से छुट्टी के दिनों में काम कर रहे हैं, तो उसका अतिरिक्त भुगतान किया जाना चाहिए.

अल्मोड़ा/रुद्रपुर: वेतन बढ़ोत्तरी, समान कार्य समान वेतन समेत 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मंडलीय कार्यकारणी के आह्वान पर कुमाऊं के सभी 6 जिलों में श्रमिक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार में चले गए हैं. अल्मोड़ा में संविदा कर्मियों ने चौघानपाटा गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

जल संस्थान संविदा श्रमिक संघ के जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह अधिकारी ने कहा कि पिछले 20-25 साल से कर्मचारी न्यूनतम मानदेय में काम कर रहे हैं, जिससे कार्मिकों के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है. मानदेय कम होने के चलते कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि मांगों को लेकर कई बार शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंप चुके हैं लेकिन कोई भी उनकी सुध लेने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं होती है वह हड़ताल जारी रखेंगे. बता दें, जल संस्थान के अल्मोड़ा डिवीजन में 152 से अधिक संविदा श्रमिक तैनात हैं. ऐसे में कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभाग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

जल संस्थान के संविदा कर्मचारियों का 5 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार.

तो वहीं, रुद्रपुर जल संस्थान में कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करते हुए कहा कि जबतक उनकी पांचों मांगों को मान नहीं लिया जाता तबतक श्रमिक कार्यबहिष्कार में रहेंगे. रुद्रपुर के जल संस्थान में कार्यबहिष्कार कर रहे संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मंडलीय कार्यकारणी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 20 सितंबर से भीमताल महाप्रबंधक के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठी है, लेकिन आश्वासनों के अलावा अधिकारी कोई भी फैसला नहीं ले पा रहे हैं.

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कर्मचारियों की मांगें: उन्होंने बताया कि वह पिछले कई सालों से महज 7 हजार रुपये में काम कर रहे हैं. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि समान कार्य का समान वेतन मिलना चाहिए. विभाग में रिक्त चल रहे पदों पर नियुक्ति दी जाए. साथ ही ठेकेदारी प्रथा बंदकर, उन्हें सविदा कर्मचारी बनाया जाए. उन्हें भी साप्ताहिक अवकाश दिया जाना चाहिए, अगर वह किसी कारण से छुट्टी के दिनों में काम कर रहे हैं, तो उसका अतिरिक्त भुगतान किया जाना चाहिए.

Last Updated : Oct 14, 2021, 5:00 PM IST
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