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जल निगम ने बिना अनुमति वनक्षेत्र में की खुदाई, ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन की दी चेतावनी - opposition to Kosi rejaanute scheme

सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट कोसी पुनर्जनन योजना को लेकर ग्रामीणों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि कोसी नदी के मूलस्रोत पर बिना अनुमति के 4 इंच की पेयजल योजना बनाना कोसी नदी के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ है.

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Published : Dec 20, 2019, 4:17 PM IST

सोमेश्वर: जल निगम ने कोसी के उद्गम से पेयजल योजना बनाने हेतु वन विभाग की अनुमति बगैर पाइप लाइन बिछाने के लिए वन क्षेत्र में 3 किमी तक खुदाई कर दी. सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट कोसी पुनर्जनन योजना के मूलस्रोत से पानी टैप करने पर ग्रामीणों ने बीते एक माह से विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में कोसी नदी पुनर्जनन योजना के उद्गम स्थल पिनाथेश्वर की पहाड़ी से बागेश्वर जिले के लिए प्रस्तावित पेयजल योजना के विरोध में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से साथ जल निगम के अधिशासी ने एक बैठक की. जिसमें इस योजना का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई.

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जल निगम बगैर ग्रामीणों को विश्वास में लिए जो कार्य कर रहा है उसे नहीं होने दिया जाएगा. ग्रामीणों ने बैठक स्थल से वन विभाग के रेंजर से भी वार्ता की तो पता चला कि जल निगम को वन विभाग से भी अनुमति नहीं मिली है और 3 किमी तक जंगल में खुदाई कर दी है.

यह भी पढ़ेंः सचिवालय में नीति आयोग की अहम बैठक, रिवर्स पलायन पर हुई चर्चा

ग्रमीणों ने वन क्षेत्राधिकारी विशन लाल आर्य से जल निगम के खिलाफ बगैर अनुमति के वन क्षेत्र में खुदाई करने पर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग भी की. ताकुला के ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख ललित दोसाद और वन पंचायत सरपंच संगठन के अध्यक्ष कैलाश जोशी सहित कई पंचायत सदस्यों ने मौके पर अधिकारियों से कहा कि कोसी नदी के मूलस्रोत पर बिना अनुमति के 4 इंच की पेयजल योजना बनाना कोसी नदी के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ है.

बैठक में पहुंचे लोगों ने कहा कि अगर कोसी नदी से उक्त योजना का जबरन निर्माण शुरू किया गया तो ग्रामीण कोसी के लिए सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे. फिलहाल, ग्रामीणों के विरोध और बिना अनुमति के जंगल में खुदाई के आरोप में घिरे निगम अधिशासी अभियंता छत्रपाल सिंह गंगवार के बीच अधिकारियों ने काम रोकने का आश्वासन दिया है.

सोमेश्वर: जल निगम ने कोसी के उद्गम से पेयजल योजना बनाने हेतु वन विभाग की अनुमति बगैर पाइप लाइन बिछाने के लिए वन क्षेत्र में 3 किमी तक खुदाई कर दी. सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट कोसी पुनर्जनन योजना के मूलस्रोत से पानी टैप करने पर ग्रामीणों ने बीते एक माह से विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में कोसी नदी पुनर्जनन योजना के उद्गम स्थल पिनाथेश्वर की पहाड़ी से बागेश्वर जिले के लिए प्रस्तावित पेयजल योजना के विरोध में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से साथ जल निगम के अधिशासी ने एक बैठक की. जिसमें इस योजना का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई.

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जल निगम बगैर ग्रामीणों को विश्वास में लिए जो कार्य कर रहा है उसे नहीं होने दिया जाएगा. ग्रामीणों ने बैठक स्थल से वन विभाग के रेंजर से भी वार्ता की तो पता चला कि जल निगम को वन विभाग से भी अनुमति नहीं मिली है और 3 किमी तक जंगल में खुदाई कर दी है.

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ग्रमीणों ने वन क्षेत्राधिकारी विशन लाल आर्य से जल निगम के खिलाफ बगैर अनुमति के वन क्षेत्र में खुदाई करने पर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग भी की. ताकुला के ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख ललित दोसाद और वन पंचायत सरपंच संगठन के अध्यक्ष कैलाश जोशी सहित कई पंचायत सदस्यों ने मौके पर अधिकारियों से कहा कि कोसी नदी के मूलस्रोत पर बिना अनुमति के 4 इंच की पेयजल योजना बनाना कोसी नदी के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ है.

बैठक में पहुंचे लोगों ने कहा कि अगर कोसी नदी से उक्त योजना का जबरन निर्माण शुरू किया गया तो ग्रामीण कोसी के लिए सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे. फिलहाल, ग्रामीणों के विरोध और बिना अनुमति के जंगल में खुदाई के आरोप में घिरे निगम अधिशासी अभियंता छत्रपाल सिंह गंगवार के बीच अधिकारियों ने काम रोकने का आश्वासन दिया है.

Intro:जल निगम ने कोसी के उद्गम से पेयजल योजना बनाने हेतु वन विभाग की अनुमति बगैर पाइपलाइन बिछाने के लिए वन क्षेत्र में 3 किमी तक खुदान कर दिया। सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट कोसी पुनर्जनन योजना के मूलस्रोत से पानी टेप करने पर ग्रामीणों ने एक माह से विभाग के खिलाफ मोर्चा खोला है।Body:सोमेश्वर। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट 'कोसी नदी पुनर्जनन योजना' के उद्गम स्थली पिनाथेश्वर की पहाड़ी से बागेश्वर जिले के लिए प्रस्तावित पेयजल योजना के विरोध में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ जल निगम बागेश्वर के अधिशाषी अभियंता छत्रपाल सिंह गंगवार के साथ कांटली में एक बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें ग्रामीणों ने योजना का कड़ा विरोध करते हुए जल निगम के अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई और आरोप लगाया कि जल निगम बगैर ग्रामीणों को विश्वास में लिए जो कार्य कर रहा है उसे नही होने दिया जाएगा। ग्रामीणों ने बैठक स्थल से वन विभाग के रेंजर से भी वार्ता की तो पता चला कि जल निगम को वन विभाग से भी अनुमति नही मिली है और 3 किमी तक जंगल मे खुदान कर दिया गया है। ग्रामीणों ने वन क्षेत्राधिकारी विशन लाल आर्य से जल निगम के खिलाफ बगैर अनुमति के वन क्षेत्र में खुदाई करने पर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग भी की।
ताकुला के ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख ललित दोसाद और वन पंचायत सरपंच संगठन अध्यक्ष कैलाश जोशी सहित कई पंचायत सदस्यों ने मौके पर अधिकारियों से कहा कि कोसी नदी के मूलस्रोत पर बिना अनुमति के 4 ईंच की पेयजल योजना बनाना कोसी नदी के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ है। बैठक में पहुंचे लोगों ने कहा कि अगर कोसी नदी से उक्त योजना का जबरन निर्माण शुरू किया गया तो ग्रामीण सदानीरा कोसी के लिए सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे। फिलहाल ग्रामीणों के विरोध और बगैर अनुमति के जंगल खुदाई के आरोप में घिरे निगम अधिकारियों ने कार्य नही करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है।
बैठक में ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख ललित दोसाद, वन पंचायत सरपंच संगठन अध्यक्ष के सी जोशी, ग्राम प्रधान छानी-ल्वेशाल अनिता दोसाद, प्रधान धौलरा कैलाश चन्द्र जोशी, प्रधान रोल्याणा कविता देवी, प्रधान कांटली बिमला देवी, प्रधान जीतब विनोद बोरा, प्रधान गुरुड़ा कुन्दन सिंह बोरा, शैल की प्रधान सरीता दुम्का, सुन्दर दुम्का, प्रधान गिरीश कांडपाल, ललित कांडपाल, किशोर भट्ट, गुसाईं दत्त कांडपाल, अयोध्या प्रसाद, राजन काण्डपाल सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।Conclusion:
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