सोमेश्वर: जल निगम ने कोसी के उद्गम से पेयजल योजना बनाने हेतु वन विभाग की अनुमति बगैर पाइप लाइन बिछाने के लिए वन क्षेत्र में 3 किमी तक खुदाई कर दी. सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट कोसी पुनर्जनन योजना के मूलस्रोत से पानी टैप करने पर ग्रामीणों ने बीते एक माह से विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ऐसे में कोसी नदी पुनर्जनन योजना के उद्गम स्थल पिनाथेश्वर की पहाड़ी से बागेश्वर जिले के लिए प्रस्तावित पेयजल योजना के विरोध में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से साथ जल निगम के अधिशासी ने एक बैठक की. जिसमें इस योजना का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जल निगम बगैर ग्रामीणों को विश्वास में लिए जो कार्य कर रहा है उसे नहीं होने दिया जाएगा. ग्रामीणों ने बैठक स्थल से वन विभाग के रेंजर से भी वार्ता की तो पता चला कि जल निगम को वन विभाग से भी अनुमति नहीं मिली है और 3 किमी तक जंगल में खुदाई कर दी है.
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ग्रमीणों ने वन क्षेत्राधिकारी विशन लाल आर्य से जल निगम के खिलाफ बगैर अनुमति के वन क्षेत्र में खुदाई करने पर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग भी की. ताकुला के ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख ललित दोसाद और वन पंचायत सरपंच संगठन के अध्यक्ष कैलाश जोशी सहित कई पंचायत सदस्यों ने मौके पर अधिकारियों से कहा कि कोसी नदी के मूलस्रोत पर बिना अनुमति के 4 इंच की पेयजल योजना बनाना कोसी नदी के अस्तित्व के साथ खिलवाड़ है.
बैठक में पहुंचे लोगों ने कहा कि अगर कोसी नदी से उक्त योजना का जबरन निर्माण शुरू किया गया तो ग्रामीण कोसी के लिए सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे. फिलहाल, ग्रामीणों के विरोध और बिना अनुमति के जंगल में खुदाई के आरोप में घिरे निगम अधिशासी अभियंता छत्रपाल सिंह गंगवार के बीच अधिकारियों ने काम रोकने का आश्वासन दिया है.