सोमेश्वर: आज के समय में लड़की और लड़के में कोई भेद नहीं रह गया है. जो काम लड़के करते थे, वहीं काम अब लड़कियां भी करती हैं. आज लड़कियां भी अपने माता-पिता के लिए अपने फर्ज को बखूबी निभा रही हैं. इसी कड़ी में सोमेश्वर के भानाराठ गांव की दो बेटियों ने रूढ़िवादी परंपराओं को किनारे करते हुए पिता को मुखाग्नि दी.
सोमेश्वर के भानाराठ गांव में पूर्व सैनिक खीम सिंह बोरा का आकस्मिक निधन हो गया. खीम सिंह बोरा की तीन बेटियां हैं. पिता की मौत के बाद दो बेटियां कविता और सीमा ने फर्ज निभाते हुए पिता को न सिर्फ मुखाग्नि दी, बल्कि अंतिम संस्कार की हर वह रस्म निभाई, जिसकी अपेक्षा पुत्र से की जाती है.
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ग्रामीणों के मुताबिक खीम सिंह बोरा की सबसे बड़ी बेटी का विवाह को चुका है. वहीं मझली बेटी कविता बोरा दिल्ली में इंजीनियर हैं और सबसे छोटी बेटी सीमा बोरा पढ़ाई कर रही हैं. भानाराठ से अपने पिता की शव यात्रा के साथ दोनों बेटियां ग्रामीणों के साथ श्मशान घाट पहुंची और रूढ़िवादी परंपराओं से आगे निकलते हुए पिता को मुखाग्नि दी.