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सोमेश्वर में ब्रिटिश काल का ऐतिहासिक स्कूल बना खंडहर, प्रशासन नहीं ले रहा कोई सुध - सोमेश्वर

इस भवन के सामने बीआरसी का आदर्श राप्रावि सोमेश्वर कार्यालय ताकुला, जिला पंचायत का डाक बंगला और रामलीला मंच बना हुआ है. इस ऐतिहासिक स्थल के बीच बनी ये इमारत अब खंडहर बन चुकी है.

ब्रिटिश काल का ऐतिहासिक स्कूल बना खंडहर
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Published : Apr 23, 2019, 5:03 PM IST

सोमेश्वर: अल्मोड़ा के सोमेश्वर कस्बे में ब्रिटिश काल में बना ऐतिहासिक स्कूल भवन आज बदहाली के आंसू बहा रहा है. ताकुला ब्लॉक के पहले कन्या क्रमोत्तर हाईस्कूल का भवन राहगीरों के लिए खतरा बना हुआ है. हैरानी की बात है कि इस स्थल में होने वाली जनसभाओं और अन्य कार्यक्रमों के मौके पर शासन प्रशासन के नुमाइंदे इस बदहाल भवन की ओर झांकते तक नहीं हैं.

पढ़ें- फसल में लगी आग बुझाने पहुंचे दमकल कर्मियों से मारपीट, 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

सोमेश्वर बाजार में आजादी से पहले ग्रामीणों ने जिला परिषद को शिक्षण संस्थान संचालित करने के लिए भूमि दान में दी थी. साल 1993 तक जिन 4 कमरों में कन्या क्रमोत्तर जूनियर हाईस्कूल संचालित होता था, वह आज खंडहर में तब्दील हो चुका है. बाद में यहां संचालित कन्या हाईस्कूल के इंटर में उच्चीकरण होने के बाद दूसरी जगह शिफ्ट किया गया था, लेकिन अंग्रेजों के समय के इस भवन का आधा हिस्सा जमींदोज हो चुका है. शेष हिस्सा भी गिरने के कगार पर है.

इस भवन के सामने बीआरसी का आदर्श राप्रावि सोमेश्वर कार्यालय ताकुला, जिला पंचायत का डाक बंगला और रामलीला मंच बना हुआ है. इस ऐतिहासिक स्थल के बीच बनी ये इमारत अब खंडहर बन चुकी है.

बोरारौ घाटी विकास संघर्ष समिति संयोजक सुरेश बोरा का कहना है कि शिक्षा विभाग को उक्त भवन को ध्वस्त कर इस स्थल को स्कूली बच्चों के क्रीड़ा स्थल और रामलीला मंच के लिए खाली करना चाहिए, जिससे रामलीला मंच को पीछे बनाकर सार्वजनिक प्रयोग हेतु स्थल को विकसित किया जा सके.

बता दें, सोमेश्वर बाजार में एकमात्र यही सार्वजनिक स्थल है, जहां सार्वजनिक आयोजन जैसे रामलीला, राजनीतिक दलों की जनसभाएं होती हैं.

सोमेश्वर: अल्मोड़ा के सोमेश्वर कस्बे में ब्रिटिश काल में बना ऐतिहासिक स्कूल भवन आज बदहाली के आंसू बहा रहा है. ताकुला ब्लॉक के पहले कन्या क्रमोत्तर हाईस्कूल का भवन राहगीरों के लिए खतरा बना हुआ है. हैरानी की बात है कि इस स्थल में होने वाली जनसभाओं और अन्य कार्यक्रमों के मौके पर शासन प्रशासन के नुमाइंदे इस बदहाल भवन की ओर झांकते तक नहीं हैं.

पढ़ें- फसल में लगी आग बुझाने पहुंचे दमकल कर्मियों से मारपीट, 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

सोमेश्वर बाजार में आजादी से पहले ग्रामीणों ने जिला परिषद को शिक्षण संस्थान संचालित करने के लिए भूमि दान में दी थी. साल 1993 तक जिन 4 कमरों में कन्या क्रमोत्तर जूनियर हाईस्कूल संचालित होता था, वह आज खंडहर में तब्दील हो चुका है. बाद में यहां संचालित कन्या हाईस्कूल के इंटर में उच्चीकरण होने के बाद दूसरी जगह शिफ्ट किया गया था, लेकिन अंग्रेजों के समय के इस भवन का आधा हिस्सा जमींदोज हो चुका है. शेष हिस्सा भी गिरने के कगार पर है.

इस भवन के सामने बीआरसी का आदर्श राप्रावि सोमेश्वर कार्यालय ताकुला, जिला पंचायत का डाक बंगला और रामलीला मंच बना हुआ है. इस ऐतिहासिक स्थल के बीच बनी ये इमारत अब खंडहर बन चुकी है.

बोरारौ घाटी विकास संघर्ष समिति संयोजक सुरेश बोरा का कहना है कि शिक्षा विभाग को उक्त भवन को ध्वस्त कर इस स्थल को स्कूली बच्चों के क्रीड़ा स्थल और रामलीला मंच के लिए खाली करना चाहिए, जिससे रामलीला मंच को पीछे बनाकर सार्वजनिक प्रयोग हेतु स्थल को विकसित किया जा सके.

बता दें, सोमेश्वर बाजार में एकमात्र यही सार्वजनिक स्थल है, जहां सार्वजनिक आयोजन जैसे रामलीला, राजनीतिक दलों की जनसभाएं होती हैं.

Intro:सोमेश्वर के मुख्य बाजार में ब्रिटिश काल में बना ऐतिहासिक स्कूल भवन आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। ताकुला ब्लॉक के पहले कन्या क्रमोत्तर हाई स्कूल का भवन राहगीरों के लिए खतरा बना हुआ है। हैरानी की बात है कि इस स्थल में होने वाली जनसभाओं और अन्य कार्यक्रमों के मौके पर शासन प्रशासन के नुमाइंदे इस बदहाल भवन की ओर झांकते तक नही हैं।
Body:सोमेश्वर बाजार में आजादी से पहले ग्रामीणों ने जिला परिषद को शिक्षण संस्थान संचालित करने के लिए भूमि दान में दी थी। वर्ष 1993 तक जिन 4 कमरों में कन्या क्रमोत्तर जूनियर हाई स्कूल संचालित होता था वह आज खण्डहर में तब्दील हो चुका है। बाद में यहां संचालित कन्या हाई स्कूल के इण्टर में उच्चीकरण होने के बाद अन्यत्र शिफ्ट किया गया था। लेकिन अंग्रेजों के समय के इस भवन का आधा हिस्सा जमींदोज हो चुका है जबकि शेष खण्डहर भी गिरने के कगार पर है।
इस भवन के सामने आदर्श राप्रावि सोमेश्वर, बीआरसी कार्यालय ताकुला और जिला पंचायत का डाक बंगला और रामलीला मंच बना हुआ है। इस ऐतिहासिक स्थल के बीच में खड़ा यह खण्डहर बन चुका भवन सबके लिए परेशानी बना हुआ है। रामलीला कमेटी सोमेश्वर के सदस्यों और बौरारौ घाटी विकास संघर्ष समिति संयोजक सुरेश बोरा का कहना है कि शिक्षा विभाग को उक्त भवन को ध्वस्त कर इस स्थल को स्कूली बच्चों के क्रीड़ा स्थल तथा रामलीला मंच के लिए खाली करना चाहिए। ताकि रामलीला मंच को पीछे बनाकर सार्वजनिक प्रयोग हेतु स्थल को विकसित किया जा सके।
Conclusion:बताते चलें कि सोमेश्वर बाजार में एकमात्र यही सार्वजनिक स्थल है जहां सार्वजनिक आयोजन, रामलीला और तमाम राजनैतिक दलों की जन सभाएं भी होती हैं। किन्तु उक्त लावारिस भवन जो कि आज जिला पंचायत और शिक्षा विभाग की अनदेखी के कारण इस सार्वजनिक स्थल का एक हिस्सा बेकार पड़ा है।
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