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द्वाराहाट इंजीनियरिंग कॉलेज में अनियमितता मामले पर HC में सुनवाई, सरकार से मांगा जवाब

द्वाराहाट इंजीनियरिंग कॉलेज में अनियमितता मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सरकार और अल्मोड़ा डीएम समेत 11 लोगों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

NAINTLA
नैनीताल
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Published : Dec 9, 2021, 6:57 PM IST

Updated : Dec 9, 2021, 8:33 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बिपिन चंद्र त्रिपाठी इंजीनियरिंग कॉलेज द्वाराहाट में हुई वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टेक्निकल से 13 दिसंबर तक यह बताने को कहा है कि कोर्ट के आदेश होने के बाद भी अभी तक आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ. साथ में कोर्ट ने राज्य सरकार, चेयरमैन इंजीनियरिंग कॉलेज द्वाराहाट, प्रोफेसर मनोज कुमार पांडा, कविता नबियाल, वीएम मिश्रा, डीएम अल्मोड़ा, वीसी उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी, अजीत सिंह, केएस वैशला और विशाल कुमार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.

मामले के मुताबिक, द्वाराहाट निवासी राज्य आंदोलनकारी चंदन सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कॉलेज बनाने के लिए उन्होंने अपनी भूमि दान में दी थी. पिछले कुछ समय से इंजीनियरिंग कॉलेज में स्टाफ द्वारा सरकारी कागजों में हेराफेरी, नियुक्तियों में गड़बड़ी व धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. इस संबंध में उनके द्वारा पूर्व में सरकार को प्रत्यावेदन दिया था, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

ये भी पढ़ेंः गुरुकुल कांगड़ी विवि में VC की नियुक्ति के मामले में HC ने जारी किया नोटिस, एक साल में कर लिया इंटर!

21 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टेक्निकल को निर्देश दिए थे कि उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित करें. लेकिन सेक्रेटरी द्वारा उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित न कर अलग से एक आदेश जारी कर कहा कि मामले की जांच हेतु उन्होंने एक कमेटी गठित कर दी है और कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही इस प्रत्यावेदन को निस्तारित करेंगे. याचिकाकर्ता का कहना है 11 महीने बीत गए न तो जांच की गई न ही उनका प्रत्यावेदन निस्तारित किया गया.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बिपिन चंद्र त्रिपाठी इंजीनियरिंग कॉलेज द्वाराहाट में हुई वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टेक्निकल से 13 दिसंबर तक यह बताने को कहा है कि कोर्ट के आदेश होने के बाद भी अभी तक आदेश का पालन क्यों नहीं हुआ. साथ में कोर्ट ने राज्य सरकार, चेयरमैन इंजीनियरिंग कॉलेज द्वाराहाट, प्रोफेसर मनोज कुमार पांडा, कविता नबियाल, वीएम मिश्रा, डीएम अल्मोड़ा, वीसी उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी, अजीत सिंह, केएस वैशला और विशाल कुमार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.

मामले के मुताबिक, द्वाराहाट निवासी राज्य आंदोलनकारी चंदन सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कॉलेज बनाने के लिए उन्होंने अपनी भूमि दान में दी थी. पिछले कुछ समय से इंजीनियरिंग कॉलेज में स्टाफ द्वारा सरकारी कागजों में हेराफेरी, नियुक्तियों में गड़बड़ी व धन का दुरुपयोग किया जा रहा है. इस संबंध में उनके द्वारा पूर्व में सरकार को प्रत्यावेदन दिया था, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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21 दिसंबर 2020 को कोर्ट ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी टेक्निकल को निर्देश दिए थे कि उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित करें. लेकिन सेक्रेटरी द्वारा उनके प्रत्यावेदन को निस्तारित न कर अलग से एक आदेश जारी कर कहा कि मामले की जांच हेतु उन्होंने एक कमेटी गठित कर दी है और कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही इस प्रत्यावेदन को निस्तारित करेंगे. याचिकाकर्ता का कहना है 11 महीने बीत गए न तो जांच की गई न ही उनका प्रत्यावेदन निस्तारित किया गया.

Last Updated : Dec 9, 2021, 8:33 PM IST
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