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अल्मोड़ा में CMO दफ्तर पर स्वास्थ्य कर्मचारियों ने दिया धरना, समायोजित करने की मांग - अल्मोड़ा की हिंदी लेटेस्ट न्यूज

कोरोना काल में अस्पतालों में तैनात किए गए स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश है. अल्मोड़ा के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में धरना देते हुए कर्मचारियों ने समायोजित करने की मांग की है.

Health workers protest in Almora CMO office
अल्मोड़ा की हिंदी लेटेस्ट न्यूज
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Published : Mar 20, 2023, 4:35 PM IST

अल्मोड़ा: कोरोना काल में कोरोना मरीजों की सेवा के लिए सरकार की ओर से तैनात किए गए कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दिए जाने से उनमें रोष है. सोमवार को इन कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में धरना दिया और विरोध में नारे लगाए. उन्होंने चिकित्सालयों में रिक्त पदों पर उन्हें समायोजित करने की मांग की.

कोरोना काल में वर्ष 2020 में जिले भर के अस्पतालों में 48 कर्मचारियों को कोरोना मरीजों की सेवा के लिए नियुक्त किया गया था. जिसमें शासन स्तर से वॉर्ड ब्वॉय, पर्यावरण मित्र, डाटा एंट्री ऑपरेटर तथा ऑक्सीजन प्लांट टेक्निशयन आदि कर्मचारी रखे गए थे. इन सभी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई. जिसके बाद कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो अक्टूबर 2022 में शासन स्तर से इनका कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ाया दिया गया.
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वहीं आश्वासन दिया गया कि अगले 6 माह में सभी कार्मिकों को विभाग में खाली पदों पर समायोजित किया जाएगा. कर्मचारियों ने कहा कि समायोजन करने के बजाय शासन ने फिर से उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं. जबकि उन्होंने कोरोना काल से वर्तमान तक लगातार अपनी सेवाएं अपने जीवन को खतरे में डाल कर दी हैं. उस समय चिकित्सालयों में सैंपलिंग, वैक्सीनेशन, टेस्टिंग आदि का कार्य बहुत ही कम मानदेय में किया है. कार्मिकों ने कहा कि चिकित्सालयों में खाली पडे़ पदों के सापेक्ष उन्हें समायोजित किया जाए.

उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो उनका अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. इधर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरसी पंत ने कहा कि कोविड कार्मिकों की समस्याओं के संबंध में शासन को अवगत करा दिया गया है. इस मामले में शासन स्तर से ही निर्णय लिया जाना है.

अल्मोड़ा: कोरोना काल में कोरोना मरीजों की सेवा के लिए सरकार की ओर से तैनात किए गए कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दिए जाने से उनमें रोष है. सोमवार को इन कर्मचारियों ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में धरना दिया और विरोध में नारे लगाए. उन्होंने चिकित्सालयों में रिक्त पदों पर उन्हें समायोजित करने की मांग की.

कोरोना काल में वर्ष 2020 में जिले भर के अस्पतालों में 48 कर्मचारियों को कोरोना मरीजों की सेवा के लिए नियुक्त किया गया था. जिसमें शासन स्तर से वॉर्ड ब्वॉय, पर्यावरण मित्र, डाटा एंट्री ऑपरेटर तथा ऑक्सीजन प्लांट टेक्निशयन आदि कर्मचारी रखे गए थे. इन सभी कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई. जिसके बाद कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो अक्टूबर 2022 में शासन स्तर से इनका कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ाया दिया गया.
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वहीं आश्वासन दिया गया कि अगले 6 माह में सभी कार्मिकों को विभाग में खाली पदों पर समायोजित किया जाएगा. कर्मचारियों ने कहा कि समायोजन करने के बजाय शासन ने फिर से उनकी सेवाएं समाप्त कर दी हैं. जबकि उन्होंने कोरोना काल से वर्तमान तक लगातार अपनी सेवाएं अपने जीवन को खतरे में डाल कर दी हैं. उस समय चिकित्सालयों में सैंपलिंग, वैक्सीनेशन, टेस्टिंग आदि का कार्य बहुत ही कम मानदेय में किया है. कार्मिकों ने कहा कि चिकित्सालयों में खाली पडे़ पदों के सापेक्ष उन्हें समायोजित किया जाए.

उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो उनका अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. इधर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरसी पंत ने कहा कि कोविड कार्मिकों की समस्याओं के संबंध में शासन को अवगत करा दिया गया है. इस मामले में शासन स्तर से ही निर्णय लिया जाना है.

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