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गुरुड़ाबांज में शिल्प उन्नयन संस्थान के निर्माण को लेकर कांग्रेस उग्र, हरीश रावत ने दिया धरना

मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान का निर्माण कार्य रोके जाने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत उतर आये हैं. आज हरीश रावत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ इस मामले को लेकर धरना दिया. हरीश रावत ने कहा भाजपा ने सरकार आने के बाद इस संस्थान का निर्माण कार्य आधे में ही रोका है, जो शिल्पी समाज का अपमान है.

Congress attackers for the construction of Craft Upgradation Institute in Gurudabanj
गुरुड़ाबांज में शिल्प उन्नयन संस्थान का निर्माण को लेकर कांग्रेस हमलावर
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Published : Aug 24, 2022, 5:45 PM IST

अल्मोड़ा: पूर्व सीएम हरीश रावत ने जिले के गरुड़ाबांज स्थित मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान का निर्माण को लेकर बीजेपी को घेरा है. हरीश रावत ने बीजेपी पर इस संस्थान के निर्माणकार्य को रोकेने का आरोप लगाया है. आज पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ इस संस्थान के निर्माण स्थल पर धरना दिया. इस दौरान उनके साथ पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी समेत सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.

इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा भाजपा सरकार को 6 साल पूरे हो गए हैं. इन 6 सालों में भाजपा की सरकार किस तरह का प्रदेश में विकास कर रही है, इसका जीता जागता उदाहरण यहां का मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान है. उन्होंने कहा मुंशी प्रसाद टम्टा ने समाज के तमाम शिल्पियों को एक जुटकर उनको शिल्पकार नाम दिया. ऐसे शख्स के नाम पर कांग्रेस सरकार ने यहां संस्थान बनाने की शरूआत की, लेकिन भाजपा की सरकार आने के बाद इस संस्थान का निर्माण कार्य आधे में ही रोक दिया गया, जो शिल्पकार समाज का अपमान है.

हरीश रावत ने दिया धरना.

पढे़ं-स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जब लोग तोड़ रहे थे दम, तब हाकम की मां को मिला था स्पेशल चॉपर

उन्होंने कहा अगर यह संस्थान अभी शुरू हो जाता तो, अब तक यहां 10 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कांग्रेस सरकार के समय मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान निर्माण को स्वीकृति मिली थी, लेकिन भाजपा सरकार ने कार्य को रोक दिया. इसके निर्माण का उद्देश्य स्थानीय हस्तशिल्प, कला को बढ़ावा देना है. ताकि परंपरागत शिल्प को बचाया जा सके.

पढे़ं- आपदा से गढ़वाल के तीन जिलों में आफत, अब तक पांच शव बरामद, 13 अभी भी लापता

इससे स्वरोजगार तो बढ़ता ही वही पहाड़ी क्षेत्र से हो रहे पलायन भी रुकता. इसके निर्माण में करोड़ों रुपये भी खर्च किए जा चुके हैं. डबल इंजन की सरकार क्षेत्रवासियों की प्रमुख मांग को अनदेखी कर रही है, जिस कारण मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है.

अल्मोड़ा: पूर्व सीएम हरीश रावत ने जिले के गरुड़ाबांज स्थित मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान का निर्माण को लेकर बीजेपी को घेरा है. हरीश रावत ने बीजेपी पर इस संस्थान के निर्माणकार्य को रोकेने का आरोप लगाया है. आज पूर्व सीएम हरीश रावत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ इस संस्थान के निर्माण स्थल पर धरना दिया. इस दौरान उनके साथ पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी समेत सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.

इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा भाजपा सरकार को 6 साल पूरे हो गए हैं. इन 6 सालों में भाजपा की सरकार किस तरह का प्रदेश में विकास कर रही है, इसका जीता जागता उदाहरण यहां का मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान है. उन्होंने कहा मुंशी प्रसाद टम्टा ने समाज के तमाम शिल्पियों को एक जुटकर उनको शिल्पकार नाम दिया. ऐसे शख्स के नाम पर कांग्रेस सरकार ने यहां संस्थान बनाने की शरूआत की, लेकिन भाजपा की सरकार आने के बाद इस संस्थान का निर्माण कार्य आधे में ही रोक दिया गया, जो शिल्पकार समाज का अपमान है.

हरीश रावत ने दिया धरना.

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उन्होंने कहा अगर यह संस्थान अभी शुरू हो जाता तो, अब तक यहां 10 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कांग्रेस सरकार के समय मुंशी हरिप्रसाद टम्टा पारंपरिक शिल्प उन्नयन संस्थान निर्माण को स्वीकृति मिली थी, लेकिन भाजपा सरकार ने कार्य को रोक दिया. इसके निर्माण का उद्देश्य स्थानीय हस्तशिल्प, कला को बढ़ावा देना है. ताकि परंपरागत शिल्प को बचाया जा सके.

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इससे स्वरोजगार तो बढ़ता ही वही पहाड़ी क्षेत्र से हो रहे पलायन भी रुकता. इसके निर्माण में करोड़ों रुपये भी खर्च किए जा चुके हैं. डबल इंजन की सरकार क्षेत्रवासियों की प्रमुख मांग को अनदेखी कर रही है, जिस कारण मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है.

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