सोमेश्वर: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बेकाबू होती जा रही है. वहीं, अल्मोड़ा जिले के जंगल लंबे समय से धधक रहे हैं. वनाग्नि के कारण यहां पूरे वातावरण में धुंध छाई हुई है. सोमेश्वर के मनान क्षेत्र के ककराड़ के जंगल भी पिछले 2 दिनों से धधक रहे हैं. जिससे क्षेत्र में भारी धुंध छाई है. ककराड़ की ग्राम प्रधान पूजा देवी के नेतृत्व में महिलाओं ने कड़ी मशक्कत कर मंगलवार और बुधवार को आग को आवासीय क्षेत्रों में फैलने से रोका.
अल्मोड़ा में लगातार वनाग्नि की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक 660 हेक्टेयर से अधिक वन संपदा आग में जल चुकी है. जंगल की आग का असर पूरे पर्यावरण में देखने को मिल रहा है, जिसके कारण पूरे वातावरण में इन दिनों धुंध छाई हुई है. वहीं वन विभाग के अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को आग लगने की जानकारी देने के लिए वो फोन करते रहें. लेकिन, उनके मोबाइल फोन रिसीव तक नहीं होते हैं.
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ग्रामीणों का कहना है कि सरकार और विभाग गोष्ठियों और क्रू-सेंटरों के नाम पर भारी-भरकम बजट खर्च करते हैं, लेकिन जंगलों की आग बुझाने के कोई प्रयास नहीं किए जाते हैं. ग्रामीण और महिलाएं आग बुझाने में डटी हुई हैं. उन्हें आग बुझाने हेतु संसाधन अथवा प्रोत्साहन राशि भी नहीं दी जाती है. आग बुझाने में ग्राम प्रधान पूजा देवी, हंसी देवी, अनीता भंडारी, शीतल देवी, मनीषा, कमला आदि मौजूद रहीं. इधर वन क्षेत्राधिकारी नवीन टम्टा का कहना है कि वह अस्वस्थ हैं और हल्द्वानी में अपना उपचार करा रहे हैं. विभागीय कर्मचारियों को फोन कर मामले की जानकारी दी जाएगी.
डीएफओ ने संभाला मोर्चा: वहीं, अल्मोड़ा के जंगल की आग अब लगातार बेकाबू होते जा रही है. फायर सीजन शुरू होने के बाद अल्मोड़ा में अब तक 660 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुका है. ऐसे में धधकते जंगलों को बचाने के लिए अल्मोड़ा वन प्रभाग के डीएफओ महातिम यादव अब खुद मैदान में आ चुके हैं. महातिम यादव अपनी टीम के साथ विगत तीन दिनों से द्वाराहाट और सोमेश्वर रेंज के जंगलों में आग बुझाने में मुस्तैद हैं.