अल्मोड़ा: कोराना वायरस के कहर के चलते पर्वतीय अंचलों के किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. जहां रबी की फसल की कटाई किसान अभी तक नहीं कर पाएं हैं, वहीं खरीफ की फसल की बुवाई एक महीना देरी से हो पा रही है. जनपद में किसानों द्वारा धान, मडुवा, झिगोरा सहित कई फसलो को मार्च तक बोया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के चलते एक महीना कृषि कार्य बाधित रहा.
अब किसानों को कृषि कार्य की अनुमति मिली है. पर्वतीय इलाकों की भौगोलिक स्थिति ये है कि उनके खेत एक जगह न होकर, अलग अलग कई किलोमीटरो की दूरी पर हैं. किसानों का कहना है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान उन्हें सिर्फ सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक कृषि कार्य करने की अनुमति मिली है.
यह भी पढ़ें-लॉकडाउन के बीच राजधानी में स्मार्ट सिटी पर काम शुरू, पलटन बाजार के सौंदर्यीकरण से हुई शुरुआत
वहीं उत्तराखंड पर्वतीय अंचलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से रबी की फसल व बागवानी से जुड़े किसानों को भारी नुकसान हुआ है. अल्मोड़ा की बात करें तो यहां पिछले दो हफ्तों में लगभग 25 एमएम वर्षा हो चुकी है. कई स्थानों पर भारी वर्षा और ओले पड़ने से जनपद के किसानों को भारी नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के अनुसार बारिश और ओलावृष्टि से जनपद में 10 से 15 प्रतिशत फसल को नुकसान पहुंचा है.