सोमेश्वर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सम्पन्न हुए ढाई महीने का समय बीत चुका है. नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को पद और गोपनीयता की शपथ लिए डेढ़ माह का समय हो गया है, लेकिन ताकुला ब्लॉक के अनेक ग्राम प्रधानों को अब तक न तो कार्यभार मिला है, न ही अभिलेख और ग्राम प्रधान की मुहर ही मिली है.
बता दें कि चनौदा न्याय पंचायत के अंतर्गत 8 ग्राम प्रधान बस्ते और मुहर के लिए विभागीय अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने को विवश हैं. ग्राम पंचायत धौलरा के ग्राम प्रधान कैलाश चन्द्र जोशी का कहना है कि 27 नवम्बर को नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ तो दिलाई गई लेकिन डेढ़ महीने बीतने पर भी उन्हें न तो विकास कार्यों से जुड़े अभिलेख मिले और न ही प्रधानी की मुहर.
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कार्यभार नहीं मिलने से जहां एक ओर ग्रामीण जरूरी प्रमाण पत्रों के लिए परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर पिछले कई महीनों से गांवों के विकास कार्य ठप पड़े हैं. रौल्याणा ग्राम पंचायत की प्रधान कविता देवी ने भी रोष जताते हुए कहा कि उनको केवल प्रधान बनने का प्रमाण पत्र और शपथ दिलाकर ब्लॉक प्रशासन ने जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली है.
हैरानी की बात है कि नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों की ब्लॉक स्तरीय पहली बैठक भी हो चुकी है, लेकिन अनेक गांवों में आज भी प्रशासक ही वजूद में हैं. नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों ने शासन प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र उन्हें बस्ता, मुहर और दस्तावेज नहीं सौपे गए तो उन्हें आंदोलन की राह पकड़ने को विवश होना पड़ेगा.
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वहीं ग्रामीण परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र और मनरेगा में काम मांगने प्रधान के घर पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों को भी अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.