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सोमेश्वर : प्रधान बने हो गया डेढ़ माह, पर अभी भी हैं 'बेरोजगार' - चनौदा न्याय पंचायत सोमेश्वर अल्मोड़ा न्यूज

नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को पद और गोपनीयता की शपथ लिए डेढ़ माह का समय हो गया है, लेकिन ताकुला ब्लॉक के अनेक ग्राम प्रधानों को अब तक कार्यभार नहीं मिला है.

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प्रधानों को नहीं मिला कार्यभार .
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Published : Jan 12, 2020, 5:57 PM IST

Updated : Jan 12, 2020, 6:19 PM IST

सोमेश्वर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सम्पन्न हुए ढाई महीने का समय बीत चुका है. नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को पद और गोपनीयता की शपथ लिए डेढ़ माह का समय हो गया है, लेकिन ताकुला ब्लॉक के अनेक ग्राम प्रधानों को अब तक न तो कार्यभार मिला है, न ही अभिलेख और ग्राम प्रधान की मुहर ही मिली है.

बता दें कि चनौदा न्याय पंचायत के अंतर्गत 8 ग्राम प्रधान बस्ते और मुहर के लिए विभागीय अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने को विवश हैं. ग्राम पंचायत धौलरा के ग्राम प्रधान कैलाश चन्द्र जोशी का कहना है कि 27 नवम्बर को नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ तो दिलाई गई लेकिन डेढ़ महीने बीतने पर भी उन्हें न तो विकास कार्यों से जुड़े अभिलेख मिले और न ही प्रधानी की मुहर.

प्रधानों को नहीं मिला कार्यभार .

यह भी पढ़ें-पलायन रोकने की दिशा में राज्य सरकार की पहल, 180 युवाओं को खेती करने के लिए देगी मानदेय

कार्यभार नहीं मिलने से जहां एक ओर ग्रामीण जरूरी प्रमाण पत्रों के लिए परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर पिछले कई महीनों से गांवों के विकास कार्य ठप पड़े हैं. रौल्याणा ग्राम पंचायत की प्रधान कविता देवी ने भी रोष जताते हुए कहा कि उनको केवल प्रधान बनने का प्रमाण पत्र और शपथ दिलाकर ब्लॉक प्रशासन ने जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली है.

हैरानी की बात है कि नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों की ब्लॉक स्तरीय पहली बैठक भी हो चुकी है, लेकिन अनेक गांवों में आज भी प्रशासक ही वजूद में हैं. नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों ने शासन प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र उन्हें बस्ता, मुहर और दस्तावेज नहीं सौपे गए तो उन्हें आंदोलन की राह पकड़ने को विवश होना पड़ेगा.

यह भी पढ़ें-युवा दिवस: देवभूमि के इस जगह स्वामी विवेकानंद को हुई थी ज्ञान की प्राप्ति, पीपल का पेड़ दे रहा गवाही

वहीं ग्रामीण परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र और मनरेगा में काम मांगने प्रधान के घर पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों को भी अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

सोमेश्वर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सम्पन्न हुए ढाई महीने का समय बीत चुका है. नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को पद और गोपनीयता की शपथ लिए डेढ़ माह का समय हो गया है, लेकिन ताकुला ब्लॉक के अनेक ग्राम प्रधानों को अब तक न तो कार्यभार मिला है, न ही अभिलेख और ग्राम प्रधान की मुहर ही मिली है.

बता दें कि चनौदा न्याय पंचायत के अंतर्गत 8 ग्राम प्रधान बस्ते और मुहर के लिए विभागीय अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने को विवश हैं. ग्राम पंचायत धौलरा के ग्राम प्रधान कैलाश चन्द्र जोशी का कहना है कि 27 नवम्बर को नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ तो दिलाई गई लेकिन डेढ़ महीने बीतने पर भी उन्हें न तो विकास कार्यों से जुड़े अभिलेख मिले और न ही प्रधानी की मुहर.

प्रधानों को नहीं मिला कार्यभार .

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कार्यभार नहीं मिलने से जहां एक ओर ग्रामीण जरूरी प्रमाण पत्रों के लिए परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर पिछले कई महीनों से गांवों के विकास कार्य ठप पड़े हैं. रौल्याणा ग्राम पंचायत की प्रधान कविता देवी ने भी रोष जताते हुए कहा कि उनको केवल प्रधान बनने का प्रमाण पत्र और शपथ दिलाकर ब्लॉक प्रशासन ने जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली है.

हैरानी की बात है कि नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों की ब्लॉक स्तरीय पहली बैठक भी हो चुकी है, लेकिन अनेक गांवों में आज भी प्रशासक ही वजूद में हैं. नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों ने शासन प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र उन्हें बस्ता, मुहर और दस्तावेज नहीं सौपे गए तो उन्हें आंदोलन की राह पकड़ने को विवश होना पड़ेगा.

यह भी पढ़ें-युवा दिवस: देवभूमि के इस जगह स्वामी विवेकानंद को हुई थी ज्ञान की प्राप्ति, पीपल का पेड़ दे रहा गवाही

वहीं ग्रामीण परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र और मनरेगा में काम मांगने प्रधान के घर पहुंच रहे हैं. ग्रामीणों को भी अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.

Intro:त्रिस्तरीय चुनाव के लगभग तीन माह बीतने के बाद भी कई ग्राम पंचायतों में प्रधान अधिकार विहीन बने हुए हैं. दस्तावेजों का बस्ता और प्रधान की मोहर नही मिलने से ग्रामीण और प्रधान दोनों परेशान हैं और अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. प्रशासकों की हीलाहवाली के कारण चुनाव होने के बाद भी ग्रामीण परिवार रजिस्टर की नकल से लेकर तमाम प्रमाण पत्रों के लिए दिक्कतें झेल रहे हैं. ग्रामीणों और नव निर्वाचित प्रधानों ने शीघ्र कार्यवाही नही होने पर आंदोलन की राह पकड़ने की चेतावनी दी है.Body:सोमेश्वर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सम्पन्न हुए ढाई महीने का समय बीत चुका है और नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को पद और गोपनीयता की शपथ लिए डेढ़ माह का समय हो गया है. लेकिन ताकुला ब्लॉक के अनेक ग्राम प्रधानों को अब तक न तो कार्यभार मिला है और न ही अभिलेख और प्रधान की मोहर मिल सकी है. चनौदा न्याय पंचायत के अंतर्गत 8 ग्राम प्रधान बस्ते और मोहर के लिए विभागीय अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने को विवश हैं.
ग्राम पंचायत धौलरा के ग्राम प्रधान कैलाश चन्द्र जोशी का कहना है कि 27 नवम्बर को नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को शपथ तो दिलाई गई लेकिन डेढ़ माह बीतने पर भी उन्हें न तो विकास कार्यों से जुड़े अभिलेख मिले और न ही प्रधानी की मोहर. कार्यभार नही मिलने से जहां एक ओर ग्रामीण जरूरी प्रमाण पत्रों के लिए परेशान हैं वहीं दूसरी ओर पिछले कई महीनों से गांवों के विकास कार्य ठप पड़े हैं. रौल्याणा ग्राम पंचायत की प्रधान कविता देवी ने भी रोष जताते हुए कहा कि उनको केवल प्रधान बनने का प्रमाण पत्र और शपथ दिलाकर ब्लॉक प्रशासन ने जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली है. जबकि ग्रामीण परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र और मनरेगा में काम मांगने प्रधान के घर पहुंच रहे हैं और ग्रामीणों को भी अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
हैरानी की बात है कि नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों की ब्लॉक स्तरीय पहली बैठक भी हो चुकी है लेकिन अनेक गांवों में आज भी प्रशासक ही वजूद में हैं. नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों ने शासन प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र उन्हें बस्ता, मोहर और दस्तावेज नहीं सौपे गए तो उन्हें आंदोलन की राह पकड़ने को विवश होना पड़ेगा.Conclusion:
Last Updated : Jan 12, 2020, 6:19 PM IST

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