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CM ने बढ़ाया था गेस्ट टीचरों का मानदेय, निदेशक ने दो महीने का वेतन वापस मांगा

शिक्षा निदेशक ने उत्तराखंड के अतिथि शिक्षकों से 2 माह का वेतन वापस लेने का फरमान जारी किया है. इस फरमान के बाद अतिथि शिक्षकों का पारा चढ़ गया है.

someshwar
सोमेश्वर
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Published : Jul 23, 2021, 3:48 PM IST

सोमेश्वरः उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की घोषणा की थी. लेकिन शिक्षा विभाग ने बढ़े हुए वेतन का शासनादेश जारी होने से पहले ही कोविड काल के 2 महीने का वेतन वापस लेने का फरमान जारी कर अतिथि शिक्षकों का आक्रोश बढ़ा दिया है.

अल्मोड़ा के सोमेश्वर के ताकुला विकासखंड के अतिथि शिक्षक संघ का कहना है कि धामी कैबिनेट की बैठक में अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने का फैसला लिया था. जिसका अभी तक शासनादेश जारी नहीं किया गया है. लेकिन शिक्षा विभाग ने इसके विपरीत मई और जून माह का वेतन वापस लेने का फरमान जारी कर दिया है.

गेस्ट टीचरों से 2 माह का वेतन वापस लेने का फरमान

ये भी पढ़ेंः रहम करो! मुख्यमंत्री दे रहे राहत पैकेज और प्रशासन खाली करवा रहा दुकान-मकान

शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार उनके साथ छलावा कर रही है. कोरोना काल में स्थाई शिक्षकों के साथ अतिथि शिक्षकों ने भी बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया है. इसके साथ ही कोविड ड्यूटी भी की है. फिर भी सरकार अतिथि शिक्षकों का उत्पीड़न कर रही है. शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शिक्षा विभाग ने अपना फरमान वापस नहीं लिया और मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 25 हजार रुपये मासिक वेतन नहीं दिये, तो सभी अतिथि शिक्षक सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

सोमेश्वरः उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाने की घोषणा की थी. लेकिन शिक्षा विभाग ने बढ़े हुए वेतन का शासनादेश जारी होने से पहले ही कोविड काल के 2 महीने का वेतन वापस लेने का फरमान जारी कर अतिथि शिक्षकों का आक्रोश बढ़ा दिया है.

अल्मोड़ा के सोमेश्वर के ताकुला विकासखंड के अतिथि शिक्षक संघ का कहना है कि धामी कैबिनेट की बैठक में अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाकर 25 हजार रुपये करने का फैसला लिया था. जिसका अभी तक शासनादेश जारी नहीं किया गया है. लेकिन शिक्षा विभाग ने इसके विपरीत मई और जून माह का वेतन वापस लेने का फरमान जारी कर दिया है.

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शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार उनके साथ छलावा कर रही है. कोरोना काल में स्थाई शिक्षकों के साथ अतिथि शिक्षकों ने भी बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया है. इसके साथ ही कोविड ड्यूटी भी की है. फिर भी सरकार अतिथि शिक्षकों का उत्पीड़न कर रही है. शिक्षकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शिक्षा विभाग ने अपना फरमान वापस नहीं लिया और मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 25 हजार रुपये मासिक वेतन नहीं दिये, तो सभी अतिथि शिक्षक सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे.

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