अल्मोड़ा: जिले में इस बार दशहरे के पर्व पर जिला प्रशासन द्वारा एक अनोखी पहल देखी गई. जिला प्रशासन की ओर से अल्मोड़ा में पहली बार महिरावण नाम का एक पुतला बनाया गया है. जिसके जरिए समाज में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जा रहा है. जिसके लिए इस पुतले को शहर के पूरे बाजार में घुमाया जा रहा है. जिसमें प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी गाजे-बाजे के साथ झूमते नजर आए.
अल्मोड़ा का दशहरा पूरे देश में अपने कलात्मक पुतलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां रावण परिवार के 2 दर्जन से अधिक विशालकाय पुतलों की पूरे शहर में भव्य झांकी निकली जाती है. जिसको देखने के लिए विदेशों तक से लोग यहां पहुंचते हैं. इन पुतलों को बनाने में महीनों का समय लगता है. जिन्हें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्मों के लोग तैयार करते हैं.
पढे़ं- 'कलयुगी रावण' की नई चाल, अब राम नहीं पर्यावरण को पहुंचा रहा नुकसान
जिस कारण यह पर्व यहां सामाजिक सौहार्द का प्रतीक भी माना जाता है. इस बार जिला प्रशासन द्वारा महि रावण का पुतला बनाया गया है. जिसे 4 दिन में प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा तैयार किया गया है. जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पहली बार पुतला बनाया गया है, जिसकी थीम बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ है.