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अल्मोड़ा: यहां बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का संदेश दे रहा लंकापति रावण - अल्मोड़ा में दशहरा

अल्मोड़ा के जिला प्रशासन द्वारा तैयार किए गए दशानन के पुतले को बाजार में घुमाया गया. जिसके माध्यम से बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का भी संदेश दिया गया. सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा अपने कलात्मक पुतलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां इस तरह की पहल की लोग सराहना कर रहे हैं.

महिरावण को बाजार में घुमाया गया.
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Published : Oct 8, 2019, 5:37 PM IST

Updated : Oct 8, 2019, 6:30 PM IST

अल्मोड़ा: जिले में इस बार दशहरे के पर्व पर जिला प्रशासन द्वारा एक अनोखी पहल देखी गई. जिला प्रशासन की ओर से अल्मोड़ा में पहली बार महिरावण नाम का एक पुतला बनाया गया है. जिसके जरिए समाज में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जा रहा है. जिसके लिए इस पुतले को शहर के पूरे बाजार में घुमाया जा रहा है. जिसमें प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी गाजे-बाजे के साथ झूमते नजर आए.

महिरावण को बाजार में घुमाया गया.

अल्मोड़ा का दशहरा पूरे देश में अपने कलात्मक पुतलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां रावण परिवार के 2 दर्जन से अधिक विशालकाय पुतलों की पूरे शहर में भव्य झांकी निकली जाती है. जिसको देखने के लिए विदेशों तक से लोग यहां पहुंचते हैं. इन पुतलों को बनाने में महीनों का समय लगता है. जिन्हें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्मों के लोग तैयार करते हैं.

पढे़ं- 'कलयुगी रावण' की नई चाल, अब राम नहीं पर्यावरण को पहुंचा रहा नुकसान

जिस कारण यह पर्व यहां सामाजिक सौहार्द का प्रतीक भी माना जाता है. इस बार जिला प्रशासन द्वारा महि रावण का पुतला बनाया गया है. जिसे 4 दिन में प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा तैयार किया गया है. जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पहली बार पुतला बनाया गया है, जिसकी थीम बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ है.

अल्मोड़ा: जिले में इस बार दशहरे के पर्व पर जिला प्रशासन द्वारा एक अनोखी पहल देखी गई. जिला प्रशासन की ओर से अल्मोड़ा में पहली बार महिरावण नाम का एक पुतला बनाया गया है. जिसके जरिए समाज में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जा रहा है. जिसके लिए इस पुतले को शहर के पूरे बाजार में घुमाया जा रहा है. जिसमें प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी गाजे-बाजे के साथ झूमते नजर आए.

महिरावण को बाजार में घुमाया गया.

अल्मोड़ा का दशहरा पूरे देश में अपने कलात्मक पुतलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां रावण परिवार के 2 दर्जन से अधिक विशालकाय पुतलों की पूरे शहर में भव्य झांकी निकली जाती है. जिसको देखने के लिए विदेशों तक से लोग यहां पहुंचते हैं. इन पुतलों को बनाने में महीनों का समय लगता है. जिन्हें हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्मों के लोग तैयार करते हैं.

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जिस कारण यह पर्व यहां सामाजिक सौहार्द का प्रतीक भी माना जाता है. इस बार जिला प्रशासन द्वारा महि रावण का पुतला बनाया गया है. जिसे 4 दिन में प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा तैयार किया गया है. जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पहली बार पुतला बनाया गया है, जिसकी थीम बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ है.

Intro:
अल्मोड़ा में दशहरे के पर्व पर इस बार जिला प्रशासन द्वारा एक अनोखी पहल देखी गई। जिला प्रशासन की ओर से अल्मोड़ा में पहली बार महिरावण नाम का एक पुतला बनाया गया। जिसका मतलब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देना है। जहाँ एक तरफ रावण परिवार के 2 दर्जन से अधिक कलात्मक पुतलो की शहर में झांकिया निकली गयी स्थानीय लोग उन पुतलो के साथ नाचते झूमते देखे गए वही जिला प्रशासन द्वारा तैयार गए पुतले को भी बाजार में घुमाया गया जिसमें प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी नाचते झूमते नज़र आये।
Body:अल्मोड़ा का दशहरा पूरे देश में अपने कलात्मक पुतलो के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ रावण परिवार के 2 दर्जन से अधिक विशालकाय पुतलो का पूरे शहर में भव्य झांकी निकली जाती है जिसके देखने के लिए विदेशो से तक लोग यहाँ लोग पहुचते हैं। इन पुतलो को बनाने में महीनों के समय लगता है। जिन्हें हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सहित सभी धर्म के लोग ही तैयार करते हैं। इसलिए इस पर्व को सामाजिक सौहार्द का प्रतीकभी माना जाता है। इस बार जिला प्रशासन द्वारा महि रावण का पुतला बनाया गया। जिसको 4 दिन में प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा तैयार किया गया। जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पहली बार पुतला बनाया गया है जिसकी थीम बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ है।
बाइट - राकेश जोशी, आपदा अधिकारी
बाइट - बीतीं भदौरिया, जिलाधिकारीConclusion:
Last Updated : Oct 8, 2019, 6:30 PM IST
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