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दिव्यांग जोड़े की प्रेम कहानी हुई मुकम्मल, शादी के बंधन में बंधे दोनों - उत्तराखंड न्यूज

ये कहानी है अल्मोड़ा के रहने वाले सुमित और दीपा की. जिन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ चितई गोलू मंदिर में परिजनों की मौजूदगी में सात फेरे लिए.

दिव्यांग दंपति.
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Published : May 8, 2019, 7:23 PM IST

अल्मोड़ा: एक साथ स्कूल में पढ़ने के दौरान दो दिव्यागों के बीच शुरू हुई प्रेम कहानी मुकम्मल मुकाम तक पहुंची है. बचपन का प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि आखिरकार दोनों ने एक-दूसरे के हो गए. ये कहानी है अल्मोड़ा के रहने वाले सुमित और दीपा की. जिन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ चितई गोलू मंदिर में परिजनों की मौजूदगी में सात फेरे लिए. वहीं, सुमित पूर्व में विशिष्ट खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर चुके हैं.

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दिव्यांग जोड़े की प्रेम कहानी हुई मुकम्मल.

अल्मोड़ा के दुगालखोला निवासी सुमित तिवारी और अल्मोड़ा के खोल्टा निवासी दीपा जोशी बचपन से दिव्यांग थे. दोनों बचपन में नगर के मंगलदीप विद्या मंदिर में पढ़ते थे. वहां के शिक्षकों का प्रयास ही था कि सुमित ने इंटर की परीक्षा पास की है. जबकि, दीपा ने इस बार हाईस्कूल की परीक्षा दी है. दिव्यांगता को सुमित ने कभी भी अपने आगे नहीं आने दिया.

बता दें कि सुमित तैराकी में विशिष्ट राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग कर चुके हैं. जबकि, दीपा जोशी को कढ़ाई और बुनाई का शौक है. दोनों की प्रेम कहानी स्कूल में पढ़ने के दौरान ही शुरू हुई थी. वहीं, बुधवार को चितई गोलू मंदिर में दोनों का विवाह पंडित भुवन चंद्र लोहनी और गिरीश चंद्र तिवारी ने मंत्रोच्चार के साथ संपन्न करवाया.

अल्मोड़ा: एक साथ स्कूल में पढ़ने के दौरान दो दिव्यागों के बीच शुरू हुई प्रेम कहानी मुकम्मल मुकाम तक पहुंची है. बचपन का प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि आखिरकार दोनों ने एक-दूसरे के हो गए. ये कहानी है अल्मोड़ा के रहने वाले सुमित और दीपा की. जिन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ चितई गोलू मंदिर में परिजनों की मौजूदगी में सात फेरे लिए. वहीं, सुमित पूर्व में विशिष्ट खेलों में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग कर चुके हैं.

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दिव्यांग जोड़े की प्रेम कहानी हुई मुकम्मल.

अल्मोड़ा के दुगालखोला निवासी सुमित तिवारी और अल्मोड़ा के खोल्टा निवासी दीपा जोशी बचपन से दिव्यांग थे. दोनों बचपन में नगर के मंगलदीप विद्या मंदिर में पढ़ते थे. वहां के शिक्षकों का प्रयास ही था कि सुमित ने इंटर की परीक्षा पास की है. जबकि, दीपा ने इस बार हाईस्कूल की परीक्षा दी है. दिव्यांगता को सुमित ने कभी भी अपने आगे नहीं आने दिया.

बता दें कि सुमित तैराकी में विशिष्ट राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग कर चुके हैं. जबकि, दीपा जोशी को कढ़ाई और बुनाई का शौक है. दोनों की प्रेम कहानी स्कूल में पढ़ने के दौरान ही शुरू हुई थी. वहीं, बुधवार को चितई गोलू मंदिर में दोनों का विवाह पंडित भुवन चंद्र लोहनी और गिरीश चंद्र तिवारी ने मंत्रोच्चार के साथ संपन्न करवाया.

Intro:एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ने के दौरान दो दिव्यागों के बीच प्रेम कहानी शुरू हुई , प्रेम इतना परवान चढ़ा कि दोनों ने साथ जीने मरने की कसमें खाकर आखिरकार मंदिर में दोनों शादी के बंधन में बध गए। ये कहानी है अल्मोड़ा निवासी दिव्यांग सुमित और दीपा की। मंगल दीप विद्या मंदिर में पढ़ने वाले दिव्यांग सुमित और दीपा ने पूरे विधि विधान के साथ चितई गोलू मंदिर परिजनों की मौजूदगी में सात फेरे लिए। दिव्यांग सुमित पूर्व में विशिष्ट खेलों स्विमिंग में राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके है।


Body:अल्मोड़ा के दुगालखोला निवासी सुमित तिवारी और अल्मोड़ा के खोल्टा निवासी दीपा जोशी बचपन से शारीरिक और मानसिक रूप दिव्यांग थे। दोनों को शारीरिक व मानसिक रूप से सुदृण बनाने के दोनों के माता पिताओ ने शहर के मंगलदीप विद्या मंदिर में प्रवेश दिलवाया।वहाँ के शिक्षकों के प्रयासों से सुमित ने इंटर की परीक्षा पास की जबकि दीपा ने इस बार हाइस्कूल की परीक्षा दी है। सुमित पूर्व में स्विमिंग नेशनल खेल चुके हैं जबकि दीपा जोशी कड़ाई बुनाई में उस्ताद है। दोनों की प्रेम कहानी एक ही स्कूल में पढ़ने के दौरान ही शुरू हुई । चितई गोलू मंदिर में दोनों का विवाह पंडित भुवन चंद्र लोहनी और गिरीश चंद्र तिवारी ने मंत्रोच्चार के साथ संपन्न करवाया।

फ़ोटो मेल से भेजे गए हैं।


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