अल्मोड़ा: जिला विकास प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति ने आज अल्मोड़ा गांधी पार्क में धरना दिया. इस दौरान समिति ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और अपना रोष व्यक्त किया. समिति का कहना है कि विकास प्राधिकरण के लागू होने के बाद से लोगों को घर बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सर्वदलीय संघर्ष समिति के लोगों ने कहा कि नवंबर 2017 में प्रदेश सरकार ने तुगलकी फरमान जारी कर जनविरोधी जिला विकास प्राधिकरण को लागू कर दिया, जिसका पिछले तीन सालों से सर्वदलीय संघर्ष समिति के लोग विरोध कर रहे है. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण लागू होने से जनता बेहद त्रस्त है और लगातार सरकार से इस जनविरोधी प्राधिकरण को समाप्त करने की मांग को लेकर लामबंद है.
सर्वदलीय संघर्ष समिति के सदस्य हर्ष कनवाल का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति व बसासत को देखते हुए यहां प्राधिकरण का लागू किया जाना औचित्यहीन है. प्राधिकरण लागू होने से जहां एक ओर लोगों को अपने भवन निर्माण के नक्शे स्वीकृत कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही प्राधिकरण के भारी भरकम शुल्क को भी झेलना पड़ रहा है.
पढ़ें- विधायक महेश नेगी की चार्टशीट को आईजी ने किया रिकॉल, जांच पौड़ी होगी ट्रांसफर
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण लागू होने से भवन निर्माणों में भी काफी कमी आयी है, जिससे भवन निर्माण सामग्री बेचने वाले व्यवसायियों के व्यवसाय में भी विपरीत प्रभाव पड़ा है. इसके साथ ही भवन निर्माण करने वाले राज मिस्त्रियों और श्रमिकों की आजीविका पर संकट आ गया है. प्राधिकरण के अव्यवहारिक नियमों के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों के लिए भवन निर्माण करना बेहद कठिन हो गया है, जो निश्चित रूप से आने वाले समय में पलायन जैसी गंभीर समस्या को जन्म देगा.