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BEO को पता भी नहीं और अटल उत्कृष्ट विद्यालय में आ गया घटिया फर्नीचर, जांच की मांग

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Published : Aug 13, 2021, 3:16 PM IST

ग्राम पंचायत अर्जुनराठ के ग्राम प्रधान सुरेश बोरा और मल्लाखोली के ग्राम प्रधान कैलाश बोरा अभिभावकों के साथ अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज सोमेश्वर पहुंचे. यहां घटिया क्लॉलिटी का फर्नीचर देख ये लोग भड़क गए और मामले की जांच जिलाधिकारी से कराने की बात कही. मजे की बात ये भी है कि बीईओ को पता नहीं है कि ये सामान किसने भिजवाया.

ATAL UTKRISHT VIDYALAY  someshar
विद्यालय में घटिया फर्नीचर देख भड़के अभिभावक

सोमेश्वर: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज सोमेश्वर में घटिया क्वालिटी का फर्नीचर भेजे जाने पर ग्राम प्रधानों और अभिभावकों ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से फर्नीचर को वापस कर अच्छा फर्नीचर भेजने की मांग की है. साथ ही प्रधानों और अभिभावकों ने खरीद में हुई भ्रष्टाचार की जांच कराने की जिलाधिकारी से मांग की है.

शुक्रवार को ग्राम पंचायत अर्जुनराठ के ग्राम प्रधान सुरेश बोरा और मल्लाखोली के ग्राम प्रधान कैलाश बोरा अभिभावकों के साथ अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज सोमेश्वर पहुंचे. उन्होंने देखा कि विद्यालय में भेजा गया फर्नीचर, जिसमें 100 कुर्सियां और 100 मेज शामिल हैं, फर्नीचर में हल्के वजन का पाइप और घटिया क्वॉलिटी का प्लाई लगी हुई है.

हैरानी की बात यह है कि कई कुर्सियां और मेज ट्रक से उतारने में ही टूट गईं. इससे फर्नीचर की क्वॉलिटी पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अभिभावक संघ के सदस्य तथा ग्राम प्रधान सुरेश बोरा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि सरकार एक ओर विद्यालय का नाम बदलकर अटल उत्कृष्ट कर वाहवाही लूट रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए घटिया सामग्री भेज रही है.

विद्यालय में घटिया फर्नीचर देख भड़के अभिभावक

ये भी पढ़ें: पुल और सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण लामबंद, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

ग्राम प्रधानों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग को चेतावनी देते हुए कहा है कि शिक्षा के मंदिरों में अगर इस प्रकार का घटिया सामान भेजा गया तो उसका जमकर विरोध किया जाएगा और ऐसी सामग्री को प्रयोग में नहीं लाया जाएगा.

खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश आर्य का कहना है कि उनकी जानकारी में फर्नीचर खरीद का मामला नहीं है. न ही खंड शिक्षा कार्यालय स्तर से फर्नीचर की मांग की गई थी. फर्नीचर कहां से आया इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

अटल उत्कृष्ट इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मनीष जोशी का कहना है कि उन्हें मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से फोन पर फर्नीचर को विद्यालय में उतारने का आदेश मिला था. इसके अनुपालन में उन्होंने फर्नीचर उतार लिया है. उनके द्वारा भी विद्यालय से फर्नीचर खरीद हेतु कोई मांग नहीं की गई है. फर्नीचर कहां से आया है, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

ये हैं अटल उत्कृष्ट स्कूल

उत्तराखंड सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकारी स्कूलों के बच्चों को निजी स्कूलों की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दिलाना चाहती है. पूरे प्रदेश में 190 इंग्लिश मीडियम स्कूल खुले हैं, जिनमें पढ़ने-पढ़ाने का काम शुरू हो चुका है. इन्हीं विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय का नाम दिया गया है. सीबीएसई (CBSE) की तर्ज पर इन स्कूलों को संचालित किया जाएगा.

सोमेश्वर: अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज सोमेश्वर में घटिया क्वालिटी का फर्नीचर भेजे जाने पर ग्राम प्रधानों और अभिभावकों ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से फर्नीचर को वापस कर अच्छा फर्नीचर भेजने की मांग की है. साथ ही प्रधानों और अभिभावकों ने खरीद में हुई भ्रष्टाचार की जांच कराने की जिलाधिकारी से मांग की है.

शुक्रवार को ग्राम पंचायत अर्जुनराठ के ग्राम प्रधान सुरेश बोरा और मल्लाखोली के ग्राम प्रधान कैलाश बोरा अभिभावकों के साथ अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज सोमेश्वर पहुंचे. उन्होंने देखा कि विद्यालय में भेजा गया फर्नीचर, जिसमें 100 कुर्सियां और 100 मेज शामिल हैं, फर्नीचर में हल्के वजन का पाइप और घटिया क्वॉलिटी का प्लाई लगी हुई है.

हैरानी की बात यह है कि कई कुर्सियां और मेज ट्रक से उतारने में ही टूट गईं. इससे फर्नीचर की क्वॉलिटी पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अभिभावक संघ के सदस्य तथा ग्राम प्रधान सुरेश बोरा ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि सरकार एक ओर विद्यालय का नाम बदलकर अटल उत्कृष्ट कर वाहवाही लूट रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए घटिया सामग्री भेज रही है.

विद्यालय में घटिया फर्नीचर देख भड़के अभिभावक

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ग्राम प्रधानों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग को चेतावनी देते हुए कहा है कि शिक्षा के मंदिरों में अगर इस प्रकार का घटिया सामान भेजा गया तो उसका जमकर विरोध किया जाएगा और ऐसी सामग्री को प्रयोग में नहीं लाया जाएगा.

खंड शिक्षा अधिकारी सुरेश आर्य का कहना है कि उनकी जानकारी में फर्नीचर खरीद का मामला नहीं है. न ही खंड शिक्षा कार्यालय स्तर से फर्नीचर की मांग की गई थी. फर्नीचर कहां से आया इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

अटल उत्कृष्ट इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य मनीष जोशी का कहना है कि उन्हें मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से फोन पर फर्नीचर को विद्यालय में उतारने का आदेश मिला था. इसके अनुपालन में उन्होंने फर्नीचर उतार लिया है. उनके द्वारा भी विद्यालय से फर्नीचर खरीद हेतु कोई मांग नहीं की गई है. फर्नीचर कहां से आया है, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

ये हैं अटल उत्कृष्ट स्कूल

उत्तराखंड सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकारी स्कूलों के बच्चों को निजी स्कूलों की तर्ज पर अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दिलाना चाहती है. पूरे प्रदेश में 190 इंग्लिश मीडियम स्कूल खुले हैं, जिनमें पढ़ने-पढ़ाने का काम शुरू हो चुका है. इन्हीं विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय का नाम दिया गया है. सीबीएसई (CBSE) की तर्ज पर इन स्कूलों को संचालित किया जाएगा.

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