अल्मोड़ा: राज्य मंत्री रेखा आर्य ने विकास भवन में जिले के अधिकारियों के साथ कोविड के कार्यों की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा जनपद में कोरोना से निपटने के लिए बेहतर प्रबंधन किया गया है, जिससे कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट आ रही है. उनका कहवा है कि जल्द ही अल्मोड़ा कोरोना मुक्त होने की ओर अग्रसर है.
तीन दिन में जारी हो डेथ सर्टिफिकेट
उन्होंने जिलाधिकारी नितिन भदौरिया व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को निर्देश दिए कि कोरोना से हुई मौत में डेथ सर्टिफिकेट देने में कोताही न बरती जाए. मंत्री ने तीन दिन के अंदर डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.
वात्सल्य योजना के लिए जरूरी है डेथ सर्टिफिकेट
उन्होंने कहा कि कोरोना से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर जिलाधिकारी व मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को निर्देश दिये हैं कि तीन दिन के भीतर कोरोना मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाए, क्योंकि राज्य में वात्सल्य योजना लागू हो गई है. इसके तहत कोविड से मां बाप की मौत हो जाने के बाद उनके बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी सरकार के हाथों में होगी. इसके लिए भी यह डेथ सर्टिफिकेट होना जरूरी है.
अल्मोड़ा में कोविड रिकवरी रेट बेहतर
रेखा आर्य ने बताया कि 2020-2021 में अभी तक कोरोना के 660 मरीज अल्मोड़ा बेस चिकित्सालय में भर्ती हुए थे, जबकि कई लोग होम आइसोलेट भी हुए थे. इनमें से लगभग 101 की मृत्यु कोरोना से हुई है. पूरे देश व उत्तराखंड में अल्मोड़ा जनपद की कोरोना रिकवरी की स्थिति अच्छी रही है.
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अल्मोड़ा में तैयार है बच्चों के लिए 30 बेड का आईसीयू वार्ड
राज्य मंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि डेथ सर्टिफिकेट में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के संभावना को देखते हुए अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में सभी सुविधाओं से युक्त बच्चों के लिए 30 आईसीयू बेड तैयार कर दिया गया है. मेडिकल कॉलेज में 73 करोड़ से 156 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जो तीसरी लहर से निपटने में मददगार साबित होगा. उन्होंने कहा कि जल्द टीकाकरण की व्यवस्था पूर्ण की जाएगी.