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नंदाष्टमी के मौके पर नंदा देवी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, रात में तांत्रिक विद्या से होगी पूजा

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Published : Sep 6, 2019, 11:21 PM IST

नंदाष्टमी के मौके पर नंदा देवी मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की. वहीं अब रात को राज परिवार के वंशज नंदादेवी की पूजा तांत्रिक विद्या से करेंगे.

नंदाष्टमी के मौके पर नंदा देवी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

अल्मोड़ा: नंदा देवी मंदिर में नंदाष्टमी के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. शुक्रवार सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरु हो गई थी. वहीं अब रात को राज परिवार के वंशज नंदादेवी की पूजा तांत्रिक विद्या से करेंगे.

बात दें कि सुबह 4 बजे से मंदिर परिसर में महाअष्टमी पूजन शुरू हो गया था. श्रद्धालु महाअष्टमी पूजन के लिए मंदिर पहुंचे और उन्होंने विधि-विधान के साथ मां की पूजा-अर्चना की. साथ ही मंदिर में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया. नंदाष्टमी की रात मां नंदा देवी की पूजा तारा शक्ति के रूप में की जाती है. यह पूजा चंद शासकों के वंशजों से कराई जाती है. चंद वंशीय पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा और उनके परिवारजन नंदाष्टमी के दिन परंपरा के मुताबिक तांत्रिक पूजा कराते हैं.

नंदाष्टमी के मौके पर नंदा देवी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड में गोद अभियान की शुरुआत, मुख्यमंत्री समेत कई लोगों ने बच्चों को लिया गोद

जानकारी के मुताबिक कत्यूरी और चंद राजा तंत्र विद्या में पारंगत माने जाते हैं. कत्यूरी शासन काल में युद्ध देवी की परंपरा काफी प्रचलित रही है.

अल्मोड़ा: नंदा देवी मंदिर में नंदाष्टमी के मौके पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. शुक्रवार सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरु हो गई थी. वहीं अब रात को राज परिवार के वंशज नंदादेवी की पूजा तांत्रिक विद्या से करेंगे.

बात दें कि सुबह 4 बजे से मंदिर परिसर में महाअष्टमी पूजन शुरू हो गया था. श्रद्धालु महाअष्टमी पूजन के लिए मंदिर पहुंचे और उन्होंने विधि-विधान के साथ मां की पूजा-अर्चना की. साथ ही मंदिर में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया. नंदाष्टमी की रात मां नंदा देवी की पूजा तारा शक्ति के रूप में की जाती है. यह पूजा चंद शासकों के वंशजों से कराई जाती है. चंद वंशीय पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा और उनके परिवारजन नंदाष्टमी के दिन परंपरा के मुताबिक तांत्रिक पूजा कराते हैं.

नंदाष्टमी के मौके पर नंदा देवी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

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जानकारी के मुताबिक कत्यूरी और चंद राजा तंत्र विद्या में पारंगत माने जाते हैं. कत्यूरी शासन काल में युद्ध देवी की परंपरा काफी प्रचलित रही है.

Intro:
नंदाष्टमी के मौके पर शुक्रवार को नंदा देवी मंदिर में सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर सुख और समृद्धि की कांमना की। सुबह से ही मंदिर परिसर में पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरु हो गई थी। जिसके बाद दिन भर मंदिर में यह सिलसिला जारी रहा।
Body:मेला कमेटी के तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह 4 बजे से मंदिर परिसर में महाअष्टमी पूजन शुरू हो गया था। श्रद्धालु महाअष्टमी पूजन के लिए मंदिर पहुंचे और उन्होंने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की। पूजा का सुबह से आरंभ यह सिलसिला दिन भर चलता रहा। मंदिर के पुजारियों ने श्रद्धालुओं की पूजा सम्पन्न कराई और उन्हें प्रसाद वितरित किया। महिलाओं ने मंदिर में भजन कीर्तनों का भी आयोजन किया गया। आज रात को नंदादेवी की पूजा राज परिवार के वंशज तांत्रिक विद्या से करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मा नंदा देवी की पूजा नंदाष्टमी के दिन तारा शक्ति के रूप में पूजीं जाती है। यह पूजा चंद शासकों के वंशज ही इस पूजा को कराते है। चंद वंशीय पूर्व नैनीताल के सांसद केसी सिंह बाबा एवं उनके परिवारजन नंदाष्टमी के दिन परंपरा के मुताबिक इस तांत्रिक पूजा को कराते है। जानकारों के मुताबिक कत्यूरी एवं चंद राजा तंत्र विद्या में पारंगत माने जाते थे। कत्यूरी शासन काल मे देवी को युद्ध देवी की परंपरा काफी प्रचलित रही है। इधर, नंदादेवी मेले में पूजा अर्चना, रंगारंग कार्यक्रमों और अन्य गतिविधियों के साथ ही बच्चे भी मेले का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। बच्चों को अलग अलग तरह के खिलौने जहां काफी लुभा रहे हैं वहीं मेले में महिलाएं भी जमकर खरीददारी कर रही हैं।

बाइट हरीश जोशी, पुजारी नंदादेवी मंदिरConclusion:
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