अल्मोड़ा: पंचायती राज एक्ट में उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए संशोधन के खिलाफ पंचायत जनाधिकार मंच ने बिगुल फूक दिया है. इसकी शुरुआत गुरूवार को जिले से पंचायत जनाधिकार मंच ने की. आगे अन्य जिलों में इसके खिलाफ लोगों को एकजुट करने की रणनीति बनाई गई है. अल्मोड़ा में पंचायत जनाधिकार मंच ने क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक आयोजित की. पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा पंचायतों में लाए जा रहे इस कानून की खिलाफत करते हुए एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.
अल्मोड़ा में गुरुवार को आयोजित पंचायत जनाधिकार मंच की बैठक में उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार द्वारा दो बच्चों से अधिक बच्चे होने और हाईस्कूल तक अनिवार्य शिक्षा वाले कानून का जमकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि सरकार का यह षड्यंत्र है, जिसमें वह लोगों को चुनाव से वंचित करना चाहते हैं. पंचायत जनाधिकार मंच के प्रदेश संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि सरकार पंचायतों के अधिकारों पर अतिक्रमण कर रही है. पंचायतों के प्रतिनिधियों की आवाजों को दबाया जा रहा है. इसके लिए पंचायत जनाधिकार मंच बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि हर जिलों में जाकर जनाधिकार मंच लोगों को इस लड़ाई के लिए एकजुट करने का काम कर रहा है. इसकी शुरुवात अल्मोड़ा से की गई है. आगे अन्य जिलों में जाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस कदम को वापस नहीं लिए तो आगे बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा.