अल्मोड़ा: हवालबाग ब्लॉक के जीआईसी कमलेश्वर में शोध छात्र द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें महिलाओं और लड़कियों को माहवारी के दौरान होने वाली परेशानी और उससे राहत पाने समेत समाज में फैली भ्रांतियों के बारे में अवगत कराया गया. साथ ही कार्यक्रम में सोच संस्था की ओर से विद्यार्थियों को सेनेटरी पैड भी वितरित किए गए.
मासिक धर्म पर बात करने को नहीं कोई तैयार: मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रकिया है, लेकिन समाज में फैली भ्रांतियों के कारण आज भी इसे अछूता समझा जाता है. शहर हो या गांव लोग इस पर बात नहीं करना चाहते. पिछले कुछ सालों में माहवारी संबंधित कई फिल्में भी प्रसारित हुई हैं, लेकिन इसके बाद भी समाज में इसे लेकर चुप्पी जस की तस बनी हुई है. हर माह होने वाली मासिक धर्म से बालिकाएं परेशान रहती हैं.
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं पर लगती हैं पाबंदियां: साथ ही इस दौरान महिलाओं और बालिकाओं पर घर में अनेक प्रकार की पाबंदियां भी लगा दी जाती हैं. अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना परिसर के एक शोध छात्र आशीष पंत ने एक सोच संस्था बनाकर समाज में इस सामाजिक भ्रांति को दूर करने के लिए प्रयास किया किया है.
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छात्रों को सर्वाइकल कैंसर के बारे में दी गई जानकारी: जीआईसी कमलेश्वर में कार्यक्रम कर छात्राओं के साथ छात्रों को भी माहवारी विषय पर जानकारी देते हुए बताया गया कि इस संंबंध में जानकारी नहीं होने पर बालिकाएं और महिलाएं कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं. इसके अलावा छात्रों को सर्वाइकल कैंसर के बारे में भी बताया गया.
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