अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा की नगर पालिका के लिए कूड़ा निस्तारण करना एक बड़ी समस्या बनते जा रहा है. नगर से करीब 8 किमी दूर बलढोटी के जंगल में बने ट्रंचिंग ग्राउंड में नगर से निकलने वाले करीब 12 टन कूड़े का निस्तारण किया जाता है. लेकिन अब यह स्थान कूड़ा निस्तारण के लिए कम पड़ रहा है. वहीं कोई दूसरा स्थान भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. पालिका की इस समस्या के समाधान के लिए शासन ब्लैक होल तकनीक से कूड़ा निस्तारण की योजना बनाने में जुटा है. इस तकनीक से कूड़े को जलाकर इसकी राख से टाइल्स बनाई जाएंगी, जो पालिका की आय का एक स्रोत भी बनेगा.
अल्मोड़ा नगर सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 10 से 12 टन कूड़ा निकलता है, जिसे पालिका कूड़ा वाहन में ले जाकर नगर से 8 किलोमीटर दूर बने ट्रंचिंग ग्राउंड में डालती है. उस कूड़े के निस्तारण के लिए पालिका लगातार मंथन कर योजनाएं बनती है, लेकिन समस्या समाप्त नहीं हो पा रही थीं. अब इस समस्या से निजात पाने के लिए अमेरिकी ब्लैक होल तकनीक की योजना शासन स्तर से बनाई जा रही है.
इस तरह काम करेगी यह तकनीक: बगैर ईंधन एवं बिजली से संचालित होने वाली इस ब्लैक होल तकनीक में प्लाज्मा मुक्त मैग्नेटिक भट्टी होती है, जिसमे मल्टी लेयर प्लास्टिक एवं अन्य कूड़े को जलाया जाता है. इससे बनने वाली राख से टाइल्स बनाई जा सकती है और इन टाइल्स का उपयोग खडंजा बनाने सहित भवनों में भी लिया जा सकेगा.
ब्लैक होल तकनीक से जलाया कूड़ा नहीं करता प्रदूषण: नगर पालिका के ईओ भरत त्रिपाठी ने बताया कि अल्मोड़ा शहर सहित प्रदेश के ऐसे क्षेत्र जहा कूड़ा निस्तारण के लिए स्थान बहुत कम है. वहां के लिए शासन स्तर से ब्लैक होल तकनीक को लागू करने की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने बताया की इस तकनीक से जलाया जाने वाले कूड़े से वातावरण में प्रदूषण नहीं होता है. इसके लिए शासन स्तर से जल्द इसकी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है. इसके तकनीक के आने से जहा कूड़े का निस्तारण होगा. वहीं, इसकी राख से बने टाइल्स से पालिका की आय भी होगी.