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समारोह में परोसी गई शराब तो होगा सामाजिक बहिष्कार, लगेगा जुर्माना

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Published : Apr 28, 2019, 9:12 AM IST

अल्मोड़ा लंबे समय से शराब विरोधी आंदोलनों का केंद्र रहा है. अस्सी के दशक में 'नशा नहीं रोजगार दो' आंदोलन की गूंज पूरे देशभर में उठाने वाला अल्मोड़ा का द्वाराहाट एक बार फिर शराब का विरोध कर रहा है. द्वाराहाट के क्षेत्र के लोगों ने शराब और अन्य मादक प्रदार्थों पर रोक लगाने के लिए काफी अच्छी पहल की है.

शराब पर प्रतिबंध लगाने के लिए इकट्ठा हुए ग्रामीण.

अल्मोड़ा: द्वाराहाट विधानसभा के बगवालीपोखर क्षेत्र के बासूलीसेरा गांव के लोगों ने शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए काबिले तारीफ पहल की है. ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि गांव में अगर किसी भी परिवार ने शादी समारोह समेत अन्य शुंभ कार्यों में शराब परोसी तो उस परिवार का पूरा गांव पूर्ण बहिष्कार करेगा. इस पहल की गांव समेत आसपास के क्षेत्रों के लोग सराहना कर रहे हैं.

नशा परोसने के खिलाफ मीटिंग करते ग्रामीण.

दरअसल, गांव की महिलाओं के महिला मंगल दल, नव युवक संस्था, उमंग दल समेत सभी ग्रामीणों ने शराब के खिलाफ पंचायत घर में मीटिंग करके ये फैसला है. शादी विवाह और अन्य सामाजिक व शुभ कार्यों में नशा परोसने वालों का पूर्ण बहिष्कार करने के साथ ही उससे जुर्माना भी वसूलना का फैसला लिया गया है. जर्माने की रकम 5000 रुपये तय की गई है.

बता दें, अल्मोड़ा के द्वाराहाट क्षेत्र को आंदोलनकारियों की शरणस्थली भी माना जाता है. द्वाराहाट से 'नशा नहीं रोजगार दो' आंदोलन ने 1984 में पूरे देश में नशे के खिलाफ एक अलख जगाई थी. 1984 से ही इस क्षेत्र में शराब और अन्य मादक प्रदार्थों के खिलाफ समय-समय पर आंदोलन किया जाता है. पिछले दिनों शराब की दुकानें खोले जाने को लेकर भी यहां लंबे समय तक आंदोलन चला

अल्मोड़ा: द्वाराहाट विधानसभा के बगवालीपोखर क्षेत्र के बासूलीसेरा गांव के लोगों ने शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए काबिले तारीफ पहल की है. ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि गांव में अगर किसी भी परिवार ने शादी समारोह समेत अन्य शुंभ कार्यों में शराब परोसी तो उस परिवार का पूरा गांव पूर्ण बहिष्कार करेगा. इस पहल की गांव समेत आसपास के क्षेत्रों के लोग सराहना कर रहे हैं.

नशा परोसने के खिलाफ मीटिंग करते ग्रामीण.

दरअसल, गांव की महिलाओं के महिला मंगल दल, नव युवक संस्था, उमंग दल समेत सभी ग्रामीणों ने शराब के खिलाफ पंचायत घर में मीटिंग करके ये फैसला है. शादी विवाह और अन्य सामाजिक व शुभ कार्यों में नशा परोसने वालों का पूर्ण बहिष्कार करने के साथ ही उससे जुर्माना भी वसूलना का फैसला लिया गया है. जर्माने की रकम 5000 रुपये तय की गई है.

बता दें, अल्मोड़ा के द्वाराहाट क्षेत्र को आंदोलनकारियों की शरणस्थली भी माना जाता है. द्वाराहाट से 'नशा नहीं रोजगार दो' आंदोलन ने 1984 में पूरे देश में नशे के खिलाफ एक अलख जगाई थी. 1984 से ही इस क्षेत्र में शराब और अन्य मादक प्रदार्थों के खिलाफ समय-समय पर आंदोलन किया जाता है. पिछले दिनों शराब की दुकानें खोले जाने को लेकर भी यहां लंबे समय तक आंदोलन चला

Intro:अल्मोड़ा जिला लंबे समय से शराब विरोधी आंदोलनों का केंद्र रहा है।अस्सी के दशक में में नशा नही रोजगार दो आंदोलन की गूंज पूरे देश उठाने वाला अल्मोड़ा जिले का द्वाराहाट क्षेत्र इस बार फिर से शराब के विरोध में खुलकर सामने आया है।


Body:द्वाराहाट विधानसभा के बगवालीपोखर क्षेत्र के बासूलीसेरा गांव के लोगों ने शराब से तंग आकर आखिरकार यह फैसला लिया कि गांव के किसी भी परिवार द्वारा शादी समारोह समेत अन्य शुंभ कार्यो में अगर शराब परोसी गयी तो उस परिवार का पूरा गांव पूर्णतया बहिष्कार करेगा। जिस पहल की गांव समेत आसपास के क्षेत्रों के लोग सराहना कर रहे हैं।
दरअसल गांव की महिलाओं के महिला मंगल दल, नव युवक संस्था, उमंग दल समेत गांव के तमाम ग्रामीणों ने शराब के के खिलाफ बिगुल फूंकते हुए बाकायदा पंचायत घर मे मीटिंग कर यह फैसला लिया कि शादी विवाह समेत सामाजिक कार्यो में जो भी नशा परोसेगा उसे दंड स्वरूप गाँव से बहिष्कार के साथ 5000 रुपये का अर्थदंड का भागीदार बनाना पड़ेगा।

बतादे की अल्मोड़ा का द्वाराहाट क्षेत्र को आंदोलनकारियों की शरण स्थली भी माना जाता है। द्वाराहाट क्षेत्र से इस आवाज ने नाश नही रोजगार दो आंदोलन की धमक 1984 में पूरे देश मे मचाई थी ।जिसके बाद इस क्षेत्र में शराब को लेकर लंबे समय से आंदोलन लगातार चल रहे हैं। पिछले दिनों शराब की दुकानें खोले जाने को लेकर भी यहाँ के लोग लंबे समय तक आंदोलित रहे।

खबर की फ़ोटो व्हाट्सएप्प से भेजी है


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