चौखुटिया/अल्मोड़ा: मरीजों के लिए डॉक्टर भगवान से कम नहीं होते हैं, कई बार डॉक्टरों ने अपनेतजुर्बे से मरीजों को नई जिंदगी दी है. ऐसा ही मामला अल्मोड़ा के चौखुटिया से सामने आया है. जहां 6 साल के बच्चे की सांस नली में पेंसिल फंस गई. जिसे उपचार के दौरान निकाल लिया गया. लेकिन इस सब के बीच बच्चा जिंदगी और मौत से जूझता रहा.
गौर हो कि 5 जुलाई की शाम 8 बजे दिगौत गांव निवासी अमन के गले में पेंसिल फंस गई. आनन-फानन में परिजनों द्वारा बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र चौखुटिया में भर्ती किया गया. जहां केस गंभीर होने पर डॉक्टर ने अमन को एडमिट कर पेंसिल को निकाले की रणनीति अपनाने लगे. तभी अमन को सांस लेने में परेशानी होने लगी. इसी बीच बच्चे की स्थति गंभीर हो गयी कि बच्चे की हृदय गति रुकने लगी.
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जबकि, संसाधनों की कमी के बावजूद डॉक्टर विवेक पंत एंव डॉक्टर अमित की कार्य कुशलता से पेंसिल को सावधानी पूर्वक सांस नली से निकाल लिया गया. डॉक्टरों का कहना था कि अगर 5 मिनट की भी देरी हो जाती तो कुछ भी हो सकता था. वहीं, परिजन इसे बच्चे की नई जिंदगी मान रहे हैं. साथ ही उन्होंने इसके लिए डॉक्टरों का धन्यवाद भी किया. साथ ही स्थानीय लोगों द्वारा दोनों डॉक्टरों को सम्मानित करने की मांग उठाई जा रही है. अमन मूल रुप से कूनिगाड़ दिगौत गांव का रहने वाला है.