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बच्चे की सांस की नली में फंसी पेंसिल , डॉक्टर बने 'देवदूत' - Chaukoutia

5 जुलाई की शाम 8 बजे अमन के गले में पेंसिल फंस गई. आनन- फानन में परिजनों द्वारा बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र चौखुटिया में भर्ती किया गया. जहां केस गंभीर होने पर डॉक्टर ने अमन को ऐडमिड कर पेंसिल को निकाले की रणनीति अपनाने लगे. तभी अमन को सांस लेने में परेशानी होने लगी.

बच्चे की सांस की नली में फंसी पेंसिल
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Published : Jul 12, 2019, 3:01 PM IST

चौखुटिया/अल्मोड़ा: मरीजों के लिए डॉक्टर भगवान से कम नहीं होते हैं, कई बार डॉक्टरों ने अपनेतजुर्बे से मरीजों को नई जिंदगी दी है. ऐसा ही मामला अल्मोड़ा के चौखुटिया से सामने आया है. जहां 6 साल के बच्चे की सांस नली में पेंसिल फंस गई. जिसे उपचार के दौरान निकाल लिया गया. लेकिन इस सब के बीच बच्चा जिंदगी और मौत से जूझता रहा.

गौर हो कि 5 जुलाई की शाम 8 बजे दिगौत गांव निवासी अमन के गले में पेंसिल फंस गई. आनन-फानन में परिजनों द्वारा बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र चौखुटिया में भर्ती किया गया. जहां केस गंभीर होने पर डॉक्टर ने अमन को एडमिट कर पेंसिल को निकाले की रणनीति अपनाने लगे. तभी अमन को सांस लेने में परेशानी होने लगी. इसी बीच बच्चे की स्थति गंभीर हो गयी कि बच्चे की हृदय गति रुकने लगी.

पढ़ें-केदारनाथ मार्ग पर दरकी पहाड़ी, एक की मौत, 8 तीर्थयात्री घायल, रोकी गई यात्रा

जबकि, संसाधनों की कमी के बावजूद डॉक्टर विवेक पंत एंव डॉक्टर अमित की कार्य कुशलता से पेंसिल को सावधानी पूर्वक सांस नली से निकाल लिया गया. डॉक्टरों का कहना था कि अगर 5 मिनट की भी देरी हो जाती तो कुछ भी हो सकता था. वहीं, परिजन इसे बच्चे की नई जिंदगी मान रहे हैं. साथ ही उन्होंने इसके लिए डॉक्टरों का धन्यवाद भी किया. साथ ही स्थानीय लोगों द्वारा दोनों डॉक्टरों को सम्मानित करने की मांग उठाई जा रही है. अमन मूल रुप से कूनिगाड़ दिगौत गांव का रहने वाला है.

चौखुटिया/अल्मोड़ा: मरीजों के लिए डॉक्टर भगवान से कम नहीं होते हैं, कई बार डॉक्टरों ने अपनेतजुर्बे से मरीजों को नई जिंदगी दी है. ऐसा ही मामला अल्मोड़ा के चौखुटिया से सामने आया है. जहां 6 साल के बच्चे की सांस नली में पेंसिल फंस गई. जिसे उपचार के दौरान निकाल लिया गया. लेकिन इस सब के बीच बच्चा जिंदगी और मौत से जूझता रहा.

गौर हो कि 5 जुलाई की शाम 8 बजे दिगौत गांव निवासी अमन के गले में पेंसिल फंस गई. आनन-फानन में परिजनों द्वारा बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र चौखुटिया में भर्ती किया गया. जहां केस गंभीर होने पर डॉक्टर ने अमन को एडमिट कर पेंसिल को निकाले की रणनीति अपनाने लगे. तभी अमन को सांस लेने में परेशानी होने लगी. इसी बीच बच्चे की स्थति गंभीर हो गयी कि बच्चे की हृदय गति रुकने लगी.

पढ़ें-केदारनाथ मार्ग पर दरकी पहाड़ी, एक की मौत, 8 तीर्थयात्री घायल, रोकी गई यात्रा

जबकि, संसाधनों की कमी के बावजूद डॉक्टर विवेक पंत एंव डॉक्टर अमित की कार्य कुशलता से पेंसिल को सावधानी पूर्वक सांस नली से निकाल लिया गया. डॉक्टरों का कहना था कि अगर 5 मिनट की भी देरी हो जाती तो कुछ भी हो सकता था. वहीं, परिजन इसे बच्चे की नई जिंदगी मान रहे हैं. साथ ही उन्होंने इसके लिए डॉक्टरों का धन्यवाद भी किया. साथ ही स्थानीय लोगों द्वारा दोनों डॉक्टरों को सम्मानित करने की मांग उठाई जा रही है. अमन मूल रुप से कूनिगाड़ दिगौत गांव का रहने वाला है.

Intro:चौखुटिया अल्मोड़ा
फिर भगवान साबित हुए डॉक्टर

सलाम हैं ऐसे भगवान स्वरूप डॉक्टर को जिन्होंने इस 6 साल के बच्चे को नई जिंदगी दी।डॉक्टर पंत जी नही होते तो अमन का पता नही क्या होता । ऐसे डॉक्टरों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए जो आवश्यक्ता के अभाव मे भी जान बचा लेते है।

मूल रुप से कूनिगाड़ के निवासी अमन जो कि दिगौत मे रहते है।

अमन द्वारा पैंसिल गले मे फँसा दी गई आनन फानन मे हमारे द्वारा बचचे को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र चौखुटिया मे ले जाया गया। जहाँ डॉक्टर विवेक पंत एंव डॉक्टर अमित सर द्वारा यह पाया गया की पैंसिल बच्चे कि स्वास नली मे फँसी है,इसी बीच बच्चे की स्थति इतनी गंभीर हो गयी कि बच्चे की हृदय गति रुक गई । परन्तु संसाधनो की कमी के बावजुद भी डाँक्टर विवेक पंत एंव डाँक्टर अमित सर की कार्य कुशलता एंव लगन से पैंसिल को सावधानी पुवक स्वास नली से निकाल लिया गया।अगर 5 मिनट की भी देरी हो जाती तो बच्चे की जान चली जाती। उसके परिवार सहित उपस्थित सभी लोग इस को अमन की नई जिन्दगी मान रहे है।Body:चौखुटिया अल्मोड़ा

फिर भगवान साबित हुए डॉक्टर

सलाम हैं ऐसे भगवान स्वरूप डॉक्टर को जिन्होंने इस 6 साल के बच्चे को नई जिंदगी दी।डॉक्टर पंत जी नही होते तो अमन का पता नही क्या होता । ऐसे डॉक्टरों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए जो आवश्यक्ता के अभाव मे भी जान बचा लेते है।

मूल रुप से कूनिगाड़ के निवासी अमन जो कि दिगौत मे रहते है। अमन द्वारा पैंसिल गले मे फँसा दी गई आनन फानन मे हमारे द्वारा बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र चौखुटिया मे ले जाया गया। जहाँ डॉक्टर विवेक पंत एंव डॉक्टर अमित सर द्वारा यह पाया गया की पैंसिल बच्चे कि स्वास नली मे फँसी है,इसी बीच बच्चे की स्थति इतनी गंभीर हो गयी कि बच्चे की हृदय गति रुक गई । परन्तु संसाधनो की कमी के बावजुद भी डाँक्टर विवेक पंत एंव डाँक्टर अमित सर की कार्य कुशलता एंव लगन से पैंसिल को सावधानी पुवक स्वास नली से निकाल लिया गया।अगर 5 मिनाट की भी देरी हो जाती तो बच्चे की जान चली जाती। उसके परिवार सहित उपस्थित सभी लोग इस को अमन की नई जिन्दगी मान रहे है।Conclusion:चौखुटिया अल्मोड़ा
फिर भगवान साबित हुए डॉक्टर .......
सलाम हैं ऐसे भगवान स्वरूप डॉक्टर को जिन्होंने इस 6 साल के बच्चे को नई जिंदगी दी।डॉक्टर पंत जी नही होते तो अमन का पता नही क्या होता । ऐसे डॉक्टरों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए जो आवश्यक्ता के अभाव मे भी जान बचा लेते है।

मूल रुप से कूनिगाड़ के निवासी अमन जो कि दिगौत मे रहते है।
5 जुलाई की शाम 8 बजे अमन द्वारा पैंसिल गले मे फँसा दी गई आनन फानन मे हमारे द्वारा बचचे को सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र चौखुटिया मे ले जाया गया। जहाँ डॉक्टर विवेक पंत एंव डॉक्टर अमित सर द्वारा यह पाया गया की पैंसिल बच्चे कि स्वास नली मे फँसी है,इसी बीच बच्चे की स्थति इतनी गंभीर हो गयी कि बच्चे की हृदय गति रुक गई । परन्तु संसाधनो की कमी के बावजुद भी डाँक्टर विवेक पंत एंव डाँक्टर अमित सर की कार्य कुशलता एंव लगन से पैंसिल को सावधानी पुवक स्वास नली से निकाल लिया गया।अगर 5 मिनाट की भी देरी हो जाती तो बच्चे की जान चली जाती। उसके परिवार सहित उपस्थित सभी लोग इस को अमन की नई जिन्दगी मान रहे है।
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