अल्मोड़ाः उत्तराखंड में मॉनसून दस्तक दे चुका है. हर साल मॉनसून सीजन में बादल फटने, भूस्खलन जैसी कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिलती है. जिससे काफी जान-माल का नुकसान होता है. जिसे देखते हुए अल्मोड़ा जिला प्रशासन ने आपदा की स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है. प्रशासन ने जिले के 63 संवेदनशील स्थानों पर जेसीबी मशीनें तैनात कर दी है. जबकि, एनडीआरएफ की 32 सदस्यीय टीम भी सभी उपकरणों के साथ अलर्ट पर हैं.
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी ने बताया कि मॉनसून के दौरान सड़कें बाधित हो जाती है. जिसे लेकर जिले के आंतरिक और राष्ट्रीय राजमार्गों व संवेदनशील जगहों पर 63 जेसीबी मशीनें तैनात की गई है. जो मार्ग बाधित होने पर तत्काल यातायात सुचारू करने का काम करेंगे. इसके अलावा एनडीआरएफ 8वीं बटालियन गाजियाबाद की 32 सदस्यीय टीम को भी सभी उपकरणों के साथ जिले में तैनात की गई है. टीम के साथ 2 प्रशिक्षित कुत्तों का श्वान दस्ता भी है.
ये भी पढ़ेंः कोरोना महामारी के बीच डेंगू से निपटने के लिए कितना तैयार उत्तराखंड?
उन्होंने बताया कि टीम को वाहन, आवास आदि की सभी सुविधाएं जिला प्रशासन ने उपलब्ध कराई है. जिससे आपदा के दौरान प्रतिवादन में दल को किसी तरह की परेशानी न हो. वहीं, जुलाई तक राशन सभी गोदामों तक पहुंचाया जा चुका है. अगस्त की राशन सामग्री सभी गोदामों तक पहुंचाई जा रही है.
मॉनसून सीजन में बरतें ये सावधानी-
- मॉनसून सीजन में भारी बारिश होती है. जिससे नदी-नाले उफान पर आ जाते हैं. ऐसे में नदी-नालों से यथासंभव दूर रहें.
- नदी-नालों में नहाने से बचें.
- मॉनसून में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें.
- भूस्खलन की चपेट में आने की आशंका होने पर मकान खाली कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचे.
- किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल आपदा प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी दें.
- मॉनसून के दौरान कई तरह के त्वचा संबंधी और सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों का अंदेशा बना रहता है. ऐसे में अपने स्वास्थ्य विशेष ख्याल रखें.
- बरसात के मौसम में मच्छरों से डेंगू-चिकनगुनिया जैसी बीमारियों सामने आती है. ऐसे में अपने घरों के आसपास पानी इकठ्ठा न होनें दें.
- मौसम की जानकारी से हमेशा अपडेट रहें. रेडियो, टीवी और इंटरनेट से मौसम की जानकारी लेते रहें.
- घर के आस-पास के नाले-नालियों को साफ रखें.
- ऐसी जगह की पहचान कर लें. जहां पर चट्टान के टूटने का खतरा हो, उससे दूर रहें.
- भूस्खलन के बीच फंसने पर जल्द से जल्द सुरक्षित और उंचाई वाले स्थान पर जाने का प्रयास करें.