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बाघ की तस्करी मामले में 6 साल बाद आया फैसला, दोषी को 3 साल की सजा

छह साल पहले अल्मोड़ा शहर के समीप बख के पास अभियुक्त राजेन्द्र सिंह रावत के कब्जे से पुलिस और वन विभाग की टीम ने बाघ की हड्डियां, नाखून और दांत बरामद किए. जिसका वजन 270 ग्राम था. मामले में दोषी को तीन साल की सजा सुनाई गई है.

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Published : Aug 29, 2019, 9:34 AM IST

अल्मोड़ाः जिला न्यायालय ने बाघ की हड्डी की तस्करी के मामले में अपना फैसला सुनाया है. इस दौरान अदालत ने अभियुक्त राजेन्द्र सिंह रावत को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत 3 साल की सजा सुनाई. साथ ही उस पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.

बता दें कि 7 अगस्त 2013 को अल्मोड़ा शहर के समीप बख के पास अभियुक्त राजेन्द्र सिंह रावत के कब्जे से पुलिस और वन विभाग की टीम ने बाघ की हड्डियां, नाखून और दांत बरामद किए थे. जिसका वजन 270 ग्राम था.

जिसके बाद अभियुक्त के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण ​अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया गया. वहीं परिवाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चला, जहां से इसे जिला न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया गया.

इस मामलें में वन विभाग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीसी तिवारी ने पैरवी की और आठ गवाह प्रस्तुत किए. पत्रावली में मौजूद दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को तीन साल के सश्रम कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई .

अल्मोड़ाः जिला न्यायालय ने बाघ की हड्डी की तस्करी के मामले में अपना फैसला सुनाया है. इस दौरान अदालत ने अभियुक्त राजेन्द्र सिंह रावत को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत 3 साल की सजा सुनाई. साथ ही उस पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.

बता दें कि 7 अगस्त 2013 को अल्मोड़ा शहर के समीप बख के पास अभियुक्त राजेन्द्र सिंह रावत के कब्जे से पुलिस और वन विभाग की टीम ने बाघ की हड्डियां, नाखून और दांत बरामद किए थे. जिसका वजन 270 ग्राम था.

जिसके बाद अभियुक्त के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण ​अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया गया. वहीं परिवाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चला, जहां से इसे जिला न्यायालय में ट्रांसफर कर दिया गया.

इस मामलें में वन विभाग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीसी तिवारी ने पैरवी की और आठ गवाह प्रस्तुत किए. पत्रावली में मौजूद दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को तीन साल के सश्रम कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई .

Intro:न्यायिक मजिस्ट्रेट ​अभिषेक कुमार की अदालत ने बाघ की हड्डी की तस्करी के एक मामले में अभियुक्त राजेन्द्र सिंह रावत को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत 3 साल की कारावास की सजा और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला दिया है। वन्यजीव संस्थान की जांच के बाद यह सिद्ध हुआ था कि हड्डी नाखून और दांत बाघ के हैं।
Body:प्राप्त जानकारी के अनुसार 7 अगस्त 2013 को अल्मोड़ा शहर के समीप बख के पास अभियुक्त राजेन्द्र सिंह रावत के कब्जे से पुलिस ओर वन विभाग की टीम ने बाघ की हड्डियां,नाखूंन और दांत बरामद किए जिनका वजन 270 ग्राम था। अभियुक्त के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण ​अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया गया। वनविभाग की टीम ने भी मामले की जांच की। परिवाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चला जहां से इसे न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में हस्तांतरित कर दिया गया। वन विभाग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीसी तिवारी ने पैरवी की और आठ गवाह प्रस्तुत किए। पत्रावली में मौजूद दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा और दस हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। Conclusion:
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