अल्मोड़ाः हवालबाग में विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से आयोजित 46वें कृषि विज्ञान मेले में किसानों को कृषि क्षेत्र की नई तकनीक के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही खरीफ और रबी की फसल की पैदावार बढ़ाने के बारे में विस्तार से बताया गया. इस दौरान संस्थान की ओर से खोजी गई मंडुआ और सोया की दो नई प्रजातियों में वीएल मंडुआ 400 एवं वीएल सोया 99 का लोकार्पण किया गया.
विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक लक्ष्मीकांत ने बताया कि इन दोनों नई प्रजातियों की उपज पहले के मुकाबले ज्यादा है. रोग रोधक क्षमता भी ज्यादा होने से इसमें रोग लगने की संभावना बहुत कम है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महानिदेशक आईसीएआर नई दिल्ली राजेंद्र सिंह परोदा ने कहा कि इस तरह के किसान मेलो का आयोजन किसानों के लिए बहुत लाभकारी होता है. उन्हें जहां कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिकों की ओर से खोजी गई फसलों की नई प्रजाति की जानकारी मिलती है तो वहीं कृषि के नए यंत्रों व तकनीक समझ में आती है.
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इन मेलों में किसानों को एक ही जगह पर सभी प्रकार के बीज और पौधे मिल जाते हैं, जो उनके कृषि कार्य में सहायक होते हैं. उन्होंने कहा कि मेले में लगी प्रदर्शनी और स्टॉल से किसानों को अनेक जानकारी मिलती है. जिसका लाभ वो ले सकते हैं. स्टॉलों के माध्यम से पौधे भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. कम क्षेत्र में कृषि करने वाले काश्तकार सीधे इन पौधों को ले जाकर अपने खेत में लगाकर उसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
जानवरों से फसलों को बचाने के उपायः किसानों को कृषि कार्य में जानवरों से हो रहे नुकसान के संबंध में उन्होंने कहा कि किसानों को ऐसी फसलों को उगाना चाहिए जो जानवरों को नापसंद हो. उससे नुकसान नहीं होगा और किसान को लाभ पहुंचेगा या फिर खेतों के चारों ओर फेंसिंग करनी चाहिए. साथ में ये भी कहा कि फेंसिंग के लिए किसानों को अनुदान मिलना चाहिए. जिससे किसान को खेती में जानवरों से होने वाले नुकसान न झेलना पड़े.