अल्मोड़ा: आज कुमाऊं के अन्तिम राजा रहे राजा आनन्द सिंह की 137वीं जयन्ती है. उनकी जयंती जगदम्बा दरबार डयोडी पोखर अल्मोड़ा में धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर उनकी आदमकद मूर्ति पर माल्यार्पण कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया.
नवमी पर चंद राजवंश के उत्तराधिकारियों ने अपने पुवर्जों को याद किया.
सर्वप्रथम चंद वंश के उत्तराधिकारी परिवार के सदस्यों ने मां नंदा देवी में दर्शन कर अपनी कुलदेवी के चरणों शीश नवाया. डयोडी पोखर में राजपुरोहित वंशज नागेश चंद्र पंत ने राजा आनंद सिंह की मूर्ति को स्नान कराया. रोली, अक्षत चंदन लगाकर पुष्प सुमन अर्पित किये. गीता के श्लोकों का उच्चारण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए. उन्होंने बताया राजा आनंद सिंह पुत्र भीम सिंह सर्वधम प्रेमी, ज्योतिष, वैध, साधु, स्वतन्त्रता सेनानी थे. वह सन् 1921-23 तक कुमाऊं के एमएलसी रहे. कुमाऊं रेजीमेंट की स्थापना में कुमाऊं के नौजवानों के लिए योगदान तथा किसानों के लिए सेव आलू जैसी नकदी फसलों की प्रेरणा दी. इस दौरान अनेक लोगों ने वहां पहुंच कर राजा के समाज के लिए किए गए कार्यों को याद किया.
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उन्होंने कहा कुमाऊं नरेश एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे राजा आनंद सिंह का पर्यावरण के प्रति गहरा लगाव था. पहाड़ के जलस्रोतों का संरक्षण करने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई. चंदवंश राजा आनंद सिंह ने ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा मां नंदादेवी के कौतिक व चंद राजवंश के इतिहास को आने वाली पीढ़ी को पहुंचाया जाना चाहिए.