नई दिल्ली: रूस यूक्रेन जंग के 10वें दिन बड़ी खबर सामने आई है. आज रूस की ओर से यूक्रेन में अस्थायी सीजफायर का एलान किया गया है. भारतीय समयानुसार सुबह साढ़े 11 बजे सीजफायर किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि जब तक यहां फंसे हुए लोगों को निकाल नहीं लिया जाता, तब तक हमले नहीं किए जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक मारियुपोल और वोल्नोवाखा इलाके से नागरिकों के बाहर निकलने के लिए अस्थायी सीजफायर (युद्धविराम) की घोषणा की गई है. सुमी और खार्कोव में फंसे छात्रों को इंतजार करना होगा.
बता दें कि बीते 10 दिन से यूक्रेन में जंग जारी है. रूस लगातार रूस पर हमले कर रहा है. इसी बीच ये जानकारी आई है कि रूस ने अब सीजफायर की बात कही है. बता दें कि देनों देशों के बीच 2 दौर की वार्ता हो चुकी है. जबकि तीसरे दौर की बात संभवतः आज या कल में हो सकती है. 24 फरवरी से जारी दो देशों के बीच जंग की खबरों के बीच 5 मार्च यानी शनिवार को आज राहत की खबर आई है. बता दें कि यूक्रेन में फंसे लोगों को निकालने के लिए सीजफायर का फैसला लिया गया है.
गौरतलब है कि शनिवार को सीजफायर के एलान से पहले कीव के पास बुका में रूसी सेना ने आम जनता पर गोलियां बरसाईं हैं. यूक्रेन की मीडिया ने दावा किया है कि रूसी सैनिकों ने बुका में एक कार पर भी जमकर फायरिंग की है. हादसे में 17 साल की एक लड़की समेत 2 लोगों की मौत हो गई. जबक 4 लोग घायल हो गए.
भारत ने परमाणु केंद्रों पर हमलों के खिलाफ आगाह किया
वहीं, यूक्रेन में जोपोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर रूस के हमले के बाद भारत ने शुक्रवार को आगाह किया कि परमाणु केंद्रों से संबंधित किसी भी दुर्घटना के जन स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं. साथ ही उसने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में पैदा हो रहे मानवीय संकट को 'समझना चाहिए'. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा, भारत परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को सर्वोच्च महत्ता देता है क्योंकि परमाणु केंद्रों से जुड़ी किसी भी दुर्घटना के जन स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर असर हो सकते हैं.
संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक की थी. तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत यूक्रेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और केंद्रों की सुरक्षा से संबंधित घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर रख रहा है और साथ ही कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के उसकी सुरक्षा तथा निगरानी गतिविधियों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है. साथ ही उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यूक्रेन में हमारे सामने पैदा हो रहे मानवीय संकट को समझना चाहिए, जहां कई हजार भारतीय नागरिकों खासतौर से छात्रों समेत निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा दांव पर लगी है.
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उन्होंने उम्मीद जतायी कि रूस और यूक्रेन के बीच दूसरे दौर की वार्ता से सुरक्षित मानवीय गलियारा तत्काल स्थापित होगा. तिरुमूर्ति ने कहा कि यह 'खेदजनक' है कि सुरक्षा परिषद के इस मामले पर पिछले सप्ताह बुलाई बैठक के बाद से यूक्रेन में हालात बिगड़ गए हैं. उन्होंने हिंसा को 'तत्काल खत्म' करने की आवश्यकता दोहरायी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोहराया है, मतभेदों को सतत संवाद और कूटनीति के जरिए हल किया जाना चाहिए.
इनपुट- एजेंसी