ETV Bharat / international

विशेषज्ञों ने किया आगाह- 'कोरोना के डेल्टा स्वरूप के साथ हर्ड इम्युनिटी संभव नहीं'

ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के प्रमुख ने आगाह किया है कि कोरोना के डेल्टा स्वरूप ने हर्ड इम्युनिटी की संभावना को कठिन बना दिया है. प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है. उन्होंने ब्रिटिश सरकार की कोविड-19 रोधी टीके की प्रस्तावित तीसरी बूस्टर खुराक पर शंका जताई.

'कोरोना के डेल्टा स्वरूप
'कोरोना के डेल्टा स्वरूप
author img

By

Published : Aug 11, 2021, 5:26 PM IST

लंदन : ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के प्रमुख ने आगाह किया है कि कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप ने हर्ड इम्युनिटी की संभावना को कठिन बना दिया है. हर्ड इम्युनिटी का अर्थ किसी समाज या समूह के कुछ प्रतिशत लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के माध्यम से किसी संक्रामक रोग के प्रसार को रोकना है. हर्ड इम्युनिटी की संभावना वहां होती है जहां किसी देश की ज्यादातर आबादी किसी वायरस से प्रतिरक्षा हासिल कर लेती है.

प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने मंगलवार को कोरोना वायरस पर सर्वदलीय संसदीय समूह (एपीपीजी) को बताया कि एक और अत्यधिक संक्रामक रोग का डर अब भी बना हुआ है और ऐसा कुछ नहीं है जो जानलेवा संक्रमण को फैलने से पूरी तरह रोक सके.

हालांकि, साथ ही उन्होंने कहा कि 'घबराने' की कोई बात नहीं है. उन्होंने ब्रिटिश सरकार की कोविड-19 रोधी टीके की प्रस्तावित तीसरी बूस्टर खुराक पर शंका जताई.

प्रोफेसर पोलार्ड ने कहा, 'इस संक्रमण के साथ दिक्कत यह है कि यह खसरा नहीं है. अगर 95 प्रतिशत लोगों को खसरे का टीका लगा दिया जाता है तो यह वायरस फैल नहीं सकता. वहीं डेल्टा स्वरूप उन लोगों को संक्रमित करता है जो टीका लगवा चुके हैं. इसका मतलब है कि जिसने अभी तक टीका नहीं लगवाया है वह कभी न कभी संक्रमित हो सकता है.'

उन्होंने कहा, 'हमारे पास ऐसा कुछ नहीं जो संक्रमण को फैलने से रोकेगा इसलिए मुझे लगता है कि हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हर्ड इम्युनिटी संभव नहीं है और मुझे संदेह है कि यह वायरस ऐसा नया स्वरूप पैदा करेगा जो टीका लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित करने में सक्षम होगा.'

यह भी पढ़ें- पूर्ण टीकाकरण के बाद भी संभव है 'ब्रेकथ्रू संक्रमण'

यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया में औषधि के प्रोफेसर और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ पॉल हंटर ने भी इसका समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'हर्ड इम्युनिटी की अवधारणा हासिल नहीं की जा सकती क्योंकि हम जानते हैं कि यह संक्रमण टीका न लगवाने वाले लोगों में फैलेगा और ताजा आंकड़ें यह दिखाते हैं कि टीकों की दो खुराक संक्रमण के खिलाफ संभवत: केवल 50 फीसदी सुरक्षा देती हैं.'

इस बीच, विशेषज्ञों ने ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद की उन योजनाओं को समर्थन दिया है जिसमें अगले महीने से सबसे अधिक खतरे वाले समूहों को फ्लू का टीका लगाने के साथ ही कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी बूस्टर खुराक देने का प्रस्ताव है.

ब्रिटेन में मार्च के बाद से मंगलवार को कोरोना वायरस से सबसे अधिक 149 मरीजों की मौत हुई लेकिन नए मामले 23,510 आए जो सोमवार को आए 25,161 मामलों से कम हैं.

(पीटीआई भाषा)

लंदन : ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के प्रमुख ने आगाह किया है कि कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप ने हर्ड इम्युनिटी की संभावना को कठिन बना दिया है. हर्ड इम्युनिटी का अर्थ किसी समाज या समूह के कुछ प्रतिशत लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के माध्यम से किसी संक्रामक रोग के प्रसार को रोकना है. हर्ड इम्युनिटी की संभावना वहां होती है जहां किसी देश की ज्यादातर आबादी किसी वायरस से प्रतिरक्षा हासिल कर लेती है.

प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने मंगलवार को कोरोना वायरस पर सर्वदलीय संसदीय समूह (एपीपीजी) को बताया कि एक और अत्यधिक संक्रामक रोग का डर अब भी बना हुआ है और ऐसा कुछ नहीं है जो जानलेवा संक्रमण को फैलने से पूरी तरह रोक सके.

हालांकि, साथ ही उन्होंने कहा कि 'घबराने' की कोई बात नहीं है. उन्होंने ब्रिटिश सरकार की कोविड-19 रोधी टीके की प्रस्तावित तीसरी बूस्टर खुराक पर शंका जताई.

प्रोफेसर पोलार्ड ने कहा, 'इस संक्रमण के साथ दिक्कत यह है कि यह खसरा नहीं है. अगर 95 प्रतिशत लोगों को खसरे का टीका लगा दिया जाता है तो यह वायरस फैल नहीं सकता. वहीं डेल्टा स्वरूप उन लोगों को संक्रमित करता है जो टीका लगवा चुके हैं. इसका मतलब है कि जिसने अभी तक टीका नहीं लगवाया है वह कभी न कभी संक्रमित हो सकता है.'

उन्होंने कहा, 'हमारे पास ऐसा कुछ नहीं जो संक्रमण को फैलने से रोकेगा इसलिए मुझे लगता है कि हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हर्ड इम्युनिटी संभव नहीं है और मुझे संदेह है कि यह वायरस ऐसा नया स्वरूप पैदा करेगा जो टीका लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित करने में सक्षम होगा.'

यह भी पढ़ें- पूर्ण टीकाकरण के बाद भी संभव है 'ब्रेकथ्रू संक्रमण'

यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया में औषधि के प्रोफेसर और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ पॉल हंटर ने भी इसका समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'हर्ड इम्युनिटी की अवधारणा हासिल नहीं की जा सकती क्योंकि हम जानते हैं कि यह संक्रमण टीका न लगवाने वाले लोगों में फैलेगा और ताजा आंकड़ें यह दिखाते हैं कि टीकों की दो खुराक संक्रमण के खिलाफ संभवत: केवल 50 फीसदी सुरक्षा देती हैं.'

इस बीच, विशेषज्ञों ने ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जावेद की उन योजनाओं को समर्थन दिया है जिसमें अगले महीने से सबसे अधिक खतरे वाले समूहों को फ्लू का टीका लगाने के साथ ही कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी बूस्टर खुराक देने का प्रस्ताव है.

ब्रिटेन में मार्च के बाद से मंगलवार को कोरोना वायरस से सबसे अधिक 149 मरीजों की मौत हुई लेकिन नए मामले 23,510 आए जो सोमवार को आए 25,161 मामलों से कम हैं.

(पीटीआई भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.