रुद्रपुर: पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी की पत्नी ने अपने पति पर दूसरी शादी करने का आरोप लगाया है. आरोप लगाने वाली महिला अपने दो बच्चों व 80 वर्षीय पिता के साथ कृषि विश्विद्यालय में ही आमरण अनशन पर बैठ गई. वीसी के लाख मनाने के बाद महिला ने अपना अनशन समाप्त किया. हालांकि इस मामले में पहले ही कुलपति ने कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है.
दरअसल, विश्वविद्यालय में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात एक शख्स पर उसकी पत्नी द्वारा दूसरी शादी करने का आरोप लगाया गया है. जिसके बाद महिला ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कर्मचारी को बर्खास्त करने की मांग की थी. महिला ने बताया कि साल 1996 में उसका विवाह बलिया(उत्तरप्रदेश) के रहने वाले सुब्बाराम से हुआ था. महिला ने बताया कि दोनों बच्चों के जन्म के बाद उसके पति का व्यवहार हिंसक हो गया. साथ ही वो उनके साथ गाली-गलौच और मारपीट करने लगा.
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परिजनों ने जब इसकी छानबीन की तो उन्हे पता चला कि सुब्बाराम ने दूसरी शादी कर ली है. जिसके बाद घर में झगड़ा और बढ़ने लगा. इसी बीच सुब्बा राम ने देहरादून परिवार न्यायलय में तलाक की अर्जी डाल दी. जिसके बाद पीड़िता ने भी भरण पोषण और जीवन यापन के लिए परिवार न्यायालय देहरादून में अर्जी डाली. न्यायालय ने पत्नी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुब्बाराम को उसकी पत्नी को आठ हजार और बेटी को 5 हजार रुपए जीवन यापन के लिए देने के निर्देश दिए.
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कुछ समय बाद सुब्बाराम ने न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए ये धनराशि देनी बन्द कर दी. जिसके बाद 15 जून 2017 को पीड़िता सुब्बाराम के पन्तनगर स्थित आवास पर पहुंची. जहां वो अपनी दूसरी पत्नी के साथ रह रहा था. वहां दोनों ने मिल कर उसके साथ मार-पिटाई की. बाद में पीड़िता ने पन्तनगर विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी लिखित शिकायत दी. मामले में जांच करते हुए विश्वविद्यालय ने सुब्बाराम को दोषी पाया. बावजूद इसके इस मामले को दबा दिया गया.
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सुब्बाराम पर कोई कार्रवाई न होने से ये महिला एक बार फिर पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय पहुंची. जहां उसने पति को बर्खास्त करने की मांग करते हुए शासनिक भवन में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया. पीड़िता के बेटे पंकज ने बताया कि उनके पिता ने सरकारी पद पर रहते हुए दूसरा विवाह किया है जो गैरकानूनी है. जिसके कारण वे अपनी मां के साथ आमरण अनशन पर बैठे हैं.