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पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय में आमरण अनशन पर बैठी महिला, पति की बेवफाई से है नाराज

पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात एक शख्स पर उसकी पत्नी द्वारा दूसरी शादी का आरोप लगाया गया है. जिसके बाद महिला ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कर्मचारी को बर्खास्त करने की मांग की थी.

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आमरण अनशन पर बैठी महिला
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Published : Dec 23, 2019, 11:13 PM IST

Updated : Dec 23, 2019, 11:28 PM IST

रुद्रपुर: पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी की पत्नी ने अपने पति पर दूसरी शादी करने का आरोप लगाया है. आरोप लगाने वाली महिला अपने दो बच्चों व 80 वर्षीय पिता के साथ कृषि विश्विद्यालय में ही आमरण अनशन पर बैठ गई. वीसी के लाख मनाने के बाद महिला ने अपना अनशन समाप्त किया. हालांकि इस मामले में पहले ही कुलपति ने कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है.

आमरण अनशन पर बैठी महिला

दरअसल, विश्वविद्यालय में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात एक शख्स पर उसकी पत्नी द्वारा दूसरी शादी करने का आरोप लगाया गया है. जिसके बाद महिला ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कर्मचारी को बर्खास्त करने की मांग की थी. महिला ने बताया कि साल 1996 में उसका विवाह बलिया(उत्तरप्रदेश) के रहने वाले सुब्बाराम से हुआ था. महिला ने बताया कि दोनों बच्चों के जन्म के बाद उसके पति का व्यवहार हिंसक हो गया. साथ ही वो उनके साथ गाली-गलौच और मारपीट करने लगा.

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परिजनों ने जब इसकी छानबीन की तो उन्हे पता चला कि सुब्बाराम ने दूसरी शादी कर ली है. जिसके बाद घर में झगड़ा और बढ़ने लगा. इसी बीच सुब्बा राम ने देहरादून परिवार न्यायलय में तलाक की अर्जी डाल दी. जिसके बाद पीड़िता ने भी भरण पोषण और जीवन यापन के लिए परिवार न्यायालय देहरादून में अर्जी डाली. न्यायालय ने पत्नी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुब्बाराम को उसकी पत्नी को आठ हजार और बेटी को 5 हजार रुपए जीवन यापन के लिए देने के निर्देश दिए.

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कुछ समय बाद सुब्बाराम ने न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए ये धनराशि देनी बन्द कर दी. जिसके बाद 15 जून 2017 को पीड़िता सुब्बाराम के पन्तनगर स्थित आवास पर पहुंची. जहां वो अपनी दूसरी पत्नी के साथ रह रहा था. वहां दोनों ने मिल कर उसके साथ मार-पिटाई की. बाद में पीड़िता ने पन्तनगर विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी लिखित शिकायत दी. मामले में जांच करते हुए विश्वविद्यालय ने सुब्बाराम को दोषी पाया. बावजूद इसके इस मामले को दबा दिया गया.

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सुब्बाराम पर कोई कार्रवाई न होने से ये महिला एक बार फिर पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय पहुंची. जहां उसने पति को बर्खास्त करने की मांग करते हुए शासनिक भवन में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया. पीड़िता के बेटे पंकज ने बताया कि उनके पिता ने सरकारी पद पर रहते हुए दूसरा विवाह किया है जो गैरकानूनी है. जिसके कारण वे अपनी मां के साथ आमरण अनशन पर बैठे हैं.

रुद्रपुर: पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी की पत्नी ने अपने पति पर दूसरी शादी करने का आरोप लगाया है. आरोप लगाने वाली महिला अपने दो बच्चों व 80 वर्षीय पिता के साथ कृषि विश्विद्यालय में ही आमरण अनशन पर बैठ गई. वीसी के लाख मनाने के बाद महिला ने अपना अनशन समाप्त किया. हालांकि इस मामले में पहले ही कुलपति ने कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है.

आमरण अनशन पर बैठी महिला

दरअसल, विश्वविद्यालय में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात एक शख्स पर उसकी पत्नी द्वारा दूसरी शादी करने का आरोप लगाया गया है. जिसके बाद महिला ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कर्मचारी को बर्खास्त करने की मांग की थी. महिला ने बताया कि साल 1996 में उसका विवाह बलिया(उत्तरप्रदेश) के रहने वाले सुब्बाराम से हुआ था. महिला ने बताया कि दोनों बच्चों के जन्म के बाद उसके पति का व्यवहार हिंसक हो गया. साथ ही वो उनके साथ गाली-गलौच और मारपीट करने लगा.

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परिजनों ने जब इसकी छानबीन की तो उन्हे पता चला कि सुब्बाराम ने दूसरी शादी कर ली है. जिसके बाद घर में झगड़ा और बढ़ने लगा. इसी बीच सुब्बा राम ने देहरादून परिवार न्यायलय में तलाक की अर्जी डाल दी. जिसके बाद पीड़िता ने भी भरण पोषण और जीवन यापन के लिए परिवार न्यायालय देहरादून में अर्जी डाली. न्यायालय ने पत्नी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुब्बाराम को उसकी पत्नी को आठ हजार और बेटी को 5 हजार रुपए जीवन यापन के लिए देने के निर्देश दिए.

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कुछ समय बाद सुब्बाराम ने न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए ये धनराशि देनी बन्द कर दी. जिसके बाद 15 जून 2017 को पीड़िता सुब्बाराम के पन्तनगर स्थित आवास पर पहुंची. जहां वो अपनी दूसरी पत्नी के साथ रह रहा था. वहां दोनों ने मिल कर उसके साथ मार-पिटाई की. बाद में पीड़िता ने पन्तनगर विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी लिखित शिकायत दी. मामले में जांच करते हुए विश्वविद्यालय ने सुब्बाराम को दोषी पाया. बावजूद इसके इस मामले को दबा दिया गया.

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सुब्बाराम पर कोई कार्रवाई न होने से ये महिला एक बार फिर पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय पहुंची. जहां उसने पति को बर्खास्त करने की मांग करते हुए शासनिक भवन में ही आमरण अनशन शुरू कर दिया. पीड़िता के बेटे पंकज ने बताया कि उनके पिता ने सरकारी पद पर रहते हुए दूसरा विवाह किया है जो गैरकानूनी है. जिसके कारण वे अपनी मां के साथ आमरण अनशन पर बैठे हैं.

Intro:Summry - गोविंद बल्ब कृषि विश्विद्यालय पन्तनगर में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात कर्मचारी की पत्नी द्वारा पति पर दूसरी शादी का आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति से न्याय की गुहार लगाई है।


एंकर - पन्तनगर कृषि विश्विद्यालय के एक कर्मचारी की पत्नी ने पति पर दूसरी शादी करने का आरोप लगाते हुए उसे बर्खास्त करने की मांग की है। हालांकि कुलपति द्वारा कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है। बावजूद इसके पीड़ित महिला अपने दो बच्चो व 80 वर्षीय पिता संग आमरण अनशन पर बैठ चूकी है। बाद में विश्विद्यालय के वीसी द्वारा कार्यवाही के अस्वाशन के बाद अनशन समाप्त कर दिया गया।


Body:वीओ - पन्त नगर कृषि विश्वविद्यालय को सुर्खियों में रहने की आदत पड़ गयी है। पूर्व में छात्रो संग रैकिंग ओर शिक्षक द्वारा छात्राओ संग अभद्रता के बाद अब विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी के विरुद्ध उसी की पत्नी द्वारा मोर्चा खोलेते हुए अपने दो बच्चो व अपने 80 वर्षीय पिता के साथ प्रशासनिक भवन में आमरण अनशन पर बैठ गयी। दरशल विश्विद्यालय में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात एक सख्स पर उसकी पत्नी द्वारा दूसरी शादी का आरोप लगाते हुए विश्विद्यालय प्रशासन से कर्मचारी को बर्खास्त करने की मांग की थी । महिला द्वारा बताया गया क़ई वर्ष 1996 में उसका विवाह हिन्दू रीति रिवाज के मुताबिक सुब्बाराम निवासी पोस्ट अखोप जिला बलिया उत्तरप्रदेश के साथ हुआ था। महिला के अनुसार पति का व्यवहार दोनों बच्चो के जन्म के बाद हिंसक हो गया और वह उनके साथ गाली गलौच व मार पीट करता रहता था। जब परिजनों ने इसबारे में जानकारी निकाली तो पता चला कि सुब्बाराम द्वारा दूसरा विवाह कर लिया गया है। जिसके बाद दोनों के बीच क्लेश बढ़ने लगा इसी बीच सुब्बा राम द्वारा देहरादून परिवार न्यायलय में तलाक का वाद दायर कर दिया गया। जिसके बाद पीड़िता द्वारा भरण पोषण जीवन यापन के लिए परिवार न्यायलय देहरादून में वाद दायर किया गया। जिसके बाद न्यायलय द्वारा पत्नी को आठ हजार ओर बेटी को 5 हजार जीवन यापन के लिए देने के निर्देश दिए थे। कुछ समय बाद सुब्बा राम द्वारा न्यायलय के आदेशों को दरकिनार करते हुए जीवन यापन की धनराशि देनी बन्द कर दी। पीड़िता 15 जून 2017 को पन्तनगर स्थित आवंटित आवास पहुची तो उसकी दूसरी पत्नी उसके साथ सरकारी भवन में मौजूद थी। जिसके बाद दोनों ने मिल कर उसके साथ व दोनों बच्चो के साथ मार पिटाई की। बाद में पीड़िता द्वारा पन्तनगर विश्वविद्यालय प्रशासन को 28 सितम्बत 2017 व 11 अक्टूबर 2017 इसकी लिखित शिकायत की थी। मामले में विश्विद्यालय द्वारा जांच कर सुब्बाराम को दोषी पाया था। जिसके बाद से मामले की फाइल को दबा दिया गया था। जब आरोपी के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नही की गई तो एक बार फिर पीड़िता द्वारा पन्तनगर विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित शिकायत कर आरोपी पति को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की गई। बाद में विश्विद्यालय द्वारा आरोपी सुब्बाराम को सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन महिला द्वारा आरोपी पति को बर्खास्त ना होने से नाराज़ प्रशासनिक भवन में आमरण अनशन शुरू कर दिया था। बाद में कुलपति से वार्ता कर आमरण अनशन को समाप्त कर दिया गया।
पीड़िता के बेटे पंकज ने बताया कि उनके पिता द्वारा सरकारी पद पर रहते हुए दूसरा विवाह किया गया है जो गैरकानूनी है। क़ई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही विश्विद्यालय द्वारा नही की गई है। आज वह पूरे परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठे है। हालांकि विश्विद्यालय द्वारा कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है। लेकिन उनकी मांग है कि उन्हें बर्खास्त किया जाए। विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा एक माह में कार्यवाही करने का आश्वाशन दिया गया है।

बाइट - पंकज, पीड़िता का बेटा। Conclusion:
Last Updated : Dec 23, 2019, 11:28 PM IST
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