रुद्रपुरः पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट द्वारा नजूल भूमि पर मालिकाना हक देने के प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद रुद्रपुरवासियों पर खुशी का माहौल है. रुद्रपुर वासियों ने मुख्यमंत्री, शहरी विकास मंत्री व विधायक का आभार जताया है. लोगों ने शहर में जुलूस निकालकर मिठाइयां बांटी.
कैबिनेट में नजूल भूमि पर मालिकाना हक देने के प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद उधम सिंह नगर मुख्यालय रुद्रपुर के जगतपुरा और मुखर्जीनगर के लोगों ने जुलूस निकाल कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत व रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल का धन्यवाद किया. बस्ती बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि लंबे समय से रुद्रपुर में नजूल भूमि पर निवास कर रहे लगभग 20 हजार परिवारों को डर सता रहा था कि उनसे कभी भी उनकी भूमि छिनी जा सकती है. लेकिन विधायक राजकुमार ठुकराल के प्रयासों और सीएम धामी व शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत के दृढ़ संकल्प ने नजूल भूमि पर रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दिलाकर जनता को बड़ी सौगात दी है.
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विधायक ठुकराल ने कहा था नहीं लडूंगा चुनावः रुद्रपुर विधायक राजकुमार ठुकराल ने कहा था कि अगर नजूल की भूमि पर मालिकाना हक नहीं मिला तो 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा.
हर चुनाव में उछला नजूल का मुद्दाः नैनीताल हाईकोर्ट ने एक PIL पर नजूल भूमि में काबिज लोगों को हटाने के आदेश दिए थे. जिसके बाद से ही भाजपा के लिए नजूल भूमि चुनावी मुद्दा बन गया था. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी नजूल में मालिकाना हक को लेकर खूब बयानबाजी हुई थी. निकाय चुनाव में भी नजूल को मुद्दा बनाकर भाजपा ने जिले के दोनों नगर निगम में अपने मेयर काबिज किए थे.
क्या है नजूल भूमि विवादः सरकार के कब्जे की ऐसी भूमि जिसका उल्लेख राजस्व रिकॉर्ड में नहीं है. ऐसी भूमि का रिकॉर्ड निकायों के पास होता है. बता दें कि देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के अलावा नैनीताल जिले के तराई क्षेत्र में सबसे अधिक नजूल भूमि है. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो प्रदेश में 392,204 हेक्टेयर नजूल भूमि है. इस भूमि के बहुत बड़े हिस्से पर डेढ़ लाख से अधिक लोग काबिज हैं. कहीं भूमि लीज पर है तो कहीं इस पर दशकों से कब्जे हैं.