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पहाड़ों पर बेहतर शिक्षा के लिए आयोजित हुई ई-लर्निंग कार्यशाला, सरकार को भेजे जाएंगे अहम सुझाव - ई- लर्निंग को लेकर बैठक

रुद्रपुर के शहीद भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ई- लर्निंग के महत्व को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

पहाड़ों पर बेहतर शिक्षा के लिए आयोजित हुई ई-लर्निंग कार्यशाला
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Published : Feb 28, 2019, 6:14 PM IST

उधम सिंह नगर: रुद्रपुर के शहीद भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ई- लर्निंग के महत्व को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति ओरीएस नेगीऔर विधायक राजकुमार ठुकराल ने किया. जिसमें देश के 24 संस्थानों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की.

पहाड़ों पर बेहतर शिक्षा के लिए आयोजित हुई ई-लर्निंग कार्यशाला

पहाड़ी राज्यों के दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला के दूसरे दिन डिस्टेंस एजुकेशन के महत्व को लेकर चर्चा की गई. पहाड़ी इलाकों में लोगों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने के लिए ई- लर्निंग कितना महत्वपूर्ण है इस पर भी बातचीत की गई. दो दिनों तक चले इस कार्यशाला में देश के 24 संस्थानों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर अपने सुझाव रखें.

पढ़ें:शिवरात्री: गंगाजल लेने धर्मनगरी पहुंचे रहे शिव भक्त, हाई अलर्ट पर कांवड़ यात्रा मार्ग

आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम को 8 विभागों में बांटा गया था. जिसमें पूरे देश से 88 शोध पत्र उन्हें प्राप्त हुए थे. इन 88 शोध पत्रों पर 24 संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने सुझाव को कार्यशाला में विस्तृत रूप दिया गया. वहीं आयोजक टीम के सदस्य डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि दो दिनों तक चले कार्यशाला में जो भी सुझाव आए हैं उन्हें सरकार को प्रस्ताव बना कर भेजा जाएगा. ताकि दुरस्त क्षेत्रों में भी ई- लर्निंग से वहां के छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सके.

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उधम सिंह नगर: रुद्रपुर के शहीद भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ई- लर्निंग के महत्व को लेकर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति ओरीएस नेगीऔर विधायक राजकुमार ठुकराल ने किया. जिसमें देश के 24 संस्थानों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की.

पहाड़ों पर बेहतर शिक्षा के लिए आयोजित हुई ई-लर्निंग कार्यशाला

पहाड़ी राज्यों के दूरस्थ क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला के दूसरे दिन डिस्टेंस एजुकेशन के महत्व को लेकर चर्चा की गई. पहाड़ी इलाकों में लोगों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था देने के लिए ई- लर्निंग कितना महत्वपूर्ण है इस पर भी बातचीत की गई. दो दिनों तक चले इस कार्यशाला में देश के 24 संस्थानों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर अपने सुझाव रखें.

पढ़ें:शिवरात्री: गंगाजल लेने धर्मनगरी पहुंचे रहे शिव भक्त, हाई अलर्ट पर कांवड़ यात्रा मार्ग

आयोजकों ने बताया कि कार्यक्रम को 8 विभागों में बांटा गया था. जिसमें पूरे देश से 88 शोध पत्र उन्हें प्राप्त हुए थे. इन 88 शोध पत्रों पर 24 संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने सुझाव को कार्यशाला में विस्तृत रूप दिया गया. वहीं आयोजक टीम के सदस्य डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि दो दिनों तक चले कार्यशाला में जो भी सुझाव आए हैं उन्हें सरकार को प्रस्ताव बना कर भेजा जाएगा. ताकि दुरस्त क्षेत्रों में भी ई- लर्निंग से वहां के छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सके.

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Intro:एंकर - उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के लिए ई लर्निंग सेवा कितनी महत्वपूर्ण है इस पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया इस दौरान देश के 24 संस्थानों के प्रतिनिधियो ने शिरकत की इसके साथ साथ उत्तराखण्ड ओपन यूनिवर्सिटी के प्रचार्य ओर विधायक राजकुमार ठुकराल ने कार्यशाला का शुभारम्भ किया था।


Body:वीओ - पहाड़ी राज्यो के दूरस्थ क्षेत्रो में बेहतर शिक्षा देने के लिए उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा ई लर्निंग पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन रुद्रपुर के शहीद भगत सिंह राजकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय में किया गया। कार्यशाला के दूसरे दिन डिस्टेंस एजुकेशन मैं ई लर्निंग के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इसके साथ ही पहाड़ी जिलों के क्षेत्रों में लोगों तक बेहतर शिक्षा व्यवस्था को पहुंचाने मैं ई लर्निंग कितना महत्वपूर्ण है इस पर विचार विमर्श किया गया 2 दिनों तक चले इस कार्यशाला में देश के 24 संस्थानों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। साथ ही अपने सुझाव भी रखें। आयोजको ने बताया कि कार्यशाला में 24 संस्थानों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया है कार्यक्रम को 8 सेक्शनों में बाटा गया था जिसमे पूरे देश से 88 सोध पत्र उन्हें प्राप्त हुए थे। 88 सोध पत्रों पर 24 संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा अपने अपने सुझाव को कार्यशाला में विस्तृत रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रो में बेहतर शिक्षा प्रदान करना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है।

वही आयोजक टीम के सदस्य डॉ योगेश शर्मा ने बताया कि जिस तरह से प्रधानमंत्री दिल्ली में बैठ कर देश मे किसी भी छात्र ओर छात्राओं को सम्बोधित ओर बातचीत कर सकते है ये ई लर्निग का ही पार्ट है उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के हिमालयी जिलों में बेहतर शिक्षा देने के लिए ई लर्निग बहुत जरूरी है दो दिनों तक चले कार्यशाला में जो भी सुझाव आये है उन्हें सरकार को प्रस्ताव बना कर भेजा जाएगा। ताकि दुरस्त क्षेत्रो में भी ई लर्निग से वहा के छात्र ओर छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सके।

बाइट - योगेश शर्मा, आयोजक।




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