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आम और लीची की मिठास पड़ेगी महंगी, आंधी से 20 फीसदी फसल बर्बाद - chapa disease

जून आने को है और लोग आम और लीची खाने को बेताब हैं. लेकिन आंधी तूफान ने आम और लीची को बहुत नुकसान पहुंचाया है. रुद्रपुर में कई दिन से आ रहे आंधी तूफान से आम और लीची की 20 फीसदी फसल को नुकसान हुआ है. ऐसे में इस बार आम और लीची के शौकीनों को अपने पसंदीदा फलों के ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं.

Rudrapur Mango Crop
रुद्रपुर आम की फसल
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Published : May 14, 2022, 10:57 AM IST

Updated : May 14, 2022, 2:29 PM IST

रुद्रपुर: आंधी तूफान ने जनपद की आम और लीची की फसल को प्रभावित किया है. तूफान ने लगभग 20 फीसदी फलों को बर्बाद कर दिया है. उद्यान विभाग तूफान से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है.

पहले चेपा रोग और अब आंधी तूफान ने किसानों की आम और लीची की फसल बर्बाद कर दी है. दो से तीन दिन लगातार आई आंधी ने आम और लीची की फसल को बर्बाद कर दिया है. आलम ये है कि अब बगीचे में कुछ ही पेड़ों में आम और लीची की फसल दिख रही है. उद्यान विभाग नुकसान का आकलन में जुट गया है.
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तराई में इस बार आम का सीजन होने और पेड़ों में भरपूर बौर आने से किसानों को अच्छे उत्पादन की उम्मीद जगी थी. लेकिन चेपा रोग और फिर समय-समय पर आ रही आंधी तूफान से पेड़ों से आम और लीची के फल गिर गए हैं. इस बार तराई में 4 हजार हेक्टेयर में आम की फसल लगी है. पिछले साल 30 हजार मीट्रिक टन आम की पैदावार हुई थी.

आम के साथ ही लीची को भी भारी नुकसान हुआ है. इसके चलते बगीचों को ठेके पर लेने वाले ठेकेदारों के माथे पर बल हैं. वहीं उत्पादन कम होने की वजह से बाजार में आम और लीची के महंगा होने की संभावना है. इधर उद्यान विभाग के अनुसार आंधी तूफान से 20 फीसदी नुकसान हुआ है. ठेकेदारों की मानें तो इस बार कई ठेकेदारों ने नुकसान के डर से ठेका ही छोड़ दिया है.

ये भी पढ़ें: पौड़ी जिले में बारिश और तूफान से तबाही, तहसीलदार की कार के ऊपर गिरा पेड़

रुद्रपुर: आंधी तूफान ने जनपद की आम और लीची की फसल को प्रभावित किया है. तूफान ने लगभग 20 फीसदी फलों को बर्बाद कर दिया है. उद्यान विभाग तूफान से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है.

पहले चेपा रोग और अब आंधी तूफान ने किसानों की आम और लीची की फसल बर्बाद कर दी है. दो से तीन दिन लगातार आई आंधी ने आम और लीची की फसल को बर्बाद कर दिया है. आलम ये है कि अब बगीचे में कुछ ही पेड़ों में आम और लीची की फसल दिख रही है. उद्यान विभाग नुकसान का आकलन में जुट गया है.
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तराई में इस बार आम का सीजन होने और पेड़ों में भरपूर बौर आने से किसानों को अच्छे उत्पादन की उम्मीद जगी थी. लेकिन चेपा रोग और फिर समय-समय पर आ रही आंधी तूफान से पेड़ों से आम और लीची के फल गिर गए हैं. इस बार तराई में 4 हजार हेक्टेयर में आम की फसल लगी है. पिछले साल 30 हजार मीट्रिक टन आम की पैदावार हुई थी.

आम के साथ ही लीची को भी भारी नुकसान हुआ है. इसके चलते बगीचों को ठेके पर लेने वाले ठेकेदारों के माथे पर बल हैं. वहीं उत्पादन कम होने की वजह से बाजार में आम और लीची के महंगा होने की संभावना है. इधर उद्यान विभाग के अनुसार आंधी तूफान से 20 फीसदी नुकसान हुआ है. ठेकेदारों की मानें तो इस बार कई ठेकेदारों ने नुकसान के डर से ठेका ही छोड़ दिया है.

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Last Updated : May 14, 2022, 2:29 PM IST
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