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फूड प्वाइजनिंग से बिगड़ी डेढ़ दर्जन बच्चों की हालत, आनन-फानन कराया अस्पताल में भर्ती

रुड़की के शिकारपुर स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चे मंगलवार को फूड फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए. रात भर विद्यालय में दर्द से तड़पने के बाद बुधवार की सुबह लंढौरा के स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों को भर्ती कराया गया.

खराब खाना खाने से मासूमों की हालत नाजुक.
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Published : Aug 28, 2019, 6:35 PM IST

रुड़की: नगर के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चे मंगलवार को फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए. खाने में गड़बड़ी के चलते बच्चों को अचानक पेट में दर्द होने के कारण मासूमों की हालत खराब होने लगी. आनन- फानन में पीड़ित बच्चों को लंढौरा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. चिकित्सकों ने आधा दर्जन बच्चों की हालत को चिंताजनक देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की के लिए रेफर कर दिया है.

दरअसल रुड़की के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में बच्चे को मंगलवार शाम खाने में दाल रोटी दी गई थी. शाम का खाना खाने के बाद डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चों की हालत बिगड़ गई. जिसमें बताया गया है कि दाल रोटी खाने के करीब एक घंटा बाद बच्चों को उल्टी, चक्कर, सिर दर्द, हाथ पैरों में जकड़न व एक बच्चे की नकसीर भी चलनी शुरू हो गई.

खराब खाना खाने से मासूमों की हालत नाजुक.

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स्कूली बच्चों ने मामले से स्कूल स्टाफ को अवगत कराया. बच्चों का आरोप है की स्कूल के स्टाफ ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और रात भर बच्चे विद्यालय में ही तड़पते रहे और उन्हें उपचार नहीं दिया गया. सुबह होने पर जब बच्चों की हालत और अधिक बिगड़ गई तो उन्हें आनन-फानन में लंढौरा के सरकारी अस्पताल लाया गया.

बता दें कि बच्चों की हालत बिगड़ने की जानकारी अभिभावकों को मिलने पर वह पौरन विद्यालय पहुंचे. अभिभावकों का स्कूल प्रशासन पर आरोप है कि विद्यालय के प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को बीमार बच्चों से मिलने तक नहीं दिया. स्कूल के शिक्षक कुछ बच्चों को लंढौरा अस्पताल से वापस विद्यालय ले गए. अभिभावकों में विद्यालय स्टाफ के प्रति गंभीर नाराजगी बनी हुई है.

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वहीं, लंढौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि विद्यालय के बच्चे अस्पताल आए थे, जिनमें फूड प्वाइजनिंग होने की संभावना है. कुछ बच्चों की हालत नाजुक देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की के लिए रेफर किया गया है. उनका कहना है बासी या संक्रमित खाना खाने से ही फूड प्वाइजनिंग होती है.

रुड़की: नगर के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चे मंगलवार को फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए. खाने में गड़बड़ी के चलते बच्चों को अचानक पेट में दर्द होने के कारण मासूमों की हालत खराब होने लगी. आनन- फानन में पीड़ित बच्चों को लंढौरा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. चिकित्सकों ने आधा दर्जन बच्चों की हालत को चिंताजनक देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की के लिए रेफर कर दिया है.

दरअसल रुड़की के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में बच्चे को मंगलवार शाम खाने में दाल रोटी दी गई थी. शाम का खाना खाने के बाद डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चों की हालत बिगड़ गई. जिसमें बताया गया है कि दाल रोटी खाने के करीब एक घंटा बाद बच्चों को उल्टी, चक्कर, सिर दर्द, हाथ पैरों में जकड़न व एक बच्चे की नकसीर भी चलनी शुरू हो गई.

खराब खाना खाने से मासूमों की हालत नाजुक.

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स्कूली बच्चों ने मामले से स्कूल स्टाफ को अवगत कराया. बच्चों का आरोप है की स्कूल के स्टाफ ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और रात भर बच्चे विद्यालय में ही तड़पते रहे और उन्हें उपचार नहीं दिया गया. सुबह होने पर जब बच्चों की हालत और अधिक बिगड़ गई तो उन्हें आनन-फानन में लंढौरा के सरकारी अस्पताल लाया गया.

बता दें कि बच्चों की हालत बिगड़ने की जानकारी अभिभावकों को मिलने पर वह पौरन विद्यालय पहुंचे. अभिभावकों का स्कूल प्रशासन पर आरोप है कि विद्यालय के प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को बीमार बच्चों से मिलने तक नहीं दिया. स्कूल के शिक्षक कुछ बच्चों को लंढौरा अस्पताल से वापस विद्यालय ले गए. अभिभावकों में विद्यालय स्टाफ के प्रति गंभीर नाराजगी बनी हुई है.

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वहीं, लंढौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि विद्यालय के बच्चे अस्पताल आए थे, जिनमें फूड प्वाइजनिंग होने की संभावना है. कुछ बच्चों की हालत नाजुक देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की के लिए रेफर किया गया है. उनका कहना है बासी या संक्रमित खाना खाने से ही फूड प्वाइजनिंग होती है.

Intro:रूड़की के शिकारपुर स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चे फूड पाइजिंग का शिकार हो गए।रात भर बच्चे विद्यालय में ही तड़पते रहे हालत ज्यादा बिगड़ने पर बच्चों को बुधवार की सुबह लंढौरा के स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया चिकित्सकों ने आधा दर्जन बच्चों की हालत को चिंताजनक देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की के लिए रेफर कर दिया है बच्चों की हालत बिगड़ने की जानकारी अभिभावकों को मिलने पर विद्यालय पहुंचे जिन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय के प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को भी बीमार बच्चों से नहीं मिलने दिया।स्कूल के शिक्षक कुछ बच्चों को लंढौरा अस्पताल से वापस विद्यालय ले गए।अभिभावकों में विद्यालय स्टाफ के प्रति नाराजगी बनी हुई है।

Body:बता दें कि रूड़की के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में सैकड़ों बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं बताया गया है कि मंगलवार की शाम को स्कूली बच्चों को खाने में दाल रोटी दी गई थी शाम का खाना खाने के बाद डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चों की हालत बिगड़ गई जिसमें बताया गया है कि दाल रोटी खाने के करीब एक घंटा बाद बच्चों को उल्टी चक्कर सिर दर्द हाथ पैरों में जकड़न व एक बच्चे की नकसीर भी चलनी शुरू हो गई।स्कूली बच्चों ने मामले से स्कूल स्टाफ को अवगत कराया बच्चों का आरोप है की स्कूल के स्टाफ ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और रात भर बच्चे विद्यालय में ही तड़पते रहे लेकिन उनको उपचार नहीं दिलाया गया सुबह होने पर जब बच्चों की हालत और अधिक बिगड़ गई तो उन्हें आनन-फानन में लंढोरा के सरकारी अस्पताल लाया गया।जहाँ चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद आधा दर्जन से अधिक बच्चों की हालत को नाजुक देखते हुए रुड़की के सिविल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।कुछ बच्चों को स्कूल का स्टाफ लंढौरा अस्पताल से ही वापस विद्यालय ले गया जिसके बाद विद्यालय द्वारा बच्चों के परिजनों को मामले से अवगत कराया गया बच्चों की हालत बिगड़ने की जानकारी मिलने पर अभिभावक विद्यालय पहुंचे आरोप है कि विद्यालय के प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को बच्चों से नहीं मिलने दिया यहां तक की मीडिया को भी विद्यालय में नहीं घुसने दिया।

Conclusion:वहीं लंढौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि राजीव गांधी विद्यालय के बच्चे अस्पताल आए थे जिनमें फूड पाइजिंग होने की संभावना है कुछ बच्चों की हालत नाजुक देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की के लिए रेफर किया गया है उनका कहना है घटिया किस्म का खाना खाने बासी खाना खाने या बाहर से मंगाए गए खाने से फ़ूड पोइजिंग होती है।विद्यालय पहुंचे अभिभावक जितेंद्र व धर्मेंद्र कुमार का आरोप है कि बच्चों को घटिया किस्म का खाना दिया जाता है उनके द्वारा कई बार शिकायत भी की गई लेकिन आज तक शिक्षा विभाग आंखें मूंदे हुए हैं उनका कहना है कि पिछले 5 वर्षों से एक महिला को ही टेंडर दिया हुआ है।

बाइट-- धर्मेंद्र (अभिभावक)
बाइट -- जितेंद्र (अभिभावक)
बाइट-- डॉक्टर जितेंद्र मिश्रा (प्रभारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लंढौरा)
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