रुड़की: नगर के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चे मंगलवार को फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए. खाने में गड़बड़ी के चलते बच्चों को अचानक पेट में दर्द होने के कारण मासूमों की हालत खराब होने लगी. आनन- फानन में पीड़ित बच्चों को लंढौरा के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. चिकित्सकों ने आधा दर्जन बच्चों की हालत को चिंताजनक देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की के लिए रेफर कर दिया है.
दरअसल रुड़की के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में बच्चे को मंगलवार शाम खाने में दाल रोटी दी गई थी. शाम का खाना खाने के बाद डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चों की हालत बिगड़ गई. जिसमें बताया गया है कि दाल रोटी खाने के करीब एक घंटा बाद बच्चों को उल्टी, चक्कर, सिर दर्द, हाथ पैरों में जकड़न व एक बच्चे की नकसीर भी चलनी शुरू हो गई.
यह भी पढ़ें: ATM गार्ड की मौत के मामले में पुलिस के हाथ खाली, गुस्साए लोगों ने किया प्रदर्शन
स्कूली बच्चों ने मामले से स्कूल स्टाफ को अवगत कराया. बच्चों का आरोप है की स्कूल के स्टाफ ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया और रात भर बच्चे विद्यालय में ही तड़पते रहे और उन्हें उपचार नहीं दिया गया. सुबह होने पर जब बच्चों की हालत और अधिक बिगड़ गई तो उन्हें आनन-फानन में लंढौरा के सरकारी अस्पताल लाया गया.
बता दें कि बच्चों की हालत बिगड़ने की जानकारी अभिभावकों को मिलने पर वह पौरन विद्यालय पहुंचे. अभिभावकों का स्कूल प्रशासन पर आरोप है कि विद्यालय के प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को बीमार बच्चों से मिलने तक नहीं दिया. स्कूल के शिक्षक कुछ बच्चों को लंढौरा अस्पताल से वापस विद्यालय ले गए. अभिभावकों में विद्यालय स्टाफ के प्रति गंभीर नाराजगी बनी हुई है.
यह भी पढ़ें: कैम्पा योजना के तहत केंद्र सरकार उत्तराखंड को देगी 2650 करोड़, जंगलों को बचाने के लिए होंगे खर्च
वहीं, लंढौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि विद्यालय के बच्चे अस्पताल आए थे, जिनमें फूड प्वाइजनिंग होने की संभावना है. कुछ बच्चों की हालत नाजुक देखते हुए सिविल अस्पताल रुड़की के लिए रेफर किया गया है. उनका कहना है बासी या संक्रमित खाना खाने से ही फूड प्वाइजनिंग होती है.