रुड़की: भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र में वायरल बुखार, डेंगू, दमा, टीबी आदि का कहर जारी है. जिससे महज डेढ़ महीने में दर्जनभर गावों के दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं और दूषित पानी इन गांवों में जहर घोलने का काम कर रहा है.
मानकों की अनदेखी कर फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं वायु को जहरीला बना रही है. जिससे आस पास के गावों में बीमारी पैर पसारती दिख रही है. साथ ही ग्रामीणों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है. बता दें कि हाल ही में सिकंदरपुर, रायपुर , सिसौना, लाव्वा, चोल्ली शहाबुद्दीन पुर, खुब्बनपुर आदि दर्जनों गांवों में अनेक बीमारी के चलते ग्रामीणों की जान गई थी. जिसे ईटीवी भारत ने खास तौर पर दिखाया भी था, लेकिन जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार मूक दर्शक बनी हुई है.
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ग्रामीणों का कहना है कि कई बार फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी और धुएं को लेकर पॉल्यूशन अधिकारी और एसडीएम भगवानपुर को लिखित शिकायत भी की गई है. लेकिन अब तक कोई भी अधिकारी सुध लेने के लिए नहीं आया. वहीं, रायपुर के ग्राम प्रधान पति जॉनी कसेरिया का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद भी इन कंपनी मालिकों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि अधिकारियों से मिलकर लोगों की मौत का सौदा किया जा रहा है, जो बहुत ही दुखद है.
इस मामले में जब भगवानपुर विधायक ममता राकेश से बात की गई तो उन्होंने डबल इंजन सरकार के सिर पर ठीकरा फोड़ते हुए बताया कि ये सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है. उन्होंने सरकार के मंत्री से गुहार लगाई है कि कम से कम जमीनी ना सही कोई मंत्री इन क्षेत्रों का हवाई दौरा ही कर ले, तो शायद कुछ सुधार हो सके. उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं और दूषित पानी प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है जिससे लोग बीमार हो रहे हैं.
वहीं सत्ताधारी विधायक देशराज कर्णवाल ने स्वीकार किया कि भगवानपुर और झबरेड़ा के औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है. जिससे आस पास के गावों में बीमारियां फैल रही हैं. उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को आने वाले विधानसभा सत्र में जरूर उठाएंगे और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच कराकर उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई भी करावाएंगे.
वहीं एसडीएम भगवानपुर ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि पॉल्यूशन विभाग को पत्र लिखकर जल्द से जल्द जांच कराकर इसकी रिपोर्ट मांगी गई है. उन्होंने भी गावों में बीमारी का कारण फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित धुएं और दूषित पानी को बताया.